काव्य रथी पर आसक्त कविता कामिनी खिले उर शुचिता प्रसून, मिटे दुःख संकट भय। बहे संवेदन सरि निर्झर, सृ…
Read more »छठ महापर्व: तीसरे दिन 'संध्या अर्घ्य' सत्येन्द्र कुमार पाठक छठ महापर्व के चार दिवसीय अनुष्ठ…
Read more »मोहब्बत बाग से रूठ गई मोहब्बत के बाग में बहुत फूल खिल उठे। सभी अपनी डाले पर बहुत ये मुस्करा रहे। और…
Read more »छठ पूजा, खरना और साठी का चावल। जय प्रकाश कुवंर छठ महापर्व के चार दिवसीय अनुष्ठान के दूसरे दिन खरना …
Read more »जनता बनाम सत्ता – संवाद रचना --- ✍️ डॉ. रवि शंकर मिश्र "राकेश" ~~~~~~~~~~~~~~~…
Read more »सौर सम्प्रदाय: उद्भव, विकास और छठ पूजा प्रकृति संस्कृति सत्येन्द्र कुमार पाठक सौर सम्प्रदाय प्राची…
Read more »प्रसिद्ध सूर्य मंदिर और सूर्यकुंड: आस्था, इतिहास और छठ महापर्व का केंद्र सत्येन्द्र कुमार पाठक भारत…
Read more »खड़ना : आस्था का उजियारा ✍️ डॉ. रवि शंकर मिश्र "राकेश" सूरज ढले, संध्या सजे, अर…
Read more »श्री गणेशाय नम: 27 अक्टूबर 2025, सोमवार का दैनिक पंचांग एवं राशिफल - सभी १२ राशियों के लिए कैसा रहे…
Read more »ग्रेटर नोएडा में सामवेद पर्यावरण यज्ञ हुआ संपन्न : सारा संस्कृत साहित्य ज्ञान का एकमात्र आदि स्रोत …
Read more »इन्फेंट्री डे: पैदल सैनिकों की भावना को सलाम। इन्फेंट्री डे, जिसे हर वर्ष 27 अक्टूबर को मनाया जाता …
Read more »छठि मइया के बियाह -मार्कण्डेय शारदेय शंकरपुत्र कार्तिकेय के साथे लेके जइसही देवगण चलल कि एगो अत्य…
Read more »39 वें राष्ट्रीय कवि दरबार स्वाभिमान साहित्यिक मंच का उत्कृष्ट आयोजन पटियाला (पंजाब)।स्वाभिमान साहि…
Read more »"अनाहत वृक्ष" पंकज शर्मा न वह पुरुष है, न प्रतिमा— वह जड़ और चेतना के बीच का संधिस्थल है,…
Read more »क्यों करें अभिमान न तन अपना न श्वास ही अपनी , कहाॅं पड़ा अब ज्ञान रे । न कुछ अपना न सपना अपना , क्य…
Read more »सगर कुल दशरथ व्यथित, अ कीर्ति वर्द्धन सगर कुल दशरथ व्यथित, कैसे कुल चल पायेगा, तीन शादियाँ करके भी,…
Read more »बाजारवाद होने लगी घरों में जबसे, महिलायें समझदार, बाजार में बढने लगा, दिन प्रतिदिन व्यापार। व्यापार…
Read more »पाप पुण्य पाप का महिमा मंडन, आजकल होने लगा, झूठ का बोलबाला, तकिया लगा सोने लगा। घर के कोने मुँह छिप…
Read more »देखा नहीं कभी जिन्होंने, गाँव गली औ' खेत, फसलें कितनी पैदा हुयी, देते वह उपदेश। सब्जी फल महँगे …
Read more »सभी बुजुर्गों को समर्पित अपनी व्यथा को कथा में बदल डालो, नाज करे दुनिया, कुछ ऐसा कर डालो। यूँ ही लो…
Read more »साहित्य सम्मेलन के उपाध्यक्ष बनाए गए डा महेन्द्र मधुकर पटना, २५ अक्टूबर। ग्यारह लाख रूपए की सम्मान-…
Read more »हार से कभी न हारना कुमार महेंद्र स्व शक्ति यथार्थ आकलन , लक्ष्य निर्धारण अहम बिंदु । दृढ़ संकल्प सम…
Read more »लाठी में तेल पिला के - खूब भईल खेल रचना ---डॉ. रवि शंकर मिश्र "राकेश" जनता दल की राजनीत…
Read more »आचार्यश्री का अंतिम संदेश.. गुरुवर के बताये मार्ग पर, अब तुमको अकेले चलना। ये जीवन है तुम्हारा, तुम…
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काव्य रथी पर आसक्त कविता कामिनी खिले उर शुचिता प्रसून, मिटे दुःख संकट भय। बहे संवेदन सरि निर्झर, सृ…
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