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वैदिक ज्योतिष के अनुसार वर्ष 2026: भारत और बिहार की दशा-दिशा

वैदिक ज्योतिष के अनुसार वर्ष 2026: भारत और बिहार की दशा-दिशा

समग्र दृष्टि: परिवर्तन और परीक्षा का वर्ष

ज्योतिषाचार्य डॉ. राजनाथ झा
निदेशक - ज्योतिर्वेद विज्ञान संस्थान पटना बिहार 938695343

वैदिक ज्योतिष के अनुसार वर्ष 2026 सामान्य वर्ष नहीं, बल्कि एक गहन आत्ममंथन, नीतिगत पुनर्संरचना और दीर्घकालिक निर्णयों का वर्ष है। यह वर्ष व्यक्ति, समाज, राज्य और राष्ट्र - सभी स्तरों पर कर्म, अनुशासन और उत्तरदायित्व की परीक्षा लेगा।

ग्रहीय संरचना: 2026 की खास स्थिति

वर्ष 2026 की प्रमुख ग्रह स्थितियाँ निम्नलिखित हैं:

गुरु (बृहस्पति): मिथुन राशि में
शनि: मीन राशि में
राहु: मीन राशि में
केतु: कन्या राशि में
सूर्य गोचर: मकर से कुंभ (सत्ता से समाज की ओर)

इस संयोजन का अर्थ है कि गुरु का मिथुन में होना शिक्षा, संवाद, नीति, मीडिया और ज्ञान-आधारित व्यवस्था को केंद्र में लाएगा, जबकि शनि-राहु की युति व्यवस्था की कमजोर कड़ियों को उजागर करेगी।

भारत का ज्योतिषीय विश्लेषण

राजनीतिक परिदृश्य

शिक्षा, बेरोजगारी, संस्थागत स्वायत्तता और पारदर्शिता प्रमुख मुद्दे होंगे। सत्ता बनाम व्यवस्था का संघर्ष दिखाई देगा। जनता घोषणाओं से अधिक क्रियान्वयन पर नज़र रखेगी। "काम बनाम बयान" का अंतर स्पष्ट होगा।


आर्थिक स्थिति

शिक्षा, आईटी, संचार, सेवा और स्टार्ट-अप क्षेत्रों में गति दिखेगी। ईंधन, ऊर्जा, दवा और दैनिक आवश्यक वस्तुओं में मध्यम स्तर की महंगाई बनी रहेगी। ग्रह दृष्टि के अनुसार महंगाई न तो अत्यधिक विस्फोटक होगी और न पूरी तरह नियंत्रित। लगभग 6-8 प्रतिशत दबाव बना रह सकता है।


रोजगार के अवसर

स्थायी नौकरियों की गति धीमी रहेगी, जबकि स्वरोजगार, फ्रीलांस, स्किल-बेस्ड मॉडल को बढ़ावा मिलेगा। डिग्री से अधिक दक्षता और बहु-कौशल निर्णायक सिद्ध होंगे।

बिहार: विशेष विश्लेषण

कृषि और प्राकृतिक संसाधन

मानसून सामान्य से असमान रहेगा - कहीं अधिक वर्षा, कहीं अल्प वर्षा की स्थिति। बाढ़-प्रभावित क्षेत्रों में सतर्कता आवश्यक होगी। कृषि तकनीकों में नवाचार के अवसर मिलेंगे, पर जोखिम भी बने रहेंगे।

विकास और प्रशासन

सड़क, पुल, शिक्षा भवन, डिजिटल सेवाओं पर कार्य तेज गति से होगा, परंतु योजनाओं में विलंब और ज़मीनी क्रियान्वयन की चुनौती बनी रहेगी। जनता जवाबदेही की माँग करेगी।

शिक्षा और युवा

संस्कृत, भारतीय ज्ञान परंपरा और प्रतियोगी शिक्षा को अवसर मिलेंगे। परीक्षा, नियुक्ति और परिणामों को लेकर असंतोष दिख सकता है। युवा वर्ग वैचारिक रूप से अधिक सक्रिय होगा।

जनजीवन की स्थिति

जीविकोपार्जनकी स्थिति चुनौतीपूर्ण बनी रहेगी। आय में मामूली वृद्धि के बावजूद महंगाई का दबाव रहेगा। आम आदमी को दैनिक आवश्यकताओं के लिए संघर्ष करना पड़ सकता है।

