बुजुर्ग,व्यवहारिक ज्ञान के विश्वविद्यालय
कुमार महेंद्रशुभ मंगल पावन सानिध्य,
आदर सम्मान परम बिंदु ।
मृदुल मधुर संवाद अहम,
अनुभव हिलोर अंतर सिंधु ।
कृपा आशीष सदा अप्रतिम,
अर्थ परिभाषा खुशहाल आलय ।
बुजुर्ग, व्यवहारिक ज्ञान के विश्वविद्यालय ।।
सहज सरस बोध इतिहास,
सत्य आधारित कथ्य दृष्टांत ।
गलती माध्य शिक्षा सीख,
पुनरावृत्ति संग दूरी नितांत ।
विगत परिस्थिति बखान सेतु,
मानवता वंदन स्तुत मालय ।
बुजुर्ग,व्यवहारिक ज्ञान के विश्वविद्यालय ।।
संस्कृति परंपरा संवाहक,
सुसंस्कार अमिय सागर ।
शुद्ध सात्विक विचारधारा,
आदर्श मर्यादा चरित्र गागर ।
सहयोग सद्भाव तरंगिणी,
नैतिकता सदृश हिमालय ।
बुजुर्ग,व्यवहारिक ज्ञान के विश्वविद्यालय ।।
वर्तमान भौतिक चकाचौंध,
वरिष्ठजन प्रायः उपेक्षा छोर ।
आर्थिक पटल भार उपमा,
सलाह परामर्श नगण्यता ओर ।
आग्रह निवेदन युवा पीढ़ी,
सदा शीर्ष मान प्रतिष्ठा पालय ।
बुजुर्ग,व्यवहारिक ज्ञान के विश्वविद्यालय ।।
कुमार महेंद्र
(स्वरचित मौलिक रचना)
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews #Divya Rashmi News, #दिव्य रश्मि न्यूज़ https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com