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डिजिटल इंडिया अभियान का विस्तार

डिजिटल इंडिया अभियान का विस्तार

(डॉ. दिलीप अग्निहोत्री-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)

  1. मोदी के सत्ता में आने के बाद 40 करोड़ लोग जनधन खाता खोलने गये पहली बार बैंक में ।
  1. अब टैबलेट पर उपलब्ध होगा सदन का एजेंडा।


चालीस करोड़ जन धन खातों के साथ शुरू हुआ डिजिटल इंडिया अभियान निरंतर प्रगति पर है। इसके पहले नई दिल्ली से भेजे गए सौ पैसों में से अंतिम स्तर तक मात्र पन्द्रह पैसे पहुंचते थे। यह कथन देश के एक प्रधानमंत्री का था। उन्हीं की पार्टी के नेतृत्व में दस वर्ष तक यूपीए सरकार रही। व्यवस्था को सुधारने की जगह उसके समय में तो हालत बदतर हो गए। उस सरकार पर आर्थिक मसलों पर गंभीर आरोप लगते रहे। नरेंद्र मोदी ने व्यवस्था को सुधारने का संकल्प लिया। उन्होंने सच्चे अर्थों में पहली बार डिजिटल इंडिया अभियान शुरू किया। इसके पहले चरण में चालीस करोड़ जन धन खाते खोले गए। ये वह लोग थे जिन्होंने स्वतन्त्रता के बाद पहली बार बैंक को भीतर से देखा था। उस समय विरोधियों ने इस पर भी खूब तंज कसे थे। उनकी नजर में यह व्यर्थ कवायद थी। लेकिन इस योजना से दिल्ली से भेजी गई धनराशि जरूरतमन्दों तक शत-प्रतिशत पहुंचने लगी। सब्सिडी, भरण पोषण भत्ता, किसान सम्मान निधि, उपज का भुगतान बिना बिचैलियों के होने लगा।

उत्तर प्रदेश जनसंख्या की दृष्टि से सबसे बड़ा प्रदेश है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके अनुरूप केंद्रीय अभियानों में यूपी की भागीदारी सुनिश्चित की। अनेक अभियानों व योजनाओं में यूपी ने विगत पांच वर्षों में कीर्तिमान स्थापित कर दिए। इसमें डिजिटल इंडिया अभियान भी शामिल है। योगी आदित्यनाथ ने व्यवस्था से बिचैलियों को बाहर कर दिया। एक कदम आगे बढ़ते हुए विधाई कार्यों को भी डिजिटल इंडिया अभियान में शामिल कर दिया। उत्तर प्रदेश की विधानसभा देश की पहली ई-विधानसभा हो गई है। यहां की पूरी व्यवस्था हाईटेक हो गई है। अब सदन की कार्यवाही पेपरलेस होगी। सदस्यों के सवाल और मंत्रियों के जवाब टैबलेट पर प्रदर्शित होंगे। इसके लिए सदन की सभी सीटों पर टैबलेट लगाए गए हैं। सदन के सदस्य अपने पासवर्ड अथवा फिंगरप्रिंट के माध्यम से टैबलेट का संचालन कर सकेंगे। टैबलेट पर ही सदन की कार्यवाही का एजेंडा उपलब्ध होगा। प्रश्नकाल के दौरान सदस्यों की तरफ से पूछे जाने वाले प्रश्न और सरकार की ओर दिये जाने उत्तर भी टैबलेट पर आनलाइन प्रदर्शित होंगे।

