जो गया मुँह फेर कर, मीत है। डॉ. मेधाव्रत शर्मा, डी•लिट• (पूर्व यू.प्रोफेसर) जो गया मुँह फेर कर, मीत…
Read more »स्त्री प्रकृति की महारानी मनुज सौभाग्य उदयन, मंगलता घर द्वार प्रवेश । सुख समृद्धि वैभव सेतु, हर्षित…
Read more »वो हूँ मैं डॉ. रवि शंकर मिश्र "राकेश" गुज़ार चूंकि होंगी तुमने, कितनी भ…
Read more »जीना है तो मरना सीखो, गर पाना है तो खोना सीखो, सुबह उजाला गर चाहो तो, अन्धकार से लड़ना सीखो। मिलन पि…
Read more »तुम नेह की स्वाति सुगंध हो शुभ्र ज्योत्स्ना मुखमंडल, अंतर पटल प्रीति निर्झर । पुलकित प्रफुल्लित आभा…
Read more »माँ ने दिया ज्ञान बंधन और संबंध बतलाये हे माँ तुमने ही मुझको। फर्क दोनों का समझाया समय समय पर आपने।…
Read more »कहिए कैसे आपके हैं विचार , किसके अनुरूप हैं ये आचार । हम में आप में बहुत है अंतर , अलग अलग होते हैं…
Read more »चाहत के मौन गलियारों में,प्रणय मृदुल स्पंदन नवल धवल हृदय मणि, अधर सौम्य मुस्कान । परम स्पर्शन दिव्…
Read more »दस्तक लेखक मनोज मिश्र इंडियन बैंक के अधिकारी है| दे रहा हूँ फिर से दस्तक बुरा मत मानना हमसफर हूँ मै…
Read more »अंतःपथ निशि की म्लान छाया में विकल रथ बंधा खड़ा है — सुनसान नभ की थरथराती निस्तब्धता में कोई निमं…
Read more »सग के शिकम में घी कभी भी पच नहीं सकता। डॉ. मेधाव्रत शर्मा, डी•लिट• (पूर्व यू.प्रोफेसर) सग के शिकम म…
Read more »व्याकुल आत्मा की पुकार यह स्वर मेरे अंतःकरण का है, व्याकुल आत्मा की मौन पुकार। ना कोई शब्दों की स…
Read more »बाघ भाई की शादी वनराज ने आदेश है फरमाया , व्याघ्र ने है गीदड़ को बताया । गीदड़ ने राज्ञादेश ये बताक…
Read more »मर्द और औरत मर्द बनो तुम थोड़ा - थोड़ा, बनूं तनिक मैं औरत। थोड़े - थोड़े परिवर्तन की, है …
Read more »जीवन धन्य हो रहा,राधिका श्री चरण वंदन से मुखारबिंद पर राधे राधे, जब-भी हुआ उच्चारित । कृष्णमय सारा …
Read more »सुगंध की सौगंध प्यार व्यवहार विस्तार में , नहीं होता सौदा अनुबंध । वादे निभाने के ही रूप में , छिपा…
Read more »हर असंभव का हल — कठिन परिश्रम ca संजय झा हर असंभव काम भी मुमकिन हो जाता है, जब इंसान खुद से लड़ने क…
Read more »जब साथ आते चार लोग, शमशान जाते चार लोग। राम नाम सत्य है बताते, मिल जाते जब चार लोग। सत्य का गुंजायम…
Read more »अमर यहाँ कोई नहीं जय प्रकाश कुवंर अमर यहाँ कोई नहीं, सबको एक दिन जाना है। यह जगत एक पड़ाव है, वहाँ …
Read more »खुल रहे अंतस द्वार,प्रेम की दिव्य शक्ति से मृदुल मधुर अनुभूति बिंब, पुनीत पावन हर भावना । एक्य चिंत…
Read more »धर्म के मूल्यों का अपमान: बिहार धार्मिक न्यास परिषद् की विडंबना ✍️ डॉ. राकेश दत्त मिश्र, राष्ट्रीय …
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