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पशु मैत्री–टीकाकर्मियों के हक़ की आवाज़ बुलंद

पशु मैत्री–टीकाकर्मियों के हक़ की आवाज़ बुलंद

  • मासिक मानदेय की मांग को लेकर मंत्री सुरेंद्र मेहता को सौंपा गया ज्ञापन

✦ दिव्य रश्मि न्यूज़ | पटना | 19 दिसंबर 2025 ✦

बिहार के ग्रामीण अंचलों में पशुधन संरक्षण की रीढ़ माने जाने वाले पशु मैत्री एवं टीकाकर्मियों को आज भी सम्मानजनक मासिक मानदेय से वंचित रखा जाना एक गंभीर सामाजिक विडंबना है। इसी अन्याय के विरुद्ध शुक्रवार को एक सशक्त आवाज़ राजधानी पटना में उठी, जब पशु मैत्री–टीकाकर्मियों के प्रतिनिधिमंडल ने बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री सुरेंद्र मेहता को ज्ञापन सौंपकर वर्षों से लंबित मांगों की ओर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया।

प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता एवं पटना उच्च न्यायालय के अधिवक्ता संजीव कुमार मिश्र के नेतृत्व में सौंपे गए इस ज्ञापन में पशु मैत्री/टीकाकर्मियों की सामाजिक, आर्थिक एवं कार्यगत समस्याओं को तथ्यात्मक रूप से रखा गया।

🐄 ग्रामीण पशुपालन की धुरी हैं पशु मैत्री


श्री संजीव कुमार मिश्र ने कहा कि “पशु मैत्री और टीकाकर्मी गांव-गांव जाकर पशुओं का टीकाकरण, प्राथमिक उपचार और कृत्रिम गर्भाधान जैसी सेवाएं देकर पशुधन को जीवनदान देते हैं। बावजूद इसके, उन्हें आज तक नियमित मासिक मानदेय नहीं मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है।”

उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि अन्य कई राज्यों में पशु मैत्री/टीकाकर्मियों को ₹10,000 से ₹40,000 तक का मासिक मानदेय दिया जा रहा है, जबकि बिहार में यह मुद्दा लगभग एक दशक से लंबित है।

📄 ज्ञापन में प्रमुख मांगें


प्रतिनिधिमंडल की ओर से संघ के कार्यकारी अध्यक्ष मुरारी कुमार ने मंत्री के समक्ष निम्नलिखित मांगें रखीं—
▪ पशु मैत्री/टीकाकर्मियों को निश्चित मासिक मानदेय दिया जाए
▪ प्राथमिक पशु चिकित्सालयों में दैनिक उपस्थिति दर्ज की जाए
▪ कृत्रिम गर्भाधान (AI) एवं अन्य सेवाओं से जुड़ी सामग्री निःशुल्क उपलब्ध कराई जाए
▪ सेवाकाल को अनुभव मानते हुए भविष्य की योजनाओं में प्राथमिकता दी जाए

🤝 मंत्री का सकारात्मक आश्वासन

पशु संसाधन मंत्री सुरेंद्र मेहता ने प्रतिनिधिमंडल की बातों को गंभीरता से सुनते हुए कहा कि पशु मैत्री एवं टीकाकर्मियों की मांगें पूर्णतः जायज हैं। उन्होंने आश्वस्त किया कि एनडीए सरकार पशुपालन क्षेत्र को सशक्त करने के लिए प्रतिबद्ध है और राज्य स्तर पर प्रक्रिया पूरी कर जल्द ही मासिक मानदेय लागू करने की दिशा में ठोस पहल की जाएगी।

👥 प्रतिनिधिमंडल में शामिल रहे

इस अवसर पर पशु मैत्री/टीकाकर्मी संघ के मुरारी कुमार, लक्ष्मेंद्र कुमार तिवारी, चंद्रशेखर कुमार, धीरंजन कुमार एवं मनीष कुमार भी उपस्थित थे।
✍️ Divya Rashmi News विश्लेषण

पशु मैत्री/टीकाकर्मी केवल कर्मचारी नहीं, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था और पशुधन सुरक्षा के प्रहरी हैं। यदि सरकार समय रहते इनकी मांगों पर ठोस निर्णय लेती है, तो यह न केवल लाखों पशुपालकों के हित में होगा, बल्कि ग्रामीण विकास को भी नई दिशा देगा।



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