Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

"आहों के मोती"

"आहों के मोती"

निःशब्द शून्य की गहराइयों से
उदित होती है एक सूक्ष्म स्पंदन—
श्वास, जो आत्मा का ऋण है,
त्याग कर जाती है अपने पीछे
आहों के पारदर्शी रत्न।


हर आह, एक बूँद समय की,
जो अनंत की अँगूठी में जड़ जाती है।
वियोग का विषाद उनमें झिलमिलाता है,
पर उसी झिलमिलाहट में
अनश्वरता की ध्वनि भी प्रतिध्वनित होती है।


ये मोती केवल दुख नहीं,
मनुष्य की असहायता का स्वीकृत प्रमाण नहीं—
ये तो आत्मा के यात्रा-चिह्न हैं,
जो बतलाते हैं कि मृत्यु भी
केवल एक और तट है,
जहाँ श्वास का मौन
अमरता में बदल जाता है।


रात्रि उन्हें ब्रह्मांड की मणिमाला में पिरो देती है,
तारे उनका रूप धर लेते हैं—
और हम, नश्वर देह में बँधे हुए,
उन्हें ऊपर निहारते हैं
मानो अपनी ही आहों की झिलमिलाहट को
अनंत में पुनः पहचान रहे हों।


इस प्रकार,
आहों के मोती
स्मृति भी हैं, शोक भी,
किन्तु साथ ही
आत्मा की अविनाशी चमक भी,
जो समय के पार
निरंतर झरती रहती है।


. स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित
✍️ "कमल की कलम से"
✍️ (शब्दों की अस्मिता का अनुष्ठान)
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews #Divya Rashmi News, #दिव्य रश्मि न्यूज़ https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