बड़ी बात है ...

बड़ी बात है ...

वक़्त को आईना दिखाना बड़ी बात है,
सच को सच बताना, बहुत बड़ी बात है।
झूठ को सच कहते हैं, लालच के कारण,
झूठ को बेनकाब करना बड़ी बात है।
स्वार्थों की हद में बनते बिगड़ते रिश्ते,
निस्वार्थ भाव जीना बड़ी बात है।
बनते हैं सम्बन्ध अब अर्थ की नीवं पर,
गरीबों से रिश्ते निभाना बड़ी बात है।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
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