घोड़े के बालों से बना - सात करोड़ का गद्दा
दिव्य रश्मि के उपसम्पादक जितेन्द्र कुमार सिन्हा की कलम से |आज की तेज-तर्रार दुनिया में नींद केवल आराम नहीं है, बल्कि स्वास्थ्य और जीवन-गुणवत्ता का आधार बन चुकी है। जब लोग अपनी डाइट, फिटनेस और मानसिक संतुलन पर करोड़ों रुपये खर्च कर रहे हैं, तब नींद के लिए असाधारण निवेश भी अब हैरान करने वाला नहीं रहा। इसी सोच का चरम उदाहरण है स्वीडन की मशहूर कंपनी हैस्टेंस (Hästens) द्वारा पेश किया गया वह गद्दा, जिसकी कीमत सात से दस करोड़ रुपये तक बताई जाती है। यह कोई साधारण गद्दा नहीं है, बल्कि सदियों पुरानी शिल्पकला, प्राकृतिक सामग्रियों और आधुनिक नींद-विज्ञान का अद्भुत संगम है।
हैस्टेंस की कहानी 1852 में शुरू होती है, जब स्वीडन में घोड़ों के लिए काठी और अन्य सामान बनाए जाते थे। घोड़े के बालों के साथ काम करने का अनुभव ही बाद में गद्दों के निर्माण की नींव बना। धीरे-धीरे कंपनी ने महसूस किया कि घोड़े के बालों में ऐसे गुण हैं, जो नींद के लिए आदर्श हैं, नमी सोखना, हवा का संचार और तापमान संतुलन। आज हैस्टेंस विश्व की उन गिनी-चुनी कंपनियों में शामिल है, जो पूरी तरह हस्तनिर्मित, प्राकृतिक और केमिकल-फ्री गद्दे बनाती हैं।
पहला प्रश्न यही उठता है कि आखिर एक गद्दा सात करोड़ रुपये का कैसे हो सकता है? जबकि इसका उत्तर छिपा है इसके निर्माण में। घोड़े के बाल सबसे महत्वपूर्ण सामग्री है। यह बाल नमी को सोखता है और शरीर के तापमान को संतुलित रखता है। कपास और ऊन सांस लेने योग्य, प्राकृतिक और त्वचा के अनुकूल होता है। पाइन की लकड़ी जो मजबूत, टिकाऊ और प्राकृतिक खुशबू के साथ रहता है। कोई सिंथेटिक फोम या केमिकल नहीं रहता है। इन सबको जोड़कर जो गद्दा बनता है, वह केवल सोने का साधन नहीं होता है, बल्कि स्वास्थ्य में निवेश बन जाता है।
एक हैस्टेंस गद्दे को तैयार करने में 320 घंटे से भी अधिक समय लगता है। यह प्रक्रिया पूरी तरह हाथों से होती है। यहां कोई गोंद नहीं, कोई मशीन-निर्मित जोड़ नहीं रहता है, रहता है तो सिर्फ कारीगरों का हुनर। हर सिलाई, हर परत, हर गांठ को इस तरह से बुना जाता है कि गद्दा दशकों तक अपना आकार और आराम बनाए रखे। यही कारण है कि कंपनी 50 साल तक चलने का दावा करती है।
घोड़े के बाल साधारण नहीं होता है। इसमें सूक्ष्म संरचना होती है, जो नमी सोखता है। पसीने को तुरंत अवशोषित कर लेता है। हवा का संचार बनाए रखता है। गद्दा कभी ‘दम घुटने’ जैसा महसूस नहीं होता है। तापमान नियंत्रित करता है। सर्दियों में गर्म और गर्मियों में ठंडा का एहसास होता है। यही वजह है कि ऐसे गद्दों पर सोने वालों को गहरी, बिना रुकावट की नींद मिलती है।
हैस्टेंस का यह गद्दा केवल आराम नहीं देता है, बल्कि स्टेटस सिंबल भी बन चुका है। दुनिया की कई नामी हस्तियां इसे अपनी पहली पसंद मानती हैं बियॉन्से, क्रिस्टियानो रोनाल्डो, ओपरा विनफ्रे, इन सितारों के लिए नींद उतनी ही जरूरी है, जितना प्रदर्शन, स्वास्थ्य और मानसिक शांति।
भारत में भी अब इस तरह के अल्ट्रा-लग्जरी गद्दों की मांग धीरे-धीरे बढ़ रही है। खासतौर पर मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु और हैदराबाद, जैसे महानगरों में रहने वाले हाई-नेटवर्थ इंडिविजुअल्स अब नींद को प्राथमिकता देने लगे हैं। कॉरपोरेट लीडर्स, फिल्मी हस्तियां और उद्योगपति यह मानने लगे हैं कि अच्छी नींद = बेहतर निर्णय + बेहतर स्वास्थ्य।
परंपरागत रूप से भारत में गद्दे को साधारण घरेलू वस्तु माना जाता था। लेकिन अब यह सोच बदल रही है। लोग समझने लगे हैं कि खराब नींद से मोटापा, तनाव और हृदय रोग बढ़ते हैं। सही गद्दा रीढ़ की हड्डी और मांसपेशियों को सहारा देता है। प्राकृतिक सामग्री एलर्जी और त्वचा रोगों से बचाती है। इसीलिए भले ही सात करोड़ का गद्दा हर किसी के लिए न हो, लेकिन प्रीमियम और नेचुरल बेडिंग की मांग तेजी से बढ़ रही है।
हैस्टेंस के गद्दे पर्यावरण के लिहाज से भी खास हैं। पूरी तरह बायोडिग्रेडेबल, कोई हानिकारक केमिकल नहीं और लंबी उम्र, यानि बार-बार बदलने की जरूरत नहीं होती है। आज जब दुनिया सस्टेनेबिलिटी की बात कर रही है, तब यह गद्दा विलासिता के साथ जिम्मेदारी का भी उदाहरण है।
जहां एक ओर यह गद्दा विलासिता का शिखर है, वहीं आलोचक सवाल उठाते हैं कि क्या सात करोड़ रुपये की नींद सच में जरूरी है? क्या यह अमीरी का दिखावा नहीं? लेकिन समर्थकों का तर्क है कि जब लोग महंगी घड़ियां, कारें और पेंटिंग्स खरीद सकते हैं, तो स्वास्थ्य और नींद में निवेश क्यों गलत?
घोड़े के बालों से बना यह गद्दा एक नई सोच देता है कि नींद को खर्च नहीं, निवेश समझने की सोच। हर किसी के लिए सात करोड़ का गद्दा संभव नहीं है, लेकिन यह उदाहरण बताता है कि अच्छी नींद की कीमत अनमोल है। आज जब तनाव, अनिद्रा और भागदौड़ जीवन का हिस्सा बन चुका है, तब हैस्टेंस का यह गद्दा केवल विलासिता नहीं, बल्कि एक संदेश है कि स्वस्थ शरीर और शांत मन की शुरुआत अच्छी नींद से होती है।
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