सत्य धर्म स्वीकार्यता, श्री कृष्ण कर्ण संवाद में सूर्य पुत्र कर्ण अद्भुत, धनुर्विद्या दानवीरता पर्य…
Read more »वफादार ---- कुत्ते को डालिए बस एक टुकड़ा रोटी का वह मानता है अहसान उस टुकडे का और बना रहता है वफादा…
Read more »जब मन तडफे व्याकुल होऊँ जब मन तडफे व्याकुल होऊँ, कोई मुझे पैगाम दे, चिट्ठी लिखकर मेरे नाम की, धीरज …
Read more »सारा जग ही मुझको प्यारा, सारा जग ही मुझको प्यारा, सबकी चिन्ता करता हूँ, न हो हानी कोई गुलाब को, संग…
Read more »भूत, भविष्य, वर्तमान, मानव के हैं तीन वस्त्र। भूतकाल के वस्त्र बदलकर, वर्तमान में रह लो मस्त। जो भव…
Read more »रिश्तों का प्राणांत——एक साज़िश माँ को मम्मी, कहते पिता को डैड, बुआ चाची आंटी होकर हो गई मैड। मौसा म…
Read more »कसमसाहट कभी कभी जब आप छोड़ देते हैं खुद को अकेला बिस्तर की बाहों में तन्हां विचार रहित उस समय भी मन …
Read more »सुनो कहानी एक पेड़ की सुनो कहानी एक पेड़ की, क्या क्या वह दे जाता है, धूल सोखता हवा साफ़ कर हमको जी…
Read more »इस लजीली चाँदनी में डॉ रामकृष्ण मिश्र इस लजीली चाँदनी में तुम कहाँ खोयी रही टक- टकी बाँधे तु…
Read more »तारों से भी पार जाऊॅं हाथों में मैं बाॅंधकर डैना , खग सा उड़ूॅं आसमान में । उड़ने में मुझे मिले सिद…
Read more »धूप में जलते हैं खुद और पाँव में छाले पड़े, चलते रहें रात दिन, जितना भी चलना पड़े। चिन्ता यही रहती …
Read more »"अवचेतन की उदासी" अवचेतन में है छिपी वेदना, जैसे कोई अनकही कहानी। उदास मन की धुंधली छाया,…
Read more »श्रम की अठखेलियों में, खुशियों की रवानी है शाश्वतता अहम श्रृंगार, सृष्टि अलौकिक नियम । आशा उमंग उल्…
Read more »मुनिया बेटी डा उषाकिरण श्रीवास्तव सुबह-सवेरे मुनिया बोली आज काम पर जाना बापू, कुछ ज्यादा द…
Read more »चलो मजदूर दिवस मनाऍं महान मजदूर दिवस महान , हम मजदूर दिवस अपनाऍं । मजदूर दूसरे हेतु जो जीता , चलो म…
Read more »मजदूर शब्द सामान्य नहीं , मजदूर शब्द बहुत महान । मजदूर में ही वास हैं करते , सारे देव देवी औ भगवान …
Read more »"मज़दूर की वेदना" मजदूर दिवस पर राष्ट्र के असंख्य मजदूरों को समर्पित हमारी एक रचना ! इस र…
Read more »नव भोर हमें उठाता है बीतते ही अंधेरी रात्रि , मुर्गा ये बांग लगाता है । देता जैसे प्रकृति संदेश , न…
Read more »गर्मी, ग्रीष्म , तपन चल रही अब ग्रीष्म ऋतु , बढ़ गई अत्यधिक तपन । हुईं सूर्य की तीखी नजरें , बढ़ गई…
Read more »कोई गीत लिखना चाहता हूँ कौन कौन पढ़ेगा सोंचता हूँ मैं शब्दों को जब किया अनावृत उसने पूछ लिया क्या मु…
Read more »सत्य धर्म स्वीकार्यता, श्री कृष्ण कर्ण संवाद में सूर्य पुत्र कर्ण अद्भुत, धनुर्विद्या दानवीरता पर्य…
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