हे गजानन,ऐसा वर दो
मृदुल मधुर ह्रदय तरंग,
स्वर श्रृंगार अनुपम ।
विमल वाणी ओज गायन,
ज्योतिर्मय अन्तरतम ।
मानस सर नवरस लहर,
गूंजे मधुमय गान प्रखर दो ।
हे गजानन,ऐसा वर दो ।।
दुर्बल छल बल मद माया,
प्रसरित जग जन जन ।
प्रदत्त निर्मल विमल मति,
तमस हर कण कण ।
नवगति नवलय जग अनूप,
नव दृष्टि नवल ज्ञान भर दो ।
हे गजानन,ऐसा वर दो ।।
हे कृपानिधि करुणामय,
दया नीर कण छलका दो ।
प्यासे नयन अंतरस्थ,
निज स्वरूप झलका दो ।
पुलकित पावन चरण बिंदु,
दर्शन लाभ अष्ट प्रहर दो ।
हे गजानन,दो ऐसा वरदान ।।
समय काल स्वर्ण आभा,
सर्वत्र मोद उल्लास ।
आजीवन अथाह कृपा,
प्रबल आस्था विश्वास ।
प्रेम सुमन महके जीवन ,
सर्वत्र सुख समृद्धि कर दो ।
हे गजानन, ऐसा वर दो ।।
कुमार महेंद्र
(स्वरचित मौलिक रचना)
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews #Divya Rashmi News, #दिव्य रश्मि न्यूज़ https://www.facebook.com/divyarashmimag
स्वर श्रृंगार अनुपम ।
विमल वाणी ओज गायन,
ज्योतिर्मय अन्तरतम ।
मानस सर नवरस लहर,
गूंजे मधुमय गान प्रखर दो ।
हे गजानन,ऐसा वर दो ।।
दुर्बल छल बल मद माया,
प्रसरित जग जन जन ।
प्रदत्त निर्मल विमल मति,
तमस हर कण कण ।
नवगति नवलय जग अनूप,
नव दृष्टि नवल ज्ञान भर दो ।
हे गजानन,ऐसा वर दो ।।
हे कृपानिधि करुणामय,
दया नीर कण छलका दो ।
प्यासे नयन अंतरस्थ,
निज स्वरूप झलका दो ।
पुलकित पावन चरण बिंदु,
दर्शन लाभ अष्ट प्रहर दो ।
हे गजानन,दो ऐसा वरदान ।।
समय काल स्वर्ण आभा,
सर्वत्र मोद उल्लास ।
आजीवन अथाह कृपा,
प्रबल आस्था विश्वास ।
प्रेम सुमन महके जीवन ,
सर्वत्र सुख समृद्धि कर दो ।
हे गजानन, ऐसा वर दो ।।
कुमार महेंद्र
(स्वरचित मौलिक रचना)
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews #Divya Rashmi News, #दिव्य रश्मि न्यूज़ https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com