प्रकृति और पर्यावरण
शनि-राहु व केतु के प्रभाव से अचानक तेज़ वर्षा और मौसम की अनिश्चितता देखी जा सकती है। हल्के से मध्यम भूकंपीय संकेत, विशेषकर हिमालयी व पूर्वी क्षेत्रों में संभव हैं। कोई महाविनाश नहीं, पर चेतावनी के संकेत अवश्य मिलेंगे।

विशेष मत

प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य डॉ.राजनाथ झा के अनुसार, "2026 का वर्ष भारत के लिए संक्रमण का समय है। गुरु की बुद्धिमत्ता और शनि की अनुशासनात्मक ऊर्जा का सही उपयोग करने वाले व्यक्ति और प्रदेश विशेष लाभ उठा पाएँगे। बिहार के लिए यह वर्ष नई शुरुआत और नई चुनौतियाँ दोनों लेकर आएगा।"

यह भविष्यफल सामान्य ज्योतिषीय गणना पर आधारित है। व्यक्तिगत या प्रशासनिक निर्णय लेते समय विशेषज्ञों से परामर्श अवश्य लें।वर्ष 2026 : वैदिक राशिफल (नामाक्षर सहित)

मेष राशि


नामाक्षर: चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ
2026 का वर्ष मेष राशि वालों के लिए नेतृत्व, साहस और निर्णय क्षमता को बढ़ाने वाला रहेगा। कार्यक्षेत्र में नई जिम्मेदारियाँ आएँगी, जिनसे आपकी पहचान और प्रभाव बढ़ेगा। प्रशासन, तकनीक, सुरक्षा या प्रबंधन से जुड़े जातकों को विशेष लाभ मिलेगा।
धन एवं रोजगार: आय में वृद्धि होगी, लेकिन खर्च भी अधिक होंगे। निवेश में सतर्कता बरतें।
परिवार: छोटे-मोटे मतभेद हो सकते हैं, संवाद से समाधान निकलेगा।
स्वास्थ्य: सिरदर्द, रक्तचाप, अनिद्रा की आशंका।
धर्म एवं उपाय: मंगलवार को हनुमान जी की पूजा करें, लाल वस्तु का दान दें।


वृषभ राशि

नामाक्षर: ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो
यह वर्ष स्थिरता और धीरे-धीरे प्रगति का है। भूमि, भवन या वाहन से संबंधित शुभ समाचार मिल सकते हैं। धैर्य और नियोजित प्रयासों से सफलता मिलेगी।
धन एवं रोजगार: आय स्थिर रहेगी, दीर्घकालिक निवेश फलदायी होगा।
परिवार: पारिवारिक सद्भाव और सौहार्द बना रहेगा।
स्वास्थ्य: गले की समस्या, शुगर या थायराइड पर ध्यान दें।
धर्म एवं उपाय: शुक्रवार को लक्ष्मी पूजन करें, अन्न दान करें।


मिथुन राशि

नामाक्षर: का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह
गुरु की कृपा से यह वर्ष ज्ञान, शिक्षा, लेखन, मीडिया और संचार के क्षेत्र में उन्नति देगा। नई पहचान और प्रतिष्ठा मिलेगी। बौद्धिक कार्यों में विशेष सफलता मिलेगी।
धन एवं रोजगार: बौद्धिक या शैक्षणिक कार्यों से आय में वृद्धि।
परिवार: संबंध मधुर और सहयोगपूर्ण रहेंगे।
स्वास्थ्य: तनाव और त्वचा संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं।
धर्म एवं उपाय: बुधवार को गणेश जी की पूजा करें, पुस्तक दान करें।

कर्क राशि

नामाक्षर: ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो
भावनात्मक उतार-चढ़ाव वाला वर्ष है। कार्य और परिवार के बीच संतुलन बनाए रखना आवश्यक है। स्थान परिवर्तन या लंबी यात्रा के योग बन रहे हैं।
धन एवं रोजगार: आय ठीक रहेगी, लेकिन अचानक खर्च बढ़ सकते हैं।
स्वास्थ्य: पाचन तंत्र और मानसिक तनाव पर ध्यान दें।
धर्म एवं उपाय: सोमवार को शिव पूजन करें, जल दान करें।


