Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

फिर से मुस्कराने लगीं,शेखावाटी की हवेलियां

(राष्ट्र की अनमोल धरोहर शेखावाटी की हवेलियां
जो कुछ समय से उपेक्षित थी,अब राजस्थान सरकार के सकारात्मक प्रयासों से संरक्षण और संवर्धन की सुखद पहल हुई है । इसी की स्तुति में कुछ पंक्तियां सादर निवेदित हैं __)

फिर से मुस्कराने लगीं,शेखावाटी की हवेलियां

************************************
पुलकित प्रफुल्लित परा विरासत,
मरणासन्न अंतर नव जीवन ज्योत ।
रग रग अथाह हर्ष उल्लास उमंग,
जन प्रतिक्रिया उत्सव ओतप्रोत ।
विलुप्त भू कारोबारी गिद्ध दृष्टि,
अस्त मृग मरीचिकी पहेलियां ।
फिर से मुस्कराने लगीं,शेखावाटी की हवेलियां ।।


हर हवेली दीवार इतिहास पैनोरमा,
अद्भुत अनुपम मनहर भित्ति चित्र ।
आकर्षक प्रेरणास्पद कला शैली,
सहज सरस प्रस्तुति विगत चरित्र ।
निहार विहार भव्य प्रांगण प्रकोष्ठ,
ज्ञान प्रज्ञान पुरातन रंग रेलियां ।
फिर से मुस्कराने लगीं,शेखावाटी की हवेलियां ।।


शुभ मंगल प्रयास राज्य तंत्र,
धरोहर उपमा ओजस्वी कदम ।
अंकुश क्रय विक्रय परिवर्तन,
नियंत्रण कुत्सित प्रयास छद्म ।
संरक्षण हित उत्तम कार्य योजना,
पर्यटन क्षेत्र श्रृंगार सम दुल्हनियां ।
फिर से मुस्कराने लगीं,शेखावाटी की हवेलियां ।।


नवलगढ़ मंडावा बिसाऊ सह,
फतेहपुर हवेलियां अति मोहक ।
अविस्मरणीय शिल्प कला सौष्ठव,
प्राचीन जीवन प्रस्तुति सोहक ।
कामना यशस्वी खुली कला दीर्घा भविष्य,
अप्रतिम लोक राग रंग अठखेलियां ।
फिर से मुस्कराने लगीं,शेखावाटी की हवेलियां ।।


कुमार महेंद्र
(स्वरचित मौलिक रचना)
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews #Divya Rashmi News, #दिव्य रश्मि न्यूज़ https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