हम थम जाते हैं कुछ देर पर समय नहीं थमता इसलिए सुस्ता लो तनिक पर समय यूँ ही नहीं गंवाओ अनमोल सी इस ज…
Read more »चित्र लेखन सुमन सुरभि निज दशन बीच दबे आंचल में, हिय सागर में उठा विक्षोभ समेटे। उदास हृदय से देख रह…
Read more »तेरा आना प्रिय समेट लूँ कैसे उस क्षणिक पल को, उस एक क्षण को जीती मैं पल पल। बाँध लूँ कैसे तुझको निज…
Read more »क्या? सुनीता मिश्रा क्या? लिख पाती हूँ मैं कविता ? क्या ? प्रकट कर सकती हूँ मैं अपने दिल के भावों क…
Read more »अंतस वो दीप जलता ही रहा. मीरा पाण्डेय अंतस वो दीप जलता ही रहा. मेरे मन के भीतर. मैं कई बार चाही उस…
Read more »शिव नर्तन बहुत जरूरी है डॉ. कुमारी रश्मि प्रियदर्शनी शिव नर्तन बहुत जरूरी है चाटुकारिता जब अधीश को,…
Read more »आम के टिकोले ज्योतीन्द्र मिश्र आम के टिकोले छोटे छोटे पेड़ों पर आम के टिकोले ये दोपहर का सन्नाटा बचप…
Read more »वो अच्छे लगने लगे अब वो कुछ- कुछ खुलने लगे हैं, हँसकर वो सब से मिलने लगे हैं| ना जाने कैसा था बदलाव…
Read more »दुर्बल को ही तीव्र प्रखरता का डॉ रामकृष्ण मिश्र दुर्बल को ही तीव्र प्रखरता का आभास हुआ करता है। जो …
Read more »सियासी दूकानें बारह वर्ष पे लगता कुंभ मेला , पाॅंच वर्ष पर होता है मतदान । एक माह पूर्व सियासी दूका…
Read more »आझ तक बात जे हिरदा में नुकौले रहली। डॉ रामकृष्ण मिश्र आझ तक बात जे हिरदा में नुकौले रहली। तोर किर…
Read more »चिनगी पेसल ई रउदारी डॉ रामकृष्ण मिश्र चिनगी पेसल ई रउदारी लहरित सगरो लगे दुआरी बाँट भेल हे अप्…
Read more »कैसे समझूॅं सत्ययुग आ रहा है । कैसे समझूॅं सत्ययुग आ रहा है , कलियुग जन जन को भा रहा है । क्या कहूॅ…
Read more »मैं गैरों से तो जीत गया, पर अपनों से मैं हार गया। जिनके खातिर कुछ किया नहीं, वो प्रेम से अब भी मिलत…
Read more »रम रहे हो सब मे राम! रम रहे हो सब मे राम! जगत में एक तेरा ही नाम तुझे है बारं बार प्रणाम! जगत में ए…
Read more »शस्त्र और शास्त्र का, समन्वय होना चाहिए, कष्ट कितने भी पड़ें, संयम होना चाहिए। बुद्धि और विवेक भी, …
Read more »देशद्रोही जो भी होगा, बस वह मारा जायेगा, अलगाववाद की बात, दोजख भेजा जायेगा। भारत में रहकर जो चीन पा…
Read more »मूल से ज्यादा सूद, जगत में प्यारा लगता है, बेटे से ज्यादा दादी को, पोता प्यारा लगता है। लौटता बचपन …
Read more »पैसा बन जाते हैं सब रिश्तेदार, जब पैसा पास होता है, टूट जाता है ग़रीबी में, जो रिश्ता ख़ास होता है।…
Read more »भाषा का महत्व वाणी से बनते है संबंध वाणी से बिगड़ते है संबंध। वाणी से स्वर सजते है वाणी से गाते गीत…
Read more »२४ अप्रैल २०२४, बुधवार का दैनिक पंचांग एवं राशिफल - सभी १२ राशियों के लिए कैसा रहेगा …
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