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कला एवं संस्कृति विभाग, बिहार सरकार की उपलब्धियाँ एवं भावी कार्य योजना

कला एवं संस्कृति विभाग, बिहार सरकार की उपलब्धियाँ एवं भावी कार्य योजना

  • 1. मुख्यमंत्री कलाकार पेंशन योजना-कलाकार सम्मान और सामाजिक सुरक्षाः बिहार की कला और संस्कृति को समृद्ध करने में हमारे कलाकारों की भूमिका अतुलनीय रही है। राज्य सरकार ने कला के क्षेत्र में जीवन भर योगदान देने वाले वरिष्ठ, उपेक्षित और आर्थिक रूप से कमजोर कलाकारों के लिए 'मुख्यमंत्री कलाकार पेंशन योजना' की शुरुआत की है। इस योजना के तहत पात्र कलाकारों को ₹3,000 प्रति माह की पेंशन सहायता किये जाने का प्रावधान है, ताकि उन्हें सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर मिल सके। पटना, सारण, खगड़िया, कटिहार, पूर्णिया, बांका, भोजपुर, अररिया, जहानाबाद एवं किशनगंज जिलों के 85 कलाकारों का चयन 'मुख्यमंत्री कलाकार पेंशन योजना' हेतु किया जा चुका है।
  • 2. मुख्यमंत्री गुरु-शिष्य परंपरा योजनाः विलुप्तप्राय कलाओं को संरक्षित करने और अगली पीढ़ी तक पहुंचाने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने 'मुख्यमंत्री गुरु-शिष्य परंपरा योजना' शुरू की है। इस योजना के तहत अनुभवी कलाकारों को 'गुरु' और युवाओं को 'शिष्य' बनाकर पारंपरिक लोक कला, संगीत, नृत्य और वादन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। अब तक कुल 233 आवेदन प्राप्त हुए हैं। प्राप्त आवेदनों की समीक्षा की जा रही है।
  • 3. अटल कला भवन निर्माण योजनाः सांस्कृतिक विकेंद्रीकरण की दिशा में कदमः राज्य सरकार द्वारा सांस्कृतिक गतिविधियों को जिला स्तर पर संस्थागत रूप से बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक दूरदर्शी पहल 'अटल कला भवन का निर्माण' योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना के तहत प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में 620 दर्शक क्षमता वाले आधुनिक 'अटल कला भवन' का निर्माण प्रस्तावित है। सारण, गया, पूर्णिया, सहरसा, बेगूसराय, मुंगेर एवं दरभंगा जैसे जिलों में निर्माण कार्य सफलतापूर्वक पूर्ण कर लिया गया है। वहीं, लखीसराय और बांका में भवनों का निर्माण प्रगति पर है, तथा नवादा, शेखपुरा, अरवल, बक्सर, कैमूर (भभुआ), सिवान और अररिया में कार्य प्रक्रियाधीन है।
  • 4. बिहार कला सम्मान- कलाकारों का मनोबल और संस्थागत विश्वासः तीन वर्षों से लंबित बिहार कला सम्मान पुरस्कारों का पुनरुद्धार करते हुए 52 कलाकारों को 'बिहार कला पुरस्कार' से सम्मानित करते हुए ₹ 27.00 लाख रूपये की पुरस्कार राशि वितरित की गयी, जिससे कलाकारों का मनोबल बढ़ा है एवं उनकी साधना को सार्वजनिक मान्यता मिली है।
  • 5. कलाकार पंजीकरण पोर्टल का निर्माणः विभाग ने एक समग्र कलाकार पंजीकरण पोर्टल की अवधारणा तैयार कर इसे लॉन्च किया है। इसके माध्यम से 3800 से अधिक कलाकारों ने विभिन्न कला रूपों में पंजीकरण कराया है। इस पहल का उद्देश्य डेटा-आधारित योजना निर्माण, पारदर्शिता सुनिश्चित करना और लक्षित कल्याण वितरण को सुदृढ़ करना है। पोर्टल के द्वारा विभाग कलाकारों की जानकारी को व्यवस्थित रूप से संग्रहित कर सकेगा, जिससे कल्याण योजनाओं का त्वरित और प्रभावी क्रियान्वयन संभव होगा।
