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बाँटने वालों का बोलबाला
विनती हमारी सुनो भगवान,
बलात्कारी को सजा मिले मौत की, जरूरी है,
राम यहीं हैं खुद के भीतर, देखो खुद पहचान कर,
झूठ की औकात क्या, जानता हूँ,
गाँधी के पदचिह्नों पर अब, देश नहीं चलना चाहता,
जो इतिहास पढ़ाया हमको, वही धारणा मन बैठी,
नजरिया बदल कर देखो
हम तहार सन्तान ना हईं
धर्म शास्त्रों में मानव की, चार जातियाँ बतलाई
अध्यात्म संदेश
भारत में फहराया तिरंगा, विश्व में शान बढ़ाई थी,
कभी गुमनाम नहीं होती...
छोटी सी चिंगारी ..
ईमानदारी के किरदार कहाँ मिलते हैं,
कुछ दोष अपना भी है, सरकारों को दोष न दो
पशुओं का चारा खा गया है आदमी
दुर्गा बनो
पर्वतराज हिमालय
. "धर्मध्वजा वाहक ब्राह्मण जागो"