Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

छत्तीसगढ़ सरगुजा संभाग का शान सामाजिक कार्यकर्त्ता धीरज सिंह देव का खास पहचान

छत्तीसगढ़ सरगुजा संभाग का शान सामाजिक कार्यकर्त्ता धीरज सिंह देव का खास पहचान 
“निरंतर कर्म मेरा धर्म” को आत्मसात कर उसे वास्तव में धरातलीय सोंच के साथ जन सेवा में दिन -रात तल्लीन रहने वाले एक उर्जावान युवा सामाजिक कार्यकर्त्ता सह बलरामपुर जनपद उपाध्यक्ष धीरज सिंह देव छत्तीसगढ़ स्थित सरगुजा संभाग में किसी परिचय और पहचान के मोहताज नहीं हैं I 
              सरगुजा संभाग बल्कि अब तो पुरे छत्तीसगढ़ में दो सिंह देव एक टी .एस .सिंह देव और दुसरे धीरज सिंह देव की खासमखास पहचान से सरगुजा संभाग का कण -कण वाकिफ है I टी .एस .सिंह देव यानि सरगुजा महाराज जो भूपेश बघेल सरकार में उप मुख्यमंत्री थे, उनकी वंशानुगत पहचान है ,लेकिन वर्त्तमान में अपने हीं सरगुजा रियासत रहे अंबिकापुर विधानसभा से पराजित पूर्व विधायक की है I दूसरी ओर अपनी स्वयं की कार्यशैली से बलरामपुर छत्तीसगढ़ से जनसेवा के माध्यम से अपनी यात्रा शुरू कर निरंतर ख्यति प्राप्त करने की ओर अग्रसर धीरज सिंह देव आज सरगुजा संभाग में जन नायक की छवि बना चुके हैं I बेहद हीं विनम्र शालीन स्वाभाव के परंतु जन सरोकार से संबंधित समस्याओं को लेकर चट्टान की तरह खड़ा और अड़ा रहकर जन समस्याओं को निदान की दिशा में परिणत कराने वाली पहचान यदि किसी की है, वह युवा उर्जावान संवेदनशील धीरज सिंह देव की है I 
                 संपूर्ण सरगुजा संभाग में पीड़ित प्रताड़ित रहे किसी भी जाति धर्म की जनता के उम्मीदों की आस के किरण के रूप में धीरज सिंह देव सबके सुख दुख में सहज और स्वाभाविक रूप से खड़ा रहते हैं I लोगों की समस्याओं का निराकरण करने और कराने की अद्भुत क्षमता की जितनी भी प्रशंसा की जाय कम होगी I प्रतिदिन उनके दरबार में एक बजे से पीड़ितों का जमावड़ा शुरू होता है अपनी फरियाद और समस्याओं को आकर लोग सुनाते हैं जिसका निदान धीरज सिंह देव अपने खास अंदाज ऑन स्पॉट समस्याओं का निराकरण के रूप में करते हैं I तत्काल संबंधित विभाग के अधिकारियों को उनके मोबाईल पर फोन करके उपस्थित लोगों की समस्याओं को असरदार तरीके से रखते हैं जिसकी बातों का असर संबंधित विभाग के अधिकारियों पर पड़ता है I 
                    इनके दरबार में अपनी समस्याओं को लेकर आये हुए आगंतुक इनके व्यवहार के कायल हो जाते हैं I इनसे बिलकुल अपरिचित व्यक्ति भी जब इनसे एक बार मिल लेता है तो किसी को यह नहीं लगता कि हम व्यर्थ की जगह पर नहीं आये हैं बल्कि सही स्थान पर संवेदनशील और प्रभावशाली व्यक्ति के पास आये हैं I कोई भी अपनी समस्याओं को रखता है तो ये सुनते हैं समझते हैं और निदान करते हैं I 
              सरगुजा संभाग के ग्रामीणों खासकर जनजातीय लोगों से आत्मीय भाव से मिलना उनसे बात करना उम्र में बड़े किसी को भी विनम्रता से चरण स्पर्श करके इतना सम्मान करना यह गुण सबके वश के बाहर की चीज है I इनके दरबार में आने वाले फरियादियों को सबसे पहले बिना किसी भेदभाव के सबको कुछ न कुछ मीठा दिया जाता है व जलपान कराया जाता है सबको चाय या कॉफ़ी पिलाया जाता है I यह प्रतिदिन का रूटीन है I इनके स्टाफ भी सबका विनम्रता से अतिथि की तरह स्वागत करते हैं ,बैठने के लिए कुर्सी देते हैं I करीब दो सौ कुर्सी लगी रहती है और प्रतिदिन औसतन सौ से अधिक फरियादियों की भीड़ नजर आता है I  कई गरीब फरियादियों को आर्थिक मदद भी करते हैं और आर्थिक मदद करते समय यह बोलते हैं दारू शराब मत पीना इस पैसे से अपनी जरुरत की वस्तुएं खरीदना फल सब्जी खाना महुआ दारू शराब से स्वस्थ खराब होगा I

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