  • 6. बिहार फिल्म प्रोत्साहन नीति का प्रभावी क्रियान्वयनः बिहार फिल्म प्रोत्साहन नीति, 2024 के प्रभावी क्रियान्वयन के परिणामस्वरूप राज्य में 30 से अधिक फिल्मों, वेब सीरीज और डॉक्यूमेंट्री परियोजनाओं को शूटिंग की अनुमति प्रदान की गई है। इसका प्रभाव यह हुआ है कि बिहार फिल्म-अनूकल राज्य के रूप में उभरा है और निवेशकों व रचनात्मक उद्योगों के लिए एक आकर्षक गंतव्य स्थल के रूप में विकसित हो रहा है।
  • 7. कला शिक्षा और छात्रवृत्ति-मानव संसाधन विकासः फिल्म और नाट्य के क्षेत्र में 20 मेधावी युवाओं को 13.53 लाख रूपये छात्रवृत्ति प्रदान की गई है, जिससे बिहार के युवा राष्ट्रीय स्तर की कला शिक्षा प्राप्त कर भविष्य में राज्य की रचनात्मक पहचान को और सशक्त बनाएंगे।
  • 8. अंतरराष्ट्रीय मंच पर बिहार की सशक्त उपस्थिति IFFI गोवाः 56 वें अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव, गोवा में बिहार की सक्रिय और प्रभावी भागीदारी सुनिश्चित की गई। निवेशक संवाद, निर्माता बैठकों और नीति प्रचार के माध्यम से बिहार को उभरते फिल्म हब के रूप में प्रस्तुत किया गया। इसका प्रभाव यह हुआ है कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बिहार की छवि एक रचनात्मक और निवेश-अनुकूल राज्य के रूप में सुदृढ़ हुई है.
  • 9. BSFDFCL का संस्थागत सुदृढ़ीकरणः बिहार राज्य फिल्म विकास एवं वित्त निगम लिमिटेड में 38 स्वीकृत पदों पर लंबे समय से लंबित नियुक्ति प्रक्रिया प्रारंभ की गई है जिससे निगम की प्रशासनिक और कार्यकारी क्षमता में वृद्धि होगी एवं फिल्म नीति का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा सकेगा।
  • 10. बिहार फिल्म एवं ड्रामा संस्थान की स्थापनाः राज्य में फिल्म, रंगमंच एवं अभिनय के क्षेत्र में पेशेवर शिक्षा, कौशल विकास और मानव संसाधन सृजन की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए बिहार फिल्म एवं ड्रामा संस्थान की स्थापना को सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई है। संस्थान की स्थापना हेतु मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन (MoA), नियमावली एवं विनियमों का प्रारूप तैयार किया गया है। इस संस्थान के माध्यम से बिहार के युवाओं को राज्य के भीतर ही गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण उपलब्ध होगा, प्रतिभाओं के पलायन पर अंकुश लगेगा तथा फिल्म, रंगमंच और रचनात्मक उद्योगों के विकास के साथ रोजगार एवं निवेश के नए अवसर सृजित होंगे।
  • 11. लोक विरासत का राष्ट्रीय प्रचार - झिझिया नृत्य की ऐतिहासिक उपलब्धिः विभागीय सहयोग से 1,012 महिलाओं द्वारा झिझिया लोकनृत्य की सामूहिक प्रस्तुति का आयोजन किया गया, जो इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुई जिससे बिहार की लोक संस्कृति को राष्ट्रीय स्तर पर अभूतपूर्व पहचान मिली और सामुदायिक सहभागिता के माध्यम से लोक कलाओं के संरक्षण को नई ऊर्जा प्राप्त हुई।
