भाजपा के नक्शेकदम पर मान

भाजपा के नक्शेकदम पर मान

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)
भाजपा ने जिस तरह से सियासी ताकत बटोरी है, उससे लगता है पंजाब के नये मुख्यमंत्री भगवंत मान ने काफी कुछ सीखा है। राजनीति में अपने विरोधियों को संभलने का मौका न दो और जनता तक इसका संदेश भी पहुंचे, ऐसी रणनीति भाजपा के नरेन्द्र मोदी की है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को इसीलिए उन्होंने पूरी तरह ‘पप्पू’ बना दिया है। पंजाब में नये मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कड़क नेता की छवि बनाते हुए जहां कहा कि अब नौकरी में रिश्वत की सिफारिश लेकर कोई न आये, इसके साथ ही मंत्रियों को टारगेट भी तय कर दिये गये हैं। इसी के साथ मुख्यमंत्री ने अपना आक्रामक रूप भी दिखाया है। पंजाब में भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु की शहादत के दिन (23 मार्च) को अवकाश घोषित किया गया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान के इस फैसले पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस के विधायक अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने विधानसभा में कहा कि सीएम को इस दिन छुट्टी देने की जगह स्कूली बच्चों को शहीद भगत सिंह की जिंदगी के बारे में बताना चाहिए। कांग्रेस विधायक को लगा कि वे सीएम को घेर लेंगे लेकिन वे स्वयं घिर गये। सीएम मान ने पलट कर कांग्रेस विधायक से पूछा- ‘आपको पता है शहीद-ए-आजम भगत सिंह का जन्मदिन कब होता है? इस सवाल का जवाब कांग्रेस विधायक नहीं दे पाये, तब भगवंत मान ने कहा- कमाल है जी, आपको ये नहीं पता कि शहीद-ए-आजम भगत सिंह का जन्मदिन कब होता है? फिर उन्हांेने स्वयं ही बताया कि 28 सितम्बर को होता है। इस प्रकार अपने विरोधी को चारो खाने चित करने की कला उन्होंने भाजपा से सीखी है।

चुनाव जीतने के बाद आप विधायक दल की बैठक के दौरान सीएम भगवंत मान ने कहा कि जनता ने बहुत बड़ा बहुमत दिया है, जहां हम जा भी नहीं पाए वहां भी जनता ने भारी बहुमत से जिताया है, ऐसे में हमारा फर्ज ये है कि अब हम कौने कौने पर जाए, जहां समस्या है, जहां मुद्दा है वहां हमें जाना है। हमें ये नही देखना की यहां से हमें वोट कम पड़ी थी या नहीं पड़ी थी हम सबके सीएम है। भगवंत मान बोले कि पैसे तो बहुत लोग कमा कर जाते हैं, अगर आपके एक सिग्नेचर करने से किसी का चूल्हा जलता है या किसी का स्वास्थ्य का काम होता है तो इससे अच्छा कुछ नहीं हो सकता। कई बार मेरे पास स्पेशल किड्स आते थे तो मैं कहता था उनका मजाक न उड़ाया जाए। पता नहीं किस भेष में नारायण मिल जाये। कुछ शिकायतें मिली है कि लोग खराब शब्दावली प्रयोग कर रहे हैं ये करने हम नहीं आये। मान ने कहा आप (विधायको) में से बहुत ऐसे हैं जो 60,70,75 हजार वोट से जीत कर आये है। 1 करोड़ लोगों ने लगभग वोट डाल कर हमें भेजा है, इसे हमें लोगों के लिए प्रयोग करना है ना कि लोगांे के ऊपर। किसी को धमकाना नहीं है, यहां तक कि पुलिस पटवारी अधिकारी सबसे प्यार से बात करो, समझाओ उन्हें। आप हमें बताओ हम चंडीगढ़ से इलाज करेंगे। फिलहाल 25 हजार नौकरियों का हमने आदेश दिया है और 1 महीने में वो हो जाएगी। हो सकता है कि आपके पास इन नौकरियों के लिए लोग सिफारिश लगवाने आएंगे लेकिन अगर अपने ऐसे किसी की सिफारिश की तो फिर आप किसी और का हक मारोगे, आम आदमी पार्टी इसलिए नहीं बनी। दिल्ली में मैं देखता रहा हूँ , हर विधायक व मिनिस्टर का सर्वे होता है कि लोग उसके बारे में क्या कहते हैं।

इसके बाद 21-22 विधायकांे का सर्वे में जरा सा नेगेटिव आया उनकी टिकट काट कर नयो को दे दी ,वो भी जीत गए। हमें कुम्बा नही बनाना,अगर आपको अपनी सीट पक्की करनी है तो जनता के साथ पक्की दोस्ती करनी है उनका काम करना है, मैं डरा नहीं रहा बस समझा रहा हूँ। काम जायज होना चाहिए, बुरे काम की सिफारिश मत करना अच्छे काम पर पीछे नहीं हटना।

दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने भी पंजाब के नए सीएम भगवंत मान की जमकर तारीफ की। केजरीवाल बोले कि केबिनेट मंत्रियों को बड़ी जिम्मेदारी मिली है। मान साहब हर एक मंत्री को टारगेट देंगे। अगर टारगेट पूरा नहीं हुआ तो जनता कहेगी की मंत्री बदलो। इसलिए सिर्फ चंडीगढ़ में मत बैठना, घोड़ा गाड़ी की आदत पड़ जाती है। अपनी पार्टी का मंत्र विधायक लोगों के बीच घूमेगा। जो लोग मंत्री नहीं बन पाए वो दुखी हैं। पंजाब के लोगों ने हीरे चुन करके भेजे हैं और इसलिए 92 लोगों की टीम बनाकर काम करना है। मैं बड़ा भाई हूं और भगवंत की लीडरशिप में काम करना है। हर हाल में भगवंत मान द्वारा दी जिम्मेदारी को पूरा करना है। कभी सोचा था कि विधायक बनोगे? बड़े बड़े लोगों को हराने वाले घमंड न करें। किसी का किसी पद पर हक नहीं होता है। भगवतं मान की तारीफ में अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं आज बहुत खुश और भावुक हूं कि पंजाब के लोगों ने बहुत प्यार दिया है। पिछले कुछ दिनों में मान साहब ने जबरदस्त काम किया है। अब देश भर में मान साहब की चर्चा है।

भगवंत मान ऐक्शन में आ गये। पुराने मंत्रियों की सुरक्षा हटाकर जनता को सुरक्षा दी, बर्बाद फसल का मुआवजा भी दिया। इसके साथ ही एंटी करप्शन एक्शन लाइन का एलान किया जिसके बाद दिल्ली वालों के कॉल आने लगे, अपने आप से सुधार हुए हैं। पंजाब में आज रोजगार एक बड़ी समस्या है और रोजगार के एलान से उम्मीद अब विश्वास में बदल गयी है।

ध्यान देने की बात है कि पंजाब में शपथ लेने वाले 11 में से सात मंत्रियों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं, जिनमें से चार पर गंभीर आरोप हैं। चुनाव सुधारों के लिए काम करने वाले संगठन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। इन 11 मंत्रियों में मुख्यमंत्री भगवंत मान शामिल हैं। ‘पंजाब इलेक्शन वॉच’ और एडीआर ने मुख्यमंत्री सहित सभी 11 मंत्रियों के हलफनामों का विश्लेषण किया। एडीआर ने कहा कि सात मंत्रियों (64 फीसदी) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं। उनमें से चार (36 फीसदी) ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। इन 11 मंत्रियों में नौ करोड़पति हैं और उनकी संपत्ति का औसत 2.87 करोड़ रुपये है। सबसे ज्यादा घोषित कुल संपत्ति वाले मंत्री होशियारपुर के ब्रह्म शंकर (जिम्पा) हैं। उनके पास 8.56 करोड़ रुपये की संपत्ति है। भोआ (एससी) निर्वाचन क्षेत्र के लाल चंद के पास सबसे कम घोषित कुल संपत्ति 6.19 लाख रुपये है। नौ मंत्रियों ने देनदारियों की भी घोषणा की है। सबसे ज्यादा देनदारी वाले मंत्री ब्रह्म शंकर हैं, उन पर 1.08 करोड़ रुपये की देनदारी है। एडीआर ने कहा कि पांच मंत्रियों (45 फीसदी) ने अपनी शैक्षणिक योग्यता 10वीं और 12वीं कक्षा के बीच घोषित की है, जबकि बाकी स्नातक या उससे ऊपर हैं। छह मंत्रियों (55 फीसदी) ने अपनी उम्र 31 से 50 साल के बीच घोषित की है, जबकि पांच (45 फीसदी) की उम्र 51 से 60 साल है। आम आदमी पार्टी (आप) के 10 विधायकों ने पंजाब के मंत्री के रूप में शपथ ली। इनमें हरपाल सिंह चीमा, हरभजन सिंह, डॉ। विजय सिंगला, लाल चंद, गुरमीत सिंह मीत हेयर, कुलदीप सिंह धालीवाल, लालजीत सिंह भुल्लर, ब्रह्म शंकर, हरजोत सिंह बैंस और डॉ। बलजीत कौर हैं। इससे पहले भगवंत मान ने स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह के पैतृक गांव खटकड़ कलां में एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। पंजाब के नए-नवेले मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 22 मार्च को अपने विधायकों संग पार्टी की बैठक में हिस्सा लिया। इससे पहले भगवंत मान ने राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में 25,000 रिक्तियों को भरने को मंजूरी दे दी है। मान ने एक वीडियो संदेश में इसकी घोषणा की है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा, ‘‘इस बार नौकरियों में कोई भेदभाव नहीं होगा, कोई ‘सिफारिश’ या कोई रिश्वत नहीं होगी।
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