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भाई युधिष्ठिर, मित्र मैं, तब किसकी चिंता
कृष्ण ने अर्जुन को पंडित का बताया अर्थ
सांख्ययोग व कर्मयोग का फल एक ही है
अर्जुन को कर्म संन्यास का ज्ञान
अर्जुन को संशय छोड़ने का उपदेश
ज्ञान से होता है संशय का विनाश
संशय के रहते कार्यसिद्धि नहीं
ज्ञान पाने के लिए श्रद्धा जरूरी
सम्पूर्ण जीवन शैली है गीता का योग
सबसे श्रेष्ठ है परमात्मा का तत्वज्ञान
कृष्ण ने कहा अर्जुन तुम पापी नहीं, प्रिय भक्त हो