  • 12. राष्ट्रीय युवा उत्सव 2026 में बिहार राज्य की सहभागिता-राष्ट्रीय युवा उत्सव में राज्य से उत्कृष्ट युवा कलाकार भाग ले सकें, इसके लिए कला एवं संस्कृति विभाग द्वारा जिला प्रशासन के माध्यम से प्रत्येक जिला में जिला स्तरीय युवा उत्सव का आयोजन कराकर, मधुबनी में दिनांक-23 से 24 दिसम्बर 2025 तक राज्य स्तरीय युवा उत्सव का आयोजन कराया गया, जिसमें सभी जिला से विभिन्न विधाओं यथा-समूह लोकनृत्य, समूह लोक गायन, चित्रकला, वक्तृता, कहानी लेखन, कविता लेखन, विज्ञान मेला में आये हुए लगभग 1200 प्रतिभागी भाग लिये। 29 वां राष्ट्रीय युवा उत्सव 2026 के अंतर्गत विकसित भारत क्विज प्रतियोगिता के अंतर्गत स्टेज-1 के तहत My Bharat Portal पर प्रतिभागियों द्वारा क्विज में भाग लेने हेतु निबंधन किया गया है। स्टेज-2 के अंतर्गत विकसित भारत चैलेंज essay Competition का आयोजन दिनांक 21 नवम्बर से 24 नवम्बर 2025 तक बिहार ललित कला अकादमी, पटना में कराया गया। स्टेज-3- Leadership Assessment Round का आयोजन दिनांक-10 से 12 दिसम्बर 2025 तक बिहार ललित कला अकादमी, पटना में कराया गया। उक्त प्रतियोगिताओं में से चयनित प्रतिभागियों को राष्ट्रीय युवा उत्सव 2026 में भागीदारी करायी जायेगी।
  • 13. वैशाली की ऐतिहासिक भूमि पर निर्मित 'बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय-सह-स्मृति स्तूप का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। ₹ 550.48 करोड़ की लागत से निर्मित यह भव्य परिसर भगवान बुद्ध की स्मृति को समर्पित है, जिसमें उनके पवित्र अवशेषों को संरक्षित किया गया है। यह संग्रहालय शीघ्र ही आम जनों के दर्शनार्थ खोल दिया गया । बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय-सह-स्मृति स्तूप, वैशाली के स्तूप का उद्घाटन दिनांक 29.07.2025 को माननीय मुख्यमंत्री, बिहार द्वारा सम्पन्न किया गया। यह परियोजना न केवल बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक और बौद्ध विरासत को सम्मान देती है, बल्कि वैशाली को वैश्विक बौद्ध पर्यटन मानचित्र पर एक सशक्त पहचान प्रदान करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम सिद्ध होगी।
  • 14. बिहार राज्य फिल्म विकास एवं वित्त निगम लिमिटेड (BSFDCL) के आधिकारिक वेबसाइट का उन्नयन कार्य- BSFDCL के अधिकारिक वेबसाइट का उन्नयन कार्य किया गया है। यह वेबसाइट निगम की गतिविधियों को पारदर्शी, सुलभ एवं अद्यतन प्रस्तुत करने के उद्देश्य से तैयार किया गया है, जिसमें निगम की योजनाएँ, नीतियाँ एवं दिशा-निर्देश, फिल्म शूटिंग से संबंधित सुविधाएँ, सम्पर्क विवरणी, अधिसूचनाएँ एवं नवीन गतिविधियाँ सम्मिलित है। इस वेबसाइट का लोकापर्ण शीघ्र किया जायेगा।
  • 15. लखीसराय स्थित ऐतिहासिक लाल पहाड़ी में संरक्षण कार्यः बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण और उसे पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की दिशा में हमारी सरकार निरंतर कार्य कर रही है। इस क्रम में, लखीसराय स्थित ऐतिहासिक लाल पहाड़ी में संरक्षण कार्य एवं पर्यटक सुविधाओं के निर्माण और विकास के लिए 29 करोड़ 28 लाख 75 हजार रूपये की लागत से एक महत्त्वाकांक्षी परियोजना प्रारंभ की गई है।
  • 16. नए संग्रहालयों के लिए मानव संसाधन स्वीकृतिः वैशाली में निर्मित बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय-सह-स्मृति स्तूप के संचालन हेतु 42 नए पदों के लिए मंत्रिमंडल से स्वीकृति प्राप्त की गई है। इसका प्रभाव यह है कि संग्रहालय संचालन हेतु आवश्यक मानव संसाधन उपलब्ध होंगे, जिससे संग्रहालय की कार्यशीलता, दीर्घकालिक स्थिरता और पर्यटक अनुभव सुनिश्चित होगा।
