होली महोत्सव — डॉ अ कीर्तिवर्धन -- होली का त्यौहार है, प्यार और मनुहार का, रंगों का साथ है, अबीर और…
Read more »पंच परमेश्वर के साथ शासन प्रशासन के अधिकारीगण सौतेला व्यवहार करते हैं। पटना 04 मार्च 2024 । बिहार प…
Read more »"सिसकियां और लफ़्ज़" कुछ बात मुख्तसर रहे तो बेहतर है, हमनें सुना है लफ्जों से सिसकियां बे…
Read more »बातें हो कही से भी शुरू पर खत्म मुस्कराट से हो। सोचे अच्छे विचारो को और फिर उन्हें ही बोले। यदि कर …
Read more »मुख्यमंत्री ने बिहार जलवायु सम्मेलन एवं प्रदर्शनी तथा राष्ट्रीय डॉल्फिन शोध केन्द्र, पटना सहित कई य…
Read more »श्री गणेशाय नम: 5 मार्च 2024, मंगलवार का दैनिक पंचांग एवं राशिफल - सभी १२ राशियों के लिए कैसा रहेगा…
Read more »जो कह ना सके. इंदिरा शर्मा... जो कह ना सके.. वो बात हो तुम आंखों में बसा .. इक ख़्वाब हो तुम दिल …
Read more »बे-रंग विनय मिश्र "मामूली वुद्धि" आंसूओं के अमीट रंगो के बीच .. …
Read more »मैं उस उम्र से गुजर रही हूं सीमा धीमान मैं उस उम्र से गुजर रही हूं जहां स्पर्श प्यार नहीं होता,,, ए…
Read more »जीवन यात्रा उषा की प्रथम किरण ने दिया जीवन को उपहार, सुरभित हुई वल्लरी,नव पल्लव का शृंगार। भेद तिमि…
Read more »शिव सती और हवनकुंड है प्रचंड,वो अनंग,शक्तिरूपा वरदायिनी, प्रबुद्ध,शुद्ध,शिवप्रिया वरदहस्त सहगामिनी।…
Read more »धुरी हो तुम तुम्हें लिख रही हूँ, कि समा जाओ पन्नों पर, पर लेखनी हर बार रह जाती है अधूरी, कभी शब्द क…
Read more »जन्ने देखS दुनिया में अब पूछ न हे इंसान के l धूम मचल हे धूर्त धुरंधर धुरफंदी बेईमान के ll परिपोषक प…
Read more »अनुभव और पढा़ई आज के युग में हर कोई अपने बेटी बेटा को इंजीनियर वैज्ञानिक डाक्टर सी ए आदि बनना चाहित…
Read more »वासंती रंग में रँगी धरती ढूँढती डॉ रामकृष्ण मिश्र चाँदी के पायल की झनक कहाँ खो गयी। फूलों की क्यारि…
Read more »एक बेहतर आज: कल की कल्पना से परे "प्रिय मित्रों हम सभी सदैव एक उन्नत भविष्य के प्रयासरत रहते ह…
Read more »बसन्त जीवन में हर पल रहता है मैनें उसको देखा है भोगा है और हर पल अनुभव करता हूँ। बसन्त मन की अनुभूत…
Read more »श्री गणेशाय नम: 4 मार्च 2024, सोमवार का दैनिक पंचांग एवं राशिफल - सभी १२ राशियों के लिए कैसा रहेगा …
Read more »मुख्यमंत्री ने ऊर्जा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग एवं लघु जल संसाधन विभाग की संयुक्त…
Read more »"हर बात के लफ्ज़ नहीं होते हैं" हर बात के लफ्ज़ नहीं होते हैं, कुछ एहसास खामोशी के भी होत…
Read more »जिन्दगी की धूप में डॉ रामकृष्ण मिश्र जिन्दगी की धूप में जलता रहा यौवन जो दिखा वह अर्ध- मूर्छित- सा …
Read more »"क्या हूॅ मैं" सुनीता सिंह मैं पल-पल में रचती बसती, खामोशी का संगीत हूं। जीवन में जो राह …
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‘अहिंसा परमो धर्मः’ — अधूरा श्लोक, अधूरा विमर्श — डॉ. राकेश दत्त मिश्र भारतीय समाज में अक्सर यह सुन…
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