हदों में रहकर, मन्जिल की आस करते रहे,
बडे नासमझ थे, बेवफा से आस करते रहे।समन्दर खारा है, प्यास बुझा नही सकता,
बरसात बाद, मीठे पानी की आस करते रहे।
जानते थे उसकी फितरत, धोखा देना ही थी,
धोखा खाकर भी, सुधरने की आस करते रहे।
छूने की चाह आसमां, हौसलों की जरूरत होती है,
उतरेगा आसमां जमीं पर, ख्वाबों में आस करते रहे।
था बाजुओं में दम, जज्बा देश पर कुर्बान होने का,
सरहद पर सैनिक, अखण्ड भारत की आस करते रहे।
मिलेगा मान वीरों को, सहादत उनकी रंग लायेगी,
सीमा पर डटे सैनिक, वतन से यही आस करते रहे।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews #Divya Rashmi News, #दिव्य रश्मि न्यूज़ https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com