अगर अच्छा है ---: भारतका एक ब्राह्मण. संजय कुमार मिश्र 'अणु' -----------…
Read more »चाहत के दर्पण में, तुमको देखेंगे, नींद हमारी, पर ख़्वाब तुम्हारे देखेंगे। खुद से ज़्यादा बात तुम्हा…
Read more »गाँव गली में पाकिस्तान गाँव गली में पाकिस्तान, पाकिस्तानी घूम रहे, भारत में भी तालीबानी, सत्ता शै प…
Read more »दीपावली और प्रदूषण माना कि प्रदुषण फैलता है पटाखों से मगर, ख़ुशी के इजहार पर, पहरे लगाए नहीं जाते। …
Read more »प्यार अमर है चाँद सितारे चमक उठे है। देखो तुम आकाश में। रात की रानी बुला रही है। आ जाओ तुम बाग में।…
Read more »शब्दों का खेल, भावों का संगम ज़रा शब्दों को बदल कर देख, कैसे बदलते हैं भावों के रंग। "तू देख क…
Read more »जीवन की भूल माँ काली के आशीर्वचनों से अभिभूत, हो गया भूलवश कुछ ऐसी करतूत । नहीं रहा मेरा मन मस्तिष…
Read more »बना रहे सौभाग्य,सजा रहे श्रृंगार कार्तिक कृष्ण चतुर्थी बेला, नारी जगत साधना पथ । मृदुल मधुर भाव तरं…
Read more »जीवन के सोपान डॉ.अंकेश कुमार,पटना(बिहार) परंपराएं बदलती हैं। संस्कार बदलते हैं। संस्कृति बदलती है।…
Read more »दक्षिण भारत के ज्ञंदिर डॉ रामकृष्ण मिश्र मंदिरों के देश में हम घूमते हैं, आइए। कला की जीवंतता हम दे…
Read more »प्यार का कर्ज चाँद सितारे चमक रहे है। नीले गगन में देखो तुम। प्रीतम प्यारे को बुलाने। महक उठा है घर…
Read more »थक कर दिन सो गया टाट पर डॉ. मेधाव्रत शर्मा, डी•लिट• (पूर्व यू.प्रोफेसर) थक कर दिन सो गया टाट पर, …
Read more »ऋष्यमूक-निपतित सीता के नूपुर डॉ. मेधाव्रत शर्मा, डी•लिट• (पूर्व यू.प्रोफेसर) विस्फूर्जित मंजीर गिरे…
Read more »कभी लडें हम प्याज पर, कभी तेल में झोल, महीने में कुल खर्चा बढे, दस बीस के मोल। दाल सब्जियाँ सस्ती ह…
Read more »श्री राम कथा शुभ मंगलकारी त्रेता युग हिंद अखंड धरा,अयोध्या नगरी अनूप । दिव्य भव्य रघुवंश कुल,दशरथ ल…
Read more »मोहब्बतें तुमसे बिछड़ कर कहां जायेंगे? यहीं मिले थे, यहीं आयेंगे। जिंदा रहे तो जिंदगी में, मगर मर क…
Read more »रिश्ते खट्टे हो गए स्वार्थ भरी दुनिया में आज, क्यों रिश्ते खट्टे हो गए। समझते थे जिन्हें अपना, …
Read more »धनुषकोटि सागर तट से डॉ रामकृष्ण मिश्र रत्नाकर की उछल- कूद क़ो मस्त देखने वाले लोग । अपने चित्र उतरव…
Read more »पति की आयु का व्रत दर्द सहने की अब आदत सी हो गई है। प्यार किया है तो इसे सहना पड़ेगा। कांटो पर चलकर …
Read more »भर विषाद- कह! हे निषाद --: भारतका एक ब्राह्मण. संजय कुमार मिश्र 'अणु' ------…
Read more »आप अपने व्यवसाय के संकट प्रबंधन को कैसे संभाल सकते हैं यदि आप एक व्यवसाय चला रहे हैं या स्टार्टअप म…
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