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पैंजनिया
संकल्प
पत्तियों की शोभा तभी तक है ,
जीत का प्रतीक भगवा फहरा रहा,
रा रंग चढ़ा है
बड़ी बात है ...
एक दिवस महिलाओं का,
मैं और मेरे में ही सिमट गये हैं सारे रिश्ते
भीगी प्रेम दीवानी राधा
दर्द ए दास्तां कोयल की
हमारी भी हैं कुछ पहचान