नये दौर में नींद का आना, है मुश्किल आसान कहाँ, नींद नहीं तो ख्वाब का आना, है मुश्किल आसान कहाँ। जाग…
Read more »मैं मजदूर हूं। मैं मजदूर हूं। बच्चों के खातिर करता परिश्रम उसी के लिए सारा जीवन समर्पण। सारी दुनिया…
Read more »वेदना ,पीड़ा कहाँ होती डॉ रामकृष्ण मिश्र वेदना ,पीड़ा कहाँ होती पूछ उस मासूम से जिसका पिता…
Read more »हाहाकार करती प्रकृति क्यों काट रहे हो पेड़ों को क्यों दोहन जारी है। हाहाकार करती प्रकृति अनिष्ट की …
Read more »श्रम की गरिमा श्रम की गरिमा है महद , जस नभ धरणी आकार । जीवन ऊॅंची जस रे बंदे , मानव जीवन है साकार ।…
Read more »पहलगाम/ आतंक का मैदान संगीता सागर किन शब्दों मे दूं श्रद्धांजलि उनको जिनके रक्त से हुआ काश्मीर लाल।…
Read more »परशुराम जी महर्षि विष्णु का अवतार हुए शिव का परशु पाया था। ब्राह्मण कुल जन्म लिया परशुराम कहलाया था…
Read more »शस्त्र शास्त्र चिन्मयता संग,उग्र आवेश अपार नयनन छवि अद्भुत अनुपम,, पावक संग मनमोहक श्रृंगार । मात प…
Read more »परशुराम : अमर क्रोध की ज्वाला इतिहास के रक्तिम पृष्ठों पर बार-बार उकेरी जाती है एक छवि — धधकती आँखो…
Read more »दुनियादारी जब मन बोझिल हो जाता है। बस एक आह साथ रह पाता है।। दिल घुट घुट कर यों मरता है। जीवन का ले…
Read more »चक्र सुदर्शन चलाना होगा। विकट समय है धर्मयुद्ध है अब माधव आना होगा। निर्दोषों की जान बचाने चक्र सुद…
Read more »सुप्रीम का मान किया, सिर पर चढ़ गये, खुदा होने का गुमां, नये मानक गढ़ गये। देव कृपा- भस्म करने का अ…
Read more »हाकिम को बेगाना समझे- लानत है, दुश्मन को जो अपना समझे, लानत है। बोल रहा जो पाक की भाषा- लानत है, मु…
Read more »चूल्हा चौका गोबर से लीपा जाता था, चौके में ही बैठ भोजन किया जाता था। फूँकनी से फूंक मार, था चुल्हा …
Read more »आतंकी जड़ें आग लगा दो तुम पाक में , स्वयं मिट्टी में मिल जाएगा । जल जाऍंगी आतंकी जड़ें , भारतीय उर …
Read more »रणभूमि सज चुकी,वीरों के अभिनंदन में आतंक विरुद्ध बुलंद स्वर, हिंद सेना सज धज तैयार । सर्वत्र शौर्य …
Read more »हम भारत के बाल प्यारे , छोटे-छोटे हैं हाथ हमारे , पर बड़ा काम कर जाऊॅं , आशीष मिले हमें तुम्हारे । …
Read more »जब भी कोई छंद लिखूंगा जब भी कोई छंद लिखूंगा रसों का आनंद लिखूंगा। प्रीत भरा अनुबंध लिखूंगा गीत चाहे…
Read more »फन अभी कुचलना होगा जातिवादी जहर लाए फन अभी कुचलना होगा। आंख दिखाए विषैले फौलादी बन मसलना होगा। कंठी…
Read more »मात पिता के चरणों में संसार है मात पिता के चरणों में संसार है। सेवा करने वालों का बेड़ा पार है। झोल…
Read more »भारत के 1235 वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास खण्ड़ - 01 वे थमे नही , हम थके नहीं जब स्वतंत्रता…
Read more »