ऑपरेशन सिंदूर: सच्चाई को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहा है पाकिस्तानी मीडिया

ऑपरेशन सिंदूर 22 अप्रैल के पहलगाम हमले के जवाब में शुरू किया गया, जिसमें 26 मासूम नागरिक मारे गए थे। 7 मई की प्रेस ब्रीफिंग में भारत ने अपनी प्रतिक्रिया को केंद्रित, नपा-तुला और सीमित दायरे का बताया था। इस बात का विशेष रूप से उल्लेख किया गया था कि इस कार्रवाई में पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना नहीं बनाया गया। यह भी दोहराया गया कि भारत में सैन्य ठिकानों पर होने वाले किसी भी हमले का मुँहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
पाकिस्तान के मुख्यधारा के मीडिया आउटलेट्स ने व्यवस्थित रूप से तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया है, अपने दर्शकों को गुमराह किया है और देशभक्ति के प्रचार के बहाने आतंकवादी तत्वों का बचाव किया है। जिस कार्रवाई को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ कदम समझा जाना चाहिए था, उसे बेहद धूर्तता के साथ दुष्प्रचार युद्ध या डिस्इंफॉर्मेशन वॉर में तब्दील कर दिया गया है, जहां सबसे सच्चाई ने ही दम तोड़ा है।
1. सच को दबाया : बहुत बढ़ा-चढ़ाकर दावे किए गए
Geo News, Duniya News, ARY News और SAMAA TV जैसे लगभग सभी प्रमुख पाकिस्तानी समाचार चैनल एक ही तरह के अपुष्ट, बढ़ा-चढ़ाकर किए गए दावों को दोहरा रहे हैं: कि पाकिस्तानी वायु सेना ने भारतीय ड्रोन मार गिराए हैं। उदाहरण के लिए:
Geo News ने किसी तरह का विजुअल सबूत दिए बिना या स्वतंत्र रूप से प्रमाणित किए बिना 25-29 ड्रोन को इंटरसेप्ट करने का आरोप लगाया है ।
Duniya News ने इनकी संख्या को बढ़ाकर 32 ड्रोन कर दिया।
ARY News ने 25 ड्रोन को मार गिराने का दावा किया और साथ ही भारत द्वारा कथित तौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले इजरायल निर्मित हारोप ड्रोन का नाम लेकर अपने दावे को नाटकीय भी बना दिया।
बिना तटस्थ रुख अपनाए और तथ्यों की सरासर गलत बयानी करते हुए, ये सभी पाकिस्तान को पीड़ित के रूप में प्रस्तुत करने के समन्वित प्रयास हैं। इस बात का कोई जिक्र नहीं किया गया है कि ये ड्रोन नागरिकों के रिहायशी इलाकों को नहीं, बल्कि आतंकवादी लॉन्चपैड को निशाना बना रहे थे।
2. नागरिकों का हताहत होना बनाम आतंकवादी लक्ष्य: हमले की जगह के बारे में गलत बयानी
पाकिस्तानी नेटवर्क कोई ठोस ब्यौरा दिए बिना या नागरिकों के रिहायशी इलाकों और आतंकवादियों के अड्डों के बीच अंतर किए बिना बार-बार “नागरिक के हताहत होने” पर जोर दे रहे हैं,:
HUM News और SAMAA TV ने कराची और लाहौर जैसे शहरों से इमरजेंसी रूम के विजुअल और नागरिकों के साक्षात्कारों को बड़े पैमाने पर दिखाया।
एक भी चैनल यह स्वीकार नहीं करता कि निशाना बनाए गए ढांचों में से अनेक भारत द्वारा नामित आतंकवादी अड्डे थे- जो जैश-ए-मोहम्मद तत्वों और लश्कर-ए-तैयबा के ठिकाने थे ।
उनका यह बयान लक्षित आतंकवाद विरोधी अभियानों और अंधाधुंध आक्रमण के बीच मिथ्या समानता पैदा करता है।
3. सीमा -पार आतंकवादी संबंधों से इनकार
Dawn News पाकिस्तान द्वारा भारत के अंदर किसी भी तरह के हमले को अंजाम देने या आतंकी हमलों में शामिल आतंकवादियों को पनाह देने से साफ इनकार करता है।
ARY News और Duniya News ने जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तानी गतिविधि का उल्लेख करने वाली भारतीय मीडिया रिपोर्टों को “फेक न्यूज” और “प्रचार” बताया है।
इनमें से किसी भी चैनल ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान आतंकवादियों के मारे जाने का जिक्र नहीं किया है। ये मौतें, हमले के रणनीतिक महत्व को प्रमाणित करती हैं, फिर भी पाकिस्तानी कवरेज में इन खबरों को पूरी तरह से सेंसर कर दिया गया।
4. ‘फैसल मस्जिद हमला’ और गलत सूचना का प्रसार
