Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

मतदाता सूची पुनरीक्षण के खिलाफ बिहार बंद: राहुल गांधी के मार्च में बवाल, पटना की सड़कों पर झड़पें और प्रदर्शन

मतदाता सूची पुनरीक्षण के खिलाफ बिहार बंद: राहुल गांधी के मार्च में बवाल, पटना की सड़कों पर झड़पें और प्रदर्शन


रिपोर्ट: वरिष्ठ पत्रकार एस. एन. श्याम
पटना, 9 जुलाई।

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजधानी पटना में आज सियासी उबाल देखने को मिला। मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया के खिलाफ विपक्ष के आह्वान पर बिहार बंद का व्यापक असर दिखा। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में विपक्षी इंडिया गठबंधन ने जबरदस्त पैदल मार्च निकाला, जो इनकम टैक्स गोलंबर से शुरू होकर शहीद स्मारक होते हुए चुनाव आयोग कार्यालय तक गया। मार्च में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, भाकपा (माले) के दीपांकर भट्टाचार्य सहित कई विपक्षी दलों के प्रमुख नेता शामिल हुए।
इस दौरान पटना की सड़कों पर भारी संख्या में कार्यकर्ता जुटे और 'वोट बचाओ, संविधान बचाओ' के नारों के साथ सरकार और चुनाव आयोग के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने हाथों में संविधान की प्रतियां लेकर विरोध जताया और मतदाता सूची से गरीब, दलित और अल्पसंख्यक वर्गों के नाम जानबूझकर हटाने का आरोप लगाया।
राहुल गांधी ने इस पुनरीक्षण को "एक सोची-समझी साजिश" करार दिया, वहीं तेजस्वी यादव ने गुजरात से आए अधिकारियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि "वे बिहार के मतदाताओं का भाग्य तय नहीं कर सकते।"
मार्च के दौरान कई जगहों पर पुलिस बैरिकेडिंग को तोड़ने की कोशिशें हुईं, जिससे पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें भी हुईं। राजद और कांग्रेस समर्थकों ने पटना के जीरो माइल के पास गया मोड़ पर उग्र प्रदर्शन किया। सड़कों पर आगजनी की गई और यातायात व्यवस्था प्रभावित रही।

राज्यव्यापी असर
बिहार बंद के समर्थन में जहानाबाद, दरभंगा और सचिवालय हॉल सहित कई जिलों में रेल पटरियों पर प्रदर्शन किए गए। कई स्थानों पर ट्रेनों की आवाजाही बाधित हुई और आम जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा। पटना के सचिवालय इलाके में भी उग्र प्रदर्शन हुआ। पुलिस ने हालात को नियंत्रण में लाने के लिए कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया।

राजनीतिक संदेश स्पष्ट
इस पैदल मार्च और विरोध प्रदर्शन के जरिए विपक्ष ने यह स्पष्ट संकेत दिया कि वह आगामी विधानसभा चुनाव से पहले किसी भी तरह की चुनावी धांधली को स्वीकार नहीं करेगा। ‘वोट बचाओ’ अभियान के माध्यम से विपक्ष ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल खड़े करते हुए बिहार की जनता को सचेत करने की कोशिश की है।
इस विरोध प्रदर्शन को जहां आम जनजीवन पर व्यापक असर के लिए आलोचना झेलनी पड़ी, वहीं राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मार्च आने वाले चुनावी समर की आहट है — और विपक्ष की आक्रामक रणनीति की झलक भी।

हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews #Divya Rashmi News, #दिव्य रश्मि न्यूज़ https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