इस बार ‘ठाकुर’ पर दोतरफा वार

इस बार ‘ठाकुर’ पर दोतरफा वार

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)
  • इस बार कांग्रेस के साथ आम आदमी पार्टी भी भाजपा को देगी टक्कर
पांच राज्यों का घमासान खत्म हुआ तो गुजरात और हिमाचल प्रदेश में समर भूमि सजाई जाने लगी है। पंजाब में उम्मीदों से ज्यादा विजयश्री मिलने के बाद आम आदमी पार्टी के नेता अरविन्द केजरीवाल ने हिमाचल में सियासत को गर्मा दिया है। पंजाब के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री भगवंत मान 6 अप्रैल को हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जनपद मंडी में रोड शो करके अपनी आमद दर्ज कराएंगे। उधर, कांग्रेस के पास अब रोने के लिए आंसू भी नहीं बचे हैं। पांचों राज्यों में उसकी शर्मनाक पराजय हुई है। उत्तर प्रदेश जैसे पुराने गढ़ में उसको सिर्फ 2 विधायक मिल पाये हैं। पंजाब की सत्ता उससे आम आदमी पार्टी ने छीन ली। उत्तराखण्ड में पार्टी की कलह का नतीजा रहा कि मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार हरीश रावत चुनाव हार गये। इतना ही नहीं, कांग्रेस के असंतुष्टों के ग्रुप-23, जो अब ग्रुप-22 बन गया है क्योंकि जितिन प्रसाद ने भाजपा का दामन थाम लिया है, उसने भी पार्टी नेतृत्व पर उंगली उठाई है। इसलिए 2004 में कांग्रेस में नयी जान फूंकने वाली श्रीमती सोनिया गांधी ने एक बार फिर कमान संभाली है। उन्होंने हिमाचल विधानसभा चुनाव के लिए अभी से ही तैयारी शुरू कर दी है। इस तरह ठाकुर पर इस बार दोतरफा वार हो सकता है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने हिमाचल की सियासत को भी गर्मा दिया है। केजरीवाल पंजाब के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ हिमाचल के सीएम जय राम ठाकुर के गृह जिला मंडी में 6 अप्रैल को हुंकार भरेंगे। केजरीवाल मंडी में एक रोड शो करेंगे और इसको सफल बनाने के लिए पार्टी जी तोड़ मेहनत भी कर रही है। हिमाचल प्रभारी रत्नेश गुप्ता काफी समय से हिमाचल में सक्रिय हैं और हाल ही में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने कई क्षेत्रों का दौरा किया है। प्रदेशभर में अलग-अलग स्थानों पर भाजपा और कांग्रेस के अंसतुष्ट ‘आप’ का दामन थाम रहे हैं।

केजरीवाल के मंडी दौरे को लेकर सीएम जय राम ठाकुर ने कहा है कि उनका यहां आने पर स्वागत है। साथ ही ये भी कहा है कि हिमाचल की सियासत में अब तक तीसरे विकल्प को जनता ने मान्यता नहीं दी। हिमाचल की जनता की मानसिकता और सोच भी यही है। उन्होंने कहा कि मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच ही होगा। साथ ही कहा कि चार राज्यों के चुनावों में जिस तरह से भाजपा ने वापसी की है, उसी तरह हिमाचल में भी भाजपा की ही वापसी होगी। वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस भी आम आदमी पार्टी की चुनौती को खारिज कर चुकी है। हालांकि, 1998 के विधानसभा चुनावों में हिमाचल विकास कांग्रेस ने 5 सीटें जीतकर कांग्रेस से सत्ता छीनने में प्रमुख भूमिका अदा की है। सियासी गलियारों में चर्चाएं चल रही हैं भाजपा और कांग्रेस के कुछ दिग्गजों समेत छोटे-बड़े कई नेता झाड़ू थामने के लिए तैयार हैं। इससे भाजपा और कांग्रेस दोनों अच्छी तरह से वाकिफ हैं लेकिन सीधे तौर पर ‘आप’ की चुनौती को खारिज कर रहे हैं। खबरें तो इस तरह की भी आ रह हैं कि वर्तमान सरकार के मंत्रियों के अलावा कई पूर्व मंत्री, सत्ता पक्ष और विपक्ष के कुछ विधायकों के साथ आम आदमी पार्टी से संपर्क साधने की कोशिश कर रहे हैं।