डिजीटल अभियान के अनेक लाभ है। इससे व्यवस्था में पारदर्शिता आई है लेकिन विधानसभा की कार्यवाही में विधायकों का आचरण भी महत्वपूर्ण होता है। विगत अनेक वर्षों से विपक्ष चर्चा से अधिक हंगामे को वरीयता देता रहा है। सदन की व्यवस्था हाइटेक हो और विधायक सड़क पर प्रदर्शन करते रहे,बेल में आकर हंगामा करते रहें,तो कोई लाभ नही होगा। पिछले कुछ समय से संसद व राज्य विधानसभाओं में अधिकांश समय हंगामे जैसी स्थिति रहती है। यूपीए सरकार के समय टू जी और कोयला घोटाले के मुद्दे सामने आए थे। इनकी आंच तत्कालीन सत्ता शिखर तक पहुंच रही थी। यूपीए सरकार द्वारा उचित कदम न उठाने के कारण संसद में विपक्ष का हंगामा चलता था। वर्तमान समय में सरकार पर ऐसे गंभीर आरोप नहीं है। आज ऐसा कोई विषय नहीं है जिस पर चर्चा न हो सके। सरकार की आलोचना करना व प्रश्न पूछना विपक्ष का अधिकार है। वर्तमान समय में जो समस्याएं है उन पर चर्चा से विपक्ष को अधिक लाभ मिलने की संभावना हो सकती है। बशर्ते वह तथ्यों के आधार पर अपनी बात सदन में रखे। हंगामे में यह सभी बातें सदन के पटल पर नहीं पहुंचती हैं। इसका यह भी सन्देश जाता है कि विपक्ष के पास तर्क व तथ्यों का अभाव है। उत्तरप्रदेश विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान विपक्षी सदस्य कागज के गोले फेंका करते थे, सीटी बजाते थे। राज्यसभा के सदस्य मेज पर चढ़कर हंगामा कर रहे थे, अभद्र और अनुचित आचरण से विपक्ष की प्रतिष्ठा नहीं बढ़ती। संसद के शीतकालीन सत्र में राज्यसभा से बारह सांसदों को सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया था। पिछले मानसून सत्र में सदन में अनियंत्रित व्यवहार और आसन की मर्यादा का उल्लंघन करने और सुरक्षाकर्मियों से बदसलूकी की वजह से इन सांसदों को निलंबित किया गया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि डिजिटल इण्डिया अभियान वन नेशन वन एप्लीकेशन के माध्यम से चरितार्थ हो रहा है। डिजिटल इण्डिया के माध्यम से शासन की योजनाओं का लाभ आमजन तक पहुंचने लगा है। राज्य सरकार द्वारा विगत पांच वर्ष में समाज के अन्तिम पायदान तक के लोगों को शासन की योजनाओं से जोड़ने का कार्य किया गया। डीबीटी के माध्यम से शासन की योजनाओं को अन्तिम व्यक्ति तक पहुंचाना सुनिश्चित हुआ है। उत्तर प्रदेश विधानसभा ने केवल इसी मुद्दे पर कीर्तिमान नहीं बनाया है,बल्कि विगत पांच वर्षों में अभिनव प्रयोग भी किये है। दो वर्ष पहले पूरी तरह पेपरलेस बजट प्रस्तुत किया गया था। उसके बाद सतत विकास के लक्ष्यों पर छत्तीस घण्टे निरन्तर चर्चा की गयी थी। महात्मा गांधी की एक सौ पचासवीं जयन्ती कार्यक्रम पर विधान मण्डल का विशेष सत्र आहूत किया गया था। वर्तमान विधानसभा के अधिवेशन से पहले व्यवस्था को ई-विधान के रूप में परिवर्तित किया गया। यह कार्य आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में सम्पादित हुआ। इस कारण इसका विशेष महत्व है। इसके साथ ही यह आगामी पच्चीस वर्ष के लक्ष्य निर्धारण का अमृत काल भी है। इसमें विधानसभा की महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रभावी कार्यवाही के माध्यम से इसमें योगदान दिया जा सकता है। उत्तर प्रदेश की विधानसभा एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को साकार करने में सहायक बनेगी। विधायकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी शामिल हुए। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से शासन को जवाबदेह बनाया गया है। शासन में सूचना प्रौद्योगिकी के व्यापक उपयोग से पारदर्शिता आती है। उसी प्रकार विधान मण्डलों में सूचना प्रौद्योगिकी के बेहतर प्रयोग से सदन में तर्क एवं संवाद की स्थिति बेहतर होती है। उत्तर प्रदेश विधानसभा ने अत्यन्त कम समय में पेपरलेस ई विधानसभा की ओर कदम बढ़ाया है। यहां की लाइब्रेरी,संग्रहालय, रिसर्च विंग भी आधुनिक बनेगी। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि प्रधानमंत्री का संकल्प पूरे देश की विधान सभाओं को एक पोर्टल पर लाने का है। इसी उद्देश्य से नेवा नेशनल ई विधान एप्लीकेशन लागू किया गया है। इससे देश की सभी विधानसभाओं में एकरूपता होगी। योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से यह कार्य मात्र डेढ़ महीने में पूरा किया गया है। विधानसभा में सभी सदस्यों के बैठने के लिए सीट निर्धारित कर दी गयी है। सभी सदस्य अपनी निर्धारित सीट पर ही बैठेंगे और वहीं से अपनी बात रखेंगे।
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