भारत के स्वर्ग में खूनी नाला
(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)
भारत का स्वर्ग है कश्मीर। यहां के खूबसूरत नजारे लोगों को मंत्रमुग्ध कर लेते हैं। चमत्कार और आस्था के केन्द्र भी हैं। बाबा अमरनाथ का प्राकृतिक शिवलिंग और मन की मुराद पूरी करने वाली माँ वैष्णव देवी, जहां श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। श्रीनगर की डल झील में शिकारे पर बैठकर लोग थोड़ी देर के लिए सब कुछ भूल जाते हैं। इसी कश्मीर में एक खूनी नाला भी है। दहशत का यह पर्याय है। सर्दियों के दौरान इस क्षेत्र में हिम-स्खलन अक्सर होता रहता है। यहां पर इतनी ज्यादा दुर्घटनाएं होती हैं कि इस स्थल का नाम खूनी नाला रख दिया गया है। यहां पर दुर्घटनाओं से बचाने के लिए इंजीनियरिंग समाधान निकाला गया है। इसके तहत स्टील का एक मजबूत जाल बनाया गया जो गिरने वाले वाहनों और लुढ़कते पत्थरों से रक्षा करता है। यह खूनी नाला बर्फ से जिंदगी का खून जमा देता है। गत 19 मई को भी इसी खूनी नाले में एक हादसा हो गया। जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा ढह गया। इस हादसे में आधा दर्जन से ऊपर लोग फंस गये थे। इन पंक्तियों के लिखे जाने तक मलबे में फंसे 2 लोगों कोे बचा लिया गया था। पुलिस और सेना के संयुक्त प्रयास से यह राहत कार्य सम्पन्न हो सका।
जम्मू-कश्मीर की बनिहाल सुरंग से गुजरने से पहले, एक जगह को खूनी नाला के नाम से जाना जाता है। यहां मानव जाति प्रकृति के शक्तिशाली ताकत से हर साल लड़ती है। मनुष्य से मनुष्य शायद जीत भी सकता है, लेकिन प्रकृति हर बार उसे हरा देती है। खूनी नाले को इस नाम से इसलिए जाना जाता है क्योंकि सड़क के दुर्घटनाओं से यहां मरने वालों की संख्या खतरनाक है। इसे एक और नाम से जाना जाता है वो है किलर रिव्लेट। इन दुर्घटनाओं से बचने के लिए इंजीनियरिंग समाधान निकला गया यहां एक स्टील का जाल बनाया गया है जो गिरने वाले वाहनों और गिरने वाले पत्थरों से बचाता है। इस स्टील नेट को हर कुछ महीनों में बदलना जरूरी होता है। सर्दियों के दौरान, सड़क के इस खंड में हिमस्खलन अक्सर होता रहता है। इस क्षेत्र में सड़क से, आप पहाड़ों को देख सकते हैं जो सिर्फ पिघलते हुए लगते हैं, और तेजी से नष्ट हो रहे हैं, मानो प्रकृति द्वारा पहाड़ों को रेत और पत्थर में बदल दिया जाता है, और सब नदियों में मिल जाते हैं। हर साल जनवरी-फरवरी में कम से कम 10 लोग ऐसी दुर्घटना में अपनी जान गंवा देते हैं।
इससे कई किवदंतियां भी जुड़ी हैं जिसमें कई लोग कहते हैं कि यहां एक गर्भवती महिला की मौत हुई थी उसने यहां आकर आत्महत्या कर ली थी और अब उसकी और उसके नवजात बच्चे की आत्मा यहां भटकती है जो लोगों को गलत रास्ते पर ले जाती है और वही आत्मा हर साल लोगों की जान लेती है, कोई कहता है यहां पर कई लोगों की आत्मा भटकती है।इन सारी किवदंतियों को हटाकर देखा जाए तो यहां होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने का बस एक ही तरीका है कि यहां एक सुरंग बनाई जाए। इतने साल से यहां एक नया मार्ग अब निर्माणाधीन है और इसका कार्य आगे नहीं बढ़ पा रहा। हिमस्खलन से यहां कई जाने जा चुकी हैं। जिस सुरंग की हम बात कर रहे हैं उसके बनने के बाद ये सारी दुर्घटनाएं तो दूर होंगी ही साथ ही साथ जम्मू और कश्मीर के क्षेत्रों को करीब लाएगी, बल्कि देश के बाकी हिस्सों से घाटी के अलगाव को समाप्त भी करेगी। वहां की भाषा में खुरी नाला, (खूनी