आम आदमी पार्टी के हिमाचल प्रभारी रत्नेश गुप्ता कहते हैं कि प्रदेश की सभी 68 सीटों पर पार्टी का संगठन बन चुका है और आने वाले विधानसभा चुनावों में पार्टी सभी सीटों पर पूरी ताकत से चुनाव लड़ेगी। अन्य पार्टी से नेताओं की एंट्री पर उन्होंने कहा कि आने वाले समय में बहुत से बड़े चेहरे पार्टी में नजर आएंगे। आम आदमी से लेकर उन नेताओं के चेहरे भी होंगे जिनका अपनी पार्टी में दम घुट रहा है। उन्होंने कहा कि जो लोग सही मायनों में जनता की सेवा करना चाहते हैं और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ना चाहते हैं वो पार्टी में शामिल होंगे।

उधर, हिमाचल कांग्रेस के सह प्रभारी संजय दत्त कह चुके हैं कि प्रदेश में थर्ड फ्रंट का एक्सपेरिमेंट विफल हो चुका है। उनका कहना है कि दिल्ली मॉडल पूरी तरह से बोगस है और आने वाले दिनों में आम आदमी पार्टी का असली चेहरा जनता के सामने आएगा। संजय दत्त का ये भी कहना है कि दिल्ली में अगर कोई काम होता है तो अन्य राज्यों में उसके प्रचार के लिए करोड़ों रूपये खर्च किए जाते हैं। आम आदमी पार्टी केवल प्रचार तंत्र में विश्वास रखती है। कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता नरेश चैहान का कहना है कि पंजाब में ‘आप’ की जीत के कई कारण हैं लेकिन हिमाचल की परिस्थतियां अलग हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में 70 में से 67 सीटों पर ‘आप’ की जमानत जब्त हुई, यूपी समेत अन्य राज्यों में क्या हालत हुई ये सबके सामने है।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने हिमाचल प्रदेश के पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ गत दिनों बैठक की, जिसमें आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों को लेकर चर्चा की गई। सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा, प्रभारी राजीव शुक्ला, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कुलदीप राठौर, सांसद प्रतिभा वीरभद्र सिंह और प्रदेश के कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए। कांग्रेस के एक नेता ने बताया, ‘इस बैठक में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर चर्चा की गई, संगठन को लेकर भी बात हुई।’ बैठक से पहले राठौर ने संवाददाताओं से कहा, ‘सोनिया जी हमारे साथ विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा करेंगी, इसलिए यह बैठक बुलाई गई है।’ हिमाचल प्रदेश में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इससे पहले कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने प्रदेश कांग्रेस के नेताओं की बैठक बुलाई थी। हिमाचल विधानसभा बजट सत्र और होली की वजह से तीन बार यह बैठक टालनी पड़ी थी। हिमाचल प्रदेश में इस वर्ष के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। इन चुनावों से पहले नगर निगम शिमला के चुनाव होने हैं। नगर निगम चुनावों में समय बहुत कम रह गया है। हिमाचल में लाखों सरकारी कर्मचारियों और उनके परिवार का वोट चुनावों में एक अहम कड़ी है, भाजपा सत्ता पर काबिज है और लगभग हर मंच पर कर्मचारियों के पक्ष में लिये गए फैसलों का बखान किया जाता है। कांग्रेस की नजर भी कर्मचारियों के वोट बैंक पर है। इसलिए अब वेतन विसंगति के मुद्दे पर भाजपा को घेरना शुरू कर दिया है। इस मुद्दे पर कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता नरेश चैहान ने जय राम सरकार पर हमला बोला है। चैहान का कहना है कि जय राम सरकार कर्मचारियों की अनदेखा कर रही है। उन्होंने कहा कि बीते एक साल से छठे वेतन आयोग की सिफारिशों पर कर्मचारियों की वेतन विसंगतियों को दूर करने में भी प्रदेश सरकार पूरी तरह असफल रही है, कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहें है और मुख्यमंत्री एक तानाशाह के तौर पर उसे दबाने का असफल प्रयास कर रहें है। चैहान ने कहा कि सरकार कर्मचारियों के साथ बदले की भावना से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि 10 कर्मचारी नेताओं के दूर-दराज के इलाकों में तबादले कर उन्हें प्रताड़ित करने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। नरेश चैहान ने कर्मचारियों के तबादले का फैसला वापस लेने की मांग की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पहली बार ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है जहां इतने बड़े स्तर पर कर्मचारियों का हर वर्ग आंदोलनरत है। साथ ही कहा कि कांग्रेस पार्टी कर्मचारियों के साथ खड़ी है। कांग्रेस ने पेयजल जैसे मुद्दे भी उठाए। शिमला शहर में इन दिनों पीने के पानी की कमी चल रही है। शहर में बहुत स्थानों पर कई दिनों बाद पानी आ रहा है। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर कहा कि अभी मार्च में पेयजल संकट हो गया है और जब अप्रैल मई में गर्मी का प्रकोप बढे़गा तो क्या हाल होगा।
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