Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

ऋषि की दुनिया

ऋषि की दुनिया

ऋषि की दुनिया है यह ,
ऋषि की पावन धरती ।
सुख दुःख में एक रहे ,
सुखद आनंद है वरती ।।
दुनिया है ऋषि मुनि की ,
जहॅं शापित रावण कंस ।
प्रताप उन ऋषि मुनि की ,
किंतु बढ़े रावण कंस वंश ।।
आबादी रावण कंस की ,
जिनके घातक होते दंश ।
प्रबल प्रताप ऋषि मुनि की ,
दंश घटकर बचता है अंश ।।
युग तो यह कलियुग किंतु ,
ऋषि मुनि प्रताप प्रबल है ।
होता है घात बहुत ही किंतु ,
मात खाता कल बल छल है ।।
कलि घातक द्वापर त्रेता से ,
किंतु ऋषि मुनि का बल है ।
जन जन में भरा आज छल ,
पर ऋषि मुनि निश्छल हैं ।।
ईश्वर की असीम कृपा उनपे ,
जिनसे सुरक्षित धरातल है ।
जी रहे आज जीव सुरक्षित ,
जो ऋषि मुनि कृतिफल है ।।
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना
अरुण दिव्यांश
छपरा ( सारण )बिहार ।
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews #Divya Rashmi News, #दिव्य रश्मि न्यूज़ https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