  • 17. पुरातात्विक विरासत संरक्षणः करिंगा को बिहार प्राचीन स्मारक एवं पुरास्थल संरक्षण अधिनियम, 1976 के तहत संरक्षित स्मारक घोषित किया गया, जिससे कि राज्य की ऐतिहासिक और पुरातात्विक धरोहर को कानूनी सुरक्षा मिली और अवैध क्षरण एवं अनियंत्रित निर्माण पर रोक लगी।
  • 18. विरासत संरक्षण परियोजनाः दरभंगा में अहिल्या स्थान के संरक्षण और सौंदर्याकरण हेतु प्रशासनिक स्वीकृति दी गई। विभाग द्वारा ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक महत्व वाले स्थलों को संरक्षित किया जा रहा है और पर्यटन व सांस्कृतिक जागरूकता को बढ़ावा मिलेगा।
  • 19. नए संग्रहालय अवसंरचनाः सहरसा जिले में बाबा कारू खिरहर संग्रहालय के नए भवन के निर्माण हेतु ₹ 15.79 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई जिससे क्षेत्रीय संग्रहालयों की संरचना सुदृढ़ होगी और इतिहास के संरक्षण एवं प्रदर्शनी की गुणवत्ता में सुधार होगा।
  • 20. विभागीय पुनर्गठन एवं कैडर सुदृढ़ीकरणः वर्तमान चार अनुभागों के अतिरिक्त लेखा एवं बजट अनुभाग तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम अनुभाग की स्थापना हेतु मंत्रिमंडल से स्वीकृति प्राप्त की गई और 25 नए पदों को मंजूरी दी गई जिससे विभागीय प्रशासनिक क्षमता बढ़ेगी और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का सुचारु एवं प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित होगा।
  • 21. संग्रहालय निदेशालय का विस्तारः संग्रहालय निदेशालय में 139 नए पदों की स्वीकृति प्राप्त हुई, जिससे संस्थागत क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। सभी पदों पर नियुक्ति हेतु वर्तमान में रोस्टर क्लियरेंस प्रक्रिया प्रगति पर है।
  • 22. 'ज्ञान भारतम्' मिशन अंतर्गत पाण्डुलिपि संरक्षण हेतु MoU -'ज्ञान भारतम्' भारत सरकार के चालू वित्तीय वर्ष के पेश किये गये बजट में Manuscript Heritage के सर्वे हेतु एक मुख्य पहल है, जिसका उद्देश्य भारत की विशाल पाण्डुलिपि विरासत को संरक्षित, डिजिटाइज और प्रसारित कर इस परंपरा को तकनीक से जोड़कर भविष्य की पीढ़ियों के लिए ज्ञान को सुलभ बनाना है, ताकि भारत की समृद्ध विरासत को समृद्ध किया जा सके। मुख्य सचिवों के पाँचवे राष्ट्रीय सम्मेलन में भी "Heritage and Manuscripts Preservation and Digitization" को एजेण्डा के रूप में शामिल किया गया है। उक्त कार्य हेतु संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार एवं कला एवं संस्कृति, बिहार सरकार के बीच MoU किया जा रहा है।
  • 23. छठ महापर्व को यूनेस्को विश्व विरासत सूची में शामिल करने का प्रस्ताव - छठ महापर्वबिहार एवं पूर्वी भारत की अनूठी सांस्कृतिक परंपरा है, जो सूर्य देव की पूजा पर केन्द्रित है। यह पारिस्थितिक संतुलन, साम्प्रदायिक सद्भाव, पवित्रता एवं सामुहिक भागीदारी का प्रतीक है। इस महापर्व में लोकगीत, अनुष्ठान, मौखिक परंपराएँ और सामुदायिक प्रथाएँ, जिन्हें पीढ़ियों से संरक्षित किया जा रहा है। कला एवं संस्कृति विभाग, बिहार, पटना द्वारा छठ महापर्व को वैश्विक पहचान दिलाने हेतु इसे यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल करने हेतु संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार से अनुरोध किया गया है।

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