पत्तियों की शोभा तभी तक है ,

पत्तियों की शोभा तभी तक है ,

जय प्रकाश कुंअर
जब तक वो उस पेड़ की ,
टहनियों से जुड़ी रहती हैं ।
एक बार टहनियों से टूटकर ,
गिर जाने के बाद ,
उनकी सुन्दरता खतम हो जाती हैं ।।
किसी उच्च पदाधिकारी की ,
शोभा अथवा प्रतिष्ठा तभी तक है ,
जब तक वह उस पद पर ,
विराजमान रहता है ।
एक बार सेवा निवृत्त होकर ,
उस पद से हट जाने के बाद ,
उसकी वह कद्र नहीं रह जाती है ।।
किसी भी धातु की सुन्दरता ,
तभी तक है, जब तक ,
वह आभूषण के रूप में है ।
एक बार आभूषण को ,
गला कर उसके द्रव अथवा ,
ठोस रूप में आ जाने के बाद ,
उस धातु की सुन्दरता ,
खतम हो जाती है ।।
ठीक उसी प्रकार मनुष्य के ,
दांत , नाखुन और शिखा की ,
सुन्दरता भी तभी तक है ,
जब तक ये सभी , मनुष्य के शरीर में ,
अपने अपने स्थान पर विराजमान हैं ।
एक बार मनुष्य के शरीर से ,
अलग हो जाने के बाद ,
इनकी खूबसूरती खतम हो जाती है ।। 
जय प्रकाश कुंअर
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