नाला) को लेकर सरकार का कहना है कि वो यहां तक कि रेलवे 9 0 किमी लंबी सुरंगों के नेटवर्क की योजना में है। इसलिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने वर्तमान राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच 44) के खंड को जम्मू से श्रीनगर तक चार लेनों में अपग्रेड करने के लिए एक परियोजना शुरू की है। इस परियोजना में दो प्रमुख सुरंग शामिल हैं। जम्मू और श्रीनगर के बीच 288 किलोमीटर की दूरी कम होकर 238 किमी हो जाएगी, लेकिन अधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि 10 घंटे की यात्रा को केवल पांच घंटे में कवर किया जा पाएगा।
बीते दिन जम्मू-कश्मीर में कुपवाड़ा-तंगधार रोड पर एक यात्री वाहन भारी हिमस्खलन की चपेट में आ गया जिससे कम से कम सात लोग फंस गए। कुपवाड़ा-तंगधार रोड पर खूनी नाला इलाके में एक कैब गत दिनों हिमस्खलन की चपेट में आ गई जिसके बाद दो लोगों को बचा लिया गया। दो लोगों को हिमस्खलन के स्थल से बचाया गया है जबकि कैब में सवार कम से कम सात अन्य लोग लापता हो गये। दूसरी तरफ कश्मीर घाटी की सबसें खूबसूरत जगह है। श्रीनगर सबसे बडा आकर्षण यहां की डल झील है। इसकी एक अपनी ही बात है। घरनुमा वोट (हाउसवोट) से भरी डल झील की अपनी ही एक खूबसूरती है। जल रात मे देखने और भी खूबसूरत लगती है।नुब्रा घाटी जम्मू कश्मीर राज्य के लेह से 150 किमी की दूरी पर स्थित है। नुब्रा घाटी एक तीन भुजाओं वाली घाटी है जो लद्दाख घाटी के उत्तर-पूर्व में स्थित है। भारत-चीन सीमा पर स्थित पैंगांग झील की अपनी एक खूबसूरत है। इस झील को हिंदी फिल्म 3 इडियट् के बाद सबसे ज्यादा प्रसिद्धि मिली है। इसके बाद से यहां पर पर्यटकों की संख्या अधिक बढ़ोत्तरी हुई है। इस झील को लद्दाखी भाषा में सो-को झील कहा जाता है। पहलगाम कश्मीर के सबसे खूबसूरत हिल स्टेशनों में एक है। यहां के बर्फ से ढके पहाड़ो में ट्रैकिंग करने का अनोखा मजा है। दुनिया भर के ट्रैकिंग शौकीन पर्यटक गर्मियों में मस्ती करने यहां आते है।द्रास को लद्दाख का गेटवे माना जाता है। यह भारत के सबसे ठंडे शहरों में से एक है। कई स्रोतों के अनुसार साइबेरिया के बाद यह दुनिया का दूसरा सबसे सर्द स्थल है। कारगिल युद्ध के बाद इस स्थान का अपना ही महत्व है।सोनमर्ग भी कश्मीर की एक निराली सैरगाह है। सोनमर्ग का अर्थ सोने से बना घास का मैदान होता है। यह जगह श्रीनगर के उत्तर-पूर्व से 87 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। सोनमर्ग पर स्थित सिंध घाटी कश्मीर की सबसे बड़ी घाटी है। यह घाटी करीबन साठ मील लम्बी है।लेह नगर, पूर्वी जम्मू-कश्मीर राज्य के उत्तरी भारत में स्थित एक जिला मुख्यालय है। लेह को अपने आकार के कारण दुनिया की छत भी कहा जाता है। इसके चारों ओर ऊँच-ऊँचे पर्वतों का घेरा है। लेह भारत के सबसे ठंड़े शहरों में से एक है।कारगिल में साल 1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच लड़ाई हुई थी। वैसे यह स्थान मुख्य से बौद्ध पर्यटन केंद्र के रुप में प्रसिद्ध है। यहां बौद्धों के कई प्रसिद्ध मठ स्थित है।जम्मू शहर जम्मू कश्मीर राज्य की शीतकालीन राजधानी है। इस शहर को मंदिरों के शहर नाम से भी जाना जाता है। जम्मू शहर में एक बढ़कर एक प्रसिद्ध मंदिर हैं। इस शहर की स्थापना 8 वीं सदी में राजा लोचन ने की थी। बहरहाल, इतनी खूबसूरती के बीच खूनी नाला आज भी दहशत पैदा करता है।
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