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मानवीय जीवन की सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक हास्य

मानवीय जीवन की सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक हास्य

सत्येन्द्र कुमार पाठक
जहानाबाद । विश्व हास्य दिवस और वर्ल्ड लाफ्टर डे के अवसर पर निर्माण भारती के प्रबंध संपादक, साहित्यकार और इतिहासकार सत्येन्द्र कुमार पाठक ने हंसी के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हास्य मानव जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। सत्येन्द्र कुमार पाठक ने दुनिया के मशहूर कॉमिक एक्टर चार्ली चैपलिन के शब्दों को उद्धृत करते हुए कहा, "हंसी के बिना बिताया हुआ दिन एक बर्बाद दिन होता है।" उन्होंने बताया कि हंसी जीवन की सबसे अच्छी चीजों में से एक है और इसके हमारे शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर कई सकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं। हंसी तनाव को कम करती है और हमारे पाचन तंत्र को भी दुरुस्त रखती है।विश्व हास्य दिवस मनाने के उद्देश्य पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि इस दिन को मनाने का मुख्य कारण विश्वभर में हंसी के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य लाभों के बारे में जागरूकता फैलाना है, जो हमारे शरीर और जीवन के लिए अत्यंत लाभदायक है। इस अवसर पर विभिन्न कार्यक्रम और गतिविधियां आयोजित की जाती हैं, जैसे कि हंसी योग सत्र और कॉमेडी शो, जहां लोग एक साथ आकर हंसते हैं और खुशियां फैलाते हैं। इसका मुख्य लक्ष्य एक सकारात्मक माहौल बनाना है जो हंसी, खुशी और कल्याण को बढ़ावा दे। पाठक ने बताया कि विश्व हास्य दिवस पहली बार 10 मई 1998 को मनाया गया था और इसकी शुरुआत भारत में मुंबई के चिकित्सक डॉ. मदन कटारिया ने की थी, जो लाफ्टर योग आंदोलन के संस्थापक भी हैं। उन्होंने बताया कि पहले उत्सव में कुछ ही लोगों ने भाग लिया था, लेकिन धीरे-धीरे इस दिवस ने लोकप्रियता हासिल कर ली और ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे कई अन्य देशों में भी मनाया जाने लगा। उन्होंने आगे कहा कि विश्व हास्य दिवस का उद्देश्य शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार और तनाव को कम करने के लिए हंसी के संदेश को फैलाना है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हंसना हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण पहलू है और हमें हमेशा खुश रहना चाहिए, जिससे हम अपने शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं। डॉ. मदन कटारिया के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि आज की तनाव भरी जिंदगी में हंसी को प्रोत्साहित करना बहुत जरूरी है और इसी उद्देश्य से इस दिन की शुरुआत की गई थी । विश्व हास्य दिवस पर आयोजित होने वाली गतिविधियों की जानकारी देते हुए सत्येन्द्र कुमार पाठक ने बताया कि कई स्थानों पर हंसी योग सत्र आयोजित किए जाते हैं, जिनमें लोग खुलकर हंसते हैं। इसके अलावा, हास्य कलाकार और कॉमेडी मंडलियां विशेष शो और प्रदर्शन करती हैं। सोशल मीडिया पर भी इस दिन को खूब मनाया जाता है, जहां लोग हंसी-मजाक के वीडियो, चुटकुले और मीम्स साझा करते हैं। उन्होंने हंसी को एक दवा बताते हुए कहा कि यह समाज में नई सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है और इसके कई लाभ हैं। हंसी मानसिक तनाव से राहत दिलाती है, शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार करती है, सामाजिक संबंधों को बेहतर बनाती है, सकारात्मक सोच को बढ़ावा देती है और कार्यस्थलों पर कर्मचारियों की उत्पादकता भी बढ़ा सकती है। हंसी की स्टडी को जेलोटोलॉजी कहते हैं और हंसते समय हमारे शरीर में एंडोर्फिन नामक हार्मोन उत्पन्न होता है, जो एक नेचुरल पेन किलर की तरह काम करता है और तनाव, डिप्रेशन और निराशा को दूर करने में मदद करता है। सत्येन्द्र कुमार पाठक ने सभी से हंसते रहने और खुशियां बांटने का आह्वान किया, क्योंकि हंसी ही सच्चे जीवन की निशानी है और मानसिक शांति का सबसे सस्ता और असरदार इलाज है।
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