जीत का प्रतीक भगवा फहरा रहा,

जीत का प्रतीक भगवा फहरा रहा,

काशी से अयोध्या पहचान करा रहा।
धर्म जाति क्षेत्रवाद बीते दौर की बातें,
विकास का ध्वज घर घर लहरा रहा।

छोड़कर मानवता मुस्लिम हित में रत रहे,
गुण्डे मवालियों के संरक्षण में व्यस्त रहे।
आज हासिए पर पड़े आरोप लगाते दिखे,
चुनाव परिणामों से दुखी खुद से त्रस्त रहे।
राम का मन्दिर पुनः अयोध्या में बना,
काशी में शिव कोरिडोर भी नूतन बना।
हर तरफ़ विकास की गंगा बहने लगी,
सड़क निर्माण विकास का प्रतीक बना।
सबका साथ लेकर चुनाव समर में चले,
सबका विकास लक्ष्य बना समर में चले।
सुरक्षित रहें बेटियाँ क़ानून का राज रहे,
सबका विश्वास जीतकर समर में चले ।

अ कीर्ति वर्द्धन
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