दो दिन की जिंदगी है दो दिन की जिंदगी है दो दिन का मेला है। इक दिन उड़ जाएगा प्यारे हंसा अकेला है। ब…
Read more »“हरि अनंत, हरि कथा अनंता… ! गांधी नीति की राह विपंता। ✍️ डॉ. रवि शंकर मिश्र "राकेश" हरि…
Read more »विशेष सघन पुनरीक्षण अभियान,लोकतंत्र की आराधना कुमार महेंद्र वर्तमान समय राष्ट्र उत्संग, मतदाता सत्…
Read more »"ठहराव का अनुरोध" पंकज शर्मा वक्त, कभी तो अपनी अनवरत चाल को थामकर पीछे पलटकर देख— अधूरी म…
Read more »बच्चों का धर्म निभाये कितनो के पुत्र आजकल करते मां बाप की सेवा। सब कुछ उन पर लूटकर खुद बन जाते है भ…
Read more »"स्मृति के तट पर अस्तित्व" पंकज शर्मा ढूँढ रही हूँ पदचिन्ह उनके पगों के— अभी-अभी तो वे गु…
Read more »नानी प्यारी सबसे न्यारी ✍️ डॉ. रवि शंकर मिश्र "राकेश" --------------------------------…
Read more »वह लड़की,रजनीगंधा सी कुमार महेंद्र मस्त मलंग हाव भाव, तन मन अति सुडौल । अल्हड़ता व्यवहार अंतर, मधुर…
Read more »यूॅं ही चलता जा रहा हूॅं यूॅं ही चलता चला जा रहा हूॅं , न मंजिल कोई न है ठिकाना । ऊपरवाले को ही है …
Read more »“शब्दों का अनावृत सत्य” पंकज शर्मा मैं शब्दों का साधक हूँ— जो दिखता है, उसे लिखता नहीं, जो नहीं दि…
Read more »मणिकर्णिका, क्रांति की अमर मणि कुमार महेंद्र संघर्षमय जीवन गाथा, बाल्य अवस्था मातृ हीन । पितृ-छाया …
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शब्दवीणा के मंच पर काव्य संग्रह 'तब तक रुकना ही पड़ेगा' का हुआ भव्य लोकार्पण पुस्तक लोकार्पण…
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