एनजीओ (NGO) क्या है? और NGO में ठगी से बचाव और आत्मनिर्भरता की ओर एक कदम
- NGO चलाना कोई "फंड प्राप्त करने की मशीन" नहीं है, यह समाज सेवा का माध्यम है।
- सही दस्तावेज़, नियमित बैठकें और पारदर्शिता ही किसी भी फंडिंग का आधार बनते हैं।
लेखक: डॉ राकेश दत्त मिश्र
जब हम समाज की भलाई, जरूरतमंदों की मदद या जनजागृति की बात करते हैं, तो एक नाम बार-बार सामने आता है—एनजीओ (NGO)। यह एक ऐसा शब्द है जो आज सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक, स्वास्थ्य, पर्यावरण और मानवाधिकार से जुड़े हर क्षेत्र में सुनाई देता है। लेकिन क्या वास्तव में सभी लोग जानते हैं कि एनजीओ क्या होता है, कैसे काम करता है और इसका समाज में क्या योगदान है? इस लेख में हम इन्हीं पहलुओं पर प्रकाश डालेंगे।
एनजीओ का अर्थ:
एनजीओ का पूरा नाम है Non-Governmental Organization, जिसे हिंदी में गैर-सरकारी संगठन कहा जाता है। यह ऐसे संगठन होते हैं जो सरकार से स्वतंत्र, गैर-लाभकारी (Non-Profit) और स्वेच्छा से संचालित होते हैं। इनका मुख्य उद्देश्य जनहित और समाज सेवा होता है, न कि व्यापारिक लाभ कमाना।
एनजीओ की परिभाषा:
"एनजीओ एक ऐसा संगठन है जो समाज के वंचित, जरूरतमंद और उपेक्षित वर्गों की सहायता के लिए कार्य करता है, और इसका संचालन गैर-सरकारी, गैर-राजनीतिक एवं गैर-व्यावसायिक आधार पर होता है।"
एनजीओ के मुख्य उद्देश्य:
सामाजिक सेवा – वृद्ध, विधवा, अनाथ, विकलांग, गरीबों के लिए सहायता।
शिक्षा – निर्धन बच्चों की पढ़ाई, स्कूल निर्माण, छात्रवृत्ति आदि।
स्वास्थ्य – निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर, टीकाकरण, रक्तदान, स्वच्छता अभियान।
महिला सशक्तिकरण – सिलाई-कढ़ाई, स्वरोजगार प्रशिक्षण, आत्मनिर्भरता।
पर्यावरण संरक्षण – वृक्षारोपण, प्लास्टिक मुक्त अभियान, जल संरक्षण।
मानवाधिकार – बाल श्रम, घरेलू हिंसा, भेदभाव के खिलाफ कार्य।
आपदा राहत – बाढ़, भूकंप, महामारी जैसी आपदाओं में सहायता।
एनजीओ के प्रकार:
सामुदायिक आधारित संगठन (Community Based NGOs) – जैसