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आया स्वर की बन्दिश
प्रयास और विस्वास
लोक माता अहिल्याबाई होलकर
अहिल्या बाई होलकर,ज्योतिर्मय विराट व्यक्तित्व
अहिल्या — एक स्तंभ सनातन का
अलभ्य शब्द
बाहर से कुछ भीतर से कुछ बा
श्रेष्ठ पत्रकारिता
काव्य रस अपूर्व की उत्पत्ति
लोकतंत्र का चतुर्थ स्तंभ,सत्य संग खड़ा रहे
बरसात
लालटेन
पलकों में अवकलित,बस तुम्हारी छवि
लोग हुए बेशर्म
दिव्य रश्मि
सपना / स्वप्न / ख्वाब
जाने तुमने क्या कर डाला
नये दौर में नया दौर, कुछ ऐसा आया,
वीर विनायक दामोदर सावरकर
मरती है सारी दुनिया,इसकी अल्हड़ जवानी पर