SAMAA TV ने स्पष्टीकरण देते हुए वायरल ‘फैसल मस्जिद ड्रोन हमले’ को फर्जी करार दिया, इससे विरोधाभास ही सामने आता है। यही चैनल गलत सूचना के बारे में चेतावनी भी देता है, लेकिन जब आतंकवादी गुटों को पनाह देने में पाकिस्तान की भूमिका होने से इनकार करने की बात आती है, तो वह अपने देश की ओर से होने वाले प्रचार के सक्रिय एजेंट बन जाता है।
5. कराची बंदरगाह के बारे में नाटकीयता: रणनीतिक लक्ष्यों से सनसनी फैलाना
Express News ने कराची बंदरगाह पर भारतीय मिसाइल हमलों का आरोप लगाते हुए नाटकीय सेग्मेंट दिखाए, जिनमें पाकिस्तान नौसेना के प्रतिष्ठानों को निशाना बनाए जाने का दावा किया गया। हालाँकि, कोई सत्यापित जानकारी नहीं दी गई। इसके बजाय, पाकिस्तान के डीजी आईएसपीआर द्वारा ‘शर्मनाक हमला’ और ‘अपरिहार्य संघर्ष’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया।
6. अंतर्राष्ट्रीय अपील और खुद को पीड़ित बताना
Geo News ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के कूटनीतिक हमले को दोहराया, जिसमें भारत की निंदा की मांग की गई थी। फिर भी, यह स्वीकार नहीं किया कि भारत के हमले न सिर्फ पहलगाम हमले के जवाब में किए गए थे, बल्कि विश्वसनीय खुफिया जानकारी पर आधारित भी थे।
पाकिस्तानी मीडिया का फोकस सच्चाई पर नहीं, बल्कि नाटकीयता पर केंद्रित है – वह प्रमाणित आतंकवाद विरोधी हमलों को भावनात्मक राष्ट्रवादी आक्रोश में बदल देता है।
अपनी सरकार को जवाबदेह ठहराने के बजाय, पाकिस्तानी मीडिया ने देश और सैन्य तंत्र के एक गैर-आलोचनात्मक विस्तार के रूप में काम किया है। इसने:
ऑपरेशन सिंदूर के वैध सैन्य परिणामों को दबाया है
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंधित आतंकवादी सरगनाओं की मौजूदगी को छुपाया है
पाकिस्तान को जख्मी, लेकिन बहादुर पीड़ित के रूप में प्रस्तुत करने के लिए सफलता की मनगढ़ंत या बढ़ा-चढ़ाकर कहानियाँ गढ़ी हैं
पहलगाम नरसंहार से किसी भी तरह का संबंध होने से इनकार किया है
और अर्धसत्य और रणनीतिक झूठ फैलाकर क्षेत्रीय अस्थिरता को बढ़ावा दिया है
सत्य की हमेशा जीत होती है
प्रमुख पाकिस्तानी समाचार आउटलेट्स द्वारा पेश किए गए विवरणों, जिनमें वे लगातार पाकिस्तान की ओर से की गई आक्रामक कार्रवाइयों से इनकार करते हैं और उसको भारत की ओर से किए अकारण हमले का शिकार बताते हैं, इनके बिल्कुल उलट ज़मीनी स्तर पर हो रहे तथ्यात्मक घटनाक्रम एक अलग तस्वीर पेश करते हैं। 8 और 9 मई, 2025 की मध्यरात्रि को, भारतीय सेना ने आधिकारिक तौर पर एक वीडियो जारी किया, जिसमें पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तानी ड्रोन को मार गिराने की पुष्टि की गई। यह कार्रवाई पाकिस्तानी सशस्त्र बलों द्वारा ड्रोन और अन्य हथियारों का इस्तेमाल करके किए गए विविध समन्वित हमलों के जवाब में की गई थी।
भारतीय सेना के बयान में स्पष्ट रूप से निम्नलिखित बातें रेखांकित की गईं हैं:
पाकिस्तान ने पश्चिमी सीमा पर ड्रोन और मिसाइल हमलों की बौछार की
जम्मू - कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर संघर्ष विराम के कई उल्लंघन (सीएफवी) हुए
भारतीय बलों ने ड्रोन घुसपैठ को प्रभावी ढंग से विफल कर दिया और सीएफवी का मुहँतोड़ जवाब दिया
भारतीय सेना का यह आधिकारिक बयान स्पष्ट रूप से बताता है कि पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइल हमले करके आक्रामक कार्रवाई की, जो पाकिस्तानी मीडिया की ओर से किए जा रहे इस दावे के विपरीत है कि पाकिस्तान केवल अपना बचाव कर रहा था। यद्यपि पाकिस्तानी चैनल किसी भी गलत कार्रवाई से इनकार करते रहते हैं, लेकिन भारतीय सेना की प्रतिक्रिया देश की सीमाओं की रक्षा करने की आवश्यकता को रेखांकित करती है और इन झूठे दावों को चुनौती देती है।सैन्य फुटेज और आधिकारिक अपडेट सहित वास्तविक साक्ष्यों से पता चलता है कि हमलों की शुरूआत पाकिस्तान ने की और भारत ने नियंत्रित लेकिन मजबूत तरीके से जवाब दिया। इससे हालात को पेश किए जाने के पाकिस्तानी मीडिया के अंदाज से उसकी सच्चाई और उद्देश्यों पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं।
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