*सिंह राशि*


नामाक्षर: मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे
राजनीति, प्रशासन या सामाजिक क्षेत्र में प्रभाव और सम्मान बढ़ेगा। अहंकार से बचें, वरना विवाद हो सकते हैं।
धन एवं रोजगार: आय में वृद्धि के योग हैं।
स्वास्थ्य: हृदय और पीठ दर्द से सावधान रहें।
धर्म एवं उपाय: रविवार को सूर्योपासना करें, आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।


*कन्या राशि*


नामाक्षर: टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो
केतु के प्रभाव से आत्मविश्लेषण, शोध और सेवा का वर्ष है। नौकरी करें व्यक्तियों को पदोन्नति और तबादला का है योग करियर में दिशा बदलने के अवसर आ सकते हैं।
धन एवं रोजगार: धीमी लेकिन स्थिर प्रगति होगी।
स्वास्थ्य: आंतों और चिंता संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं।
धर्म एवं उपाय: दुर्गा पूजन करें, गौ सेवा करें।


*तुला राशि*


नामाक्षर: रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते
साझेदारी से लाभ मिलेगा। दांपत्य जीवन में संवाद बनाए रखें। कानूनी मामलों में सावधानी बरतें।
धन एवं रोजगार: व्यापार में लाभ के योग हैं।
स्वास्थ्य: किडनी और कमर दर्द से सतर्क रहें।
धर्म एवं उपाय: शुक्रवार को शुक्र देव की पूजा करें, सफेद वस्तु दान दें।


*वृश्चिक राशि*


नामाक्षर: तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू
रणनीति, शोध और गोपनीय योजनाओं में सफलता मिलेगी। जोखिम लेने से लाभ हो सकता है, लेकिन सोच-समझकर कदम बढ़ाएँ।
धन एवं रोजगार: अचानक लाभ के योग बन रहे हैं।
स्वास्थ्य: रक्त संबंधी समस्याएँ, रोगों से सावधान रहें।
धर्म एवं उपाय: मंगलवार को हनुमान जी या भैरव जी की पूजा करें।


*धनु राशि*


नामाक्षर: ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे
धर्म, शिक्षा, यात्रा और विदेश से जुड़े अवसर मिलेंगे। आलस्य से बचें, नहीं तो अवसर हाथ से निकल सकते हैं।
धन एवं रोजगार: मिश्रित परिणाम रहेंगे, योजनाबद्ध तरीके से कार्य करें।
स्वास्थ्य: जांघ और लीवर संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं।
धर्म एवं उपाय: गुरुवार को बृहस्पति पूजन करें, पीली वस्तु दान दें।


*मकर राशि*


नामाक्षर: भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी


कर्मप्रधान वर्ष है। नई जिम्मेदारियाँ मिलेंगी, सफलता देरी से मिलेगी लेकिन स्थायी होगी।
धन एवं रोजगार: परिश्रम से आय में वृद्धि होगी।
स्वास्थ्य: जोड़ों और हड्डियों में दर्द की शिकायत हो सकती है।
धर्म एवं उपाय: शनिवार को शनि पूजन करें, दीपदान करें।


*कुंभ राशि*


नामाक्षर: गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा


नवाचार, तकनीक और सामाजिक कार्यों में पहचान बनेगी। युवाओं के बीच प्रभाव बढ़ेगा।
धन एवं रोजगार: नए प्रयोगों से लाभ मिलेगा।
स्वास्थ्य: नसों और पैरों में समस्या हो सकती है।
धर्म एवं उपाय: शिव और शनि की पूजा करें, काले तिल दान दें।


*मीन राशि*


नामाक्षर: दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची


शनि और राहु की युति से परीक्षा का वर्ष है। धैर्य, संयम और साधना से ही उन्नति संभव है।
धन एवं रोजगार: धीमी गति से स्थायी लाभ मिलेगा।
स्वास्थ्य: नींद की कमी और मानसिक थकान रह सकती है।
धर्म एवं उपाय: नारायण पूजन करें, राम नाम का जप करें।


उपरोक्त फलादेश सामान्य राशिफल पर आधारित है। व्यक्तिगत जन्म कुंडली के अनुसार फलादेश भिन्न हो सकता है। किसी भी निर्णय से पहले विशेषज्ञ से सलाह लें।
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