चिड़िया चिड़िया तू मर जाना पर पिंजरे में मत जाना। मानव ने अपने मनोरंजन की ख़ातिर तेरी आज़ादी का हनन…
Read more »भारतीय नववर्ष विक्रम संवत् 2080 की शुभकामनाएँ अगर हमने नहीं बोली, तो कोई क्या कहेगा, कोई पिछड़ा- अह…
Read more »गौरैया है रोज़ सबेरे गौरैया है रोज़ सबेरे मेरे घर में आती खिड़की में चीं-चीं की दस्तक देकर वही जगाती म…
Read more »कृष्ण सुदामा महाराज बाहर दरवाजे पर, एक निर्धन ब्राह्मण आया है, न सिर पर उसके टोपी है, बिन टीका चंदन…
Read more »वेदनाओं के भँवर में कब तलक उलझे रहेंगे भूली बिसरी यादों संग क्या यूँ ही जलते रहेंगे? जीवन क्या मृत्…
Read more »आज अपने घरों को दीपों से सजायें शुक्ल प्रतिपदा विक्रम संवत 2080 भारतीय सनातनी नववर्ष का शुभ दिवस 22…
Read more »रंग रूप और गुण रंग रूप और गुण मिले जुड़े हैं दिलों के तार। अपनापन अनमोल मिले हृदय उमड़ता प्यार। धरत…
Read more »आ रहे श्रीराम हमारे जन जन की आंखों के तारे, आ रहे श्रीराम हमारे। घट घट वासी रघुवर प्यारे, अवधपुरी र…
Read more »तुम सच बोलो करुणा और कल्याण भाव दिल में क्यों नहीं रखते हो। न्यायधर्म को छोड़ बता, तू क्यों क्रूर…
Read more »अपना परिचय मैं क्या दूं ? जो परिचय मेरा मुझसे पूछें, उनको उत्तर मैं क्या दूं ? जो पाते कहते लोग मुझ…
Read more »मोबाइल महोदय ,आप सचमुच एक में अनेक हैं । जय प्रकाश कुअर मोबाइल महोदय ,आप सचमुच एक में अनेक हैं । आप…
Read more »अपने लिए तो सब जीते हैं | जय प्रकाश कुअर अपने लिए तो सब जीते हैं , तुम,कभी किसी और के लिए जी कर तो …
Read more »स्वच्छता के लिए सबका साथ स्वच्छता के लिए कूड़ा का विनाश हो, सूखा कूड़ा अलग और गिला कूड़ा अलग रखन का प्…
Read more »खून उबल रहा है --:भारतका एक ब्राह्मण. संजय कुमार मिश्र अणु ----------------------------------------…
Read more »नूतन वर्ष ऋचा श्रावणी नव दीप जले नव फूल खिले नव जीवन मिले सर्वत्र नवींता छाया हैं हिंदू नव वर्ष आय…
Read more »आओ देखें-- जीवन कितना सरल सहज है आओ देखें निश्छल बचपन खेल रहा है आओ देखें कल-कल बहता नदिया का जल आओ…
Read more »मन्दिर मस्जिद गुरुद्वारे, चर्चों की हम बात करें, व्यवधान जो करें मार्ग में, उन पर प्रतिघात करें। सड…
Read more »जब सूख चुके हों ताल तलैया, नदीयाँ भी सूखी सूखी, तब गगन में उमड़े घुमड़े, बादल भी सुखकर लगते हैं। जब…
Read more »जब कुंठाओं से ग्रस्त आदमी रहता है, मीठे को भी खारा खट्टा वह कहता है। नहीं देखता अच्छा क्या कमियों क…
Read more »कौन जिया है खुद की खातिर, यह तो हमको बतला दो, बूढा बाप जिया या भैया, यह भी सबको समझा दो। दिन भर मेह…
Read more »सुना है बाग का कांटा बना है बाग का माली शहर की हृदयस्थली में अवस्थित श्री कृष्ण स्मृति भवन में औरंग…
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