Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

जयति जय जय,श्रद्धेय प्रेमानंद जी महाराज

जयति जय जय,श्रद्धेय प्रेमानंद जी महाराज 

कुमार महेन्द्र
प्रातः वंदनीय संत शिरोमणि,
व्यक्तित्व अंतर अपनत्व अपार ।
प्रेरणा पुंज संवाद अठखेलियां,
वृंदावन हृदय निवास उद्गार ।
दृष्टि पटल स्नेह प्रेम निर्झर,
आध्यात्म विमर्श मुस्कानी अंदाज ।
जयति जय जय, श्रद्धेय प्रेमानंद जी महाराज ।।

मृदुल मृदु विमल वाणी,
श्री चरण कमल वरदान ।
कृत कृत्य राधा रानी उपमा,
हृदय पुनीत शुभ संधान ।
दर्शन दिव्य दीप्त आभा ,
सत्कर्म सुषुप्त सौभाग्य राज ।
जयति जय जय,श्रद्धेय प्रेमानंद जी महाराज ।।

शांति शीतलता सरसता,
अनंत तृप्ति प्रीति कारक ।
सकारात्मक नैतिक सोच,
समस्या जड़ मूल निवारक ।
सहज सरस बोधगम्य उद्बोधन,
जन हिय आशा उमंग परवाज ।
जयति जय जय,श्रद्धेय प्रेमानंद जी महाराज ।।

वाणी वेणु श्रवण चिंतन मनन,
नैतिकता मोहक श्रृंगार ।
संस्कृति सुसंस्कार मर्यादा,
सदाहित आत्मीय आगार ।
राष्ट्र वंदन मानवता स्तुति,
सुखद भविष्य निर्माण काज ।
जयति जय जय,श्रद्धेय प्रेमानंद जी महाराज ।।

कुमार महेन्द्र
(स्वरचित मौलिक रचना)
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews #Divya Rashmi News, #दिव्य रश्मि न्यूज़ https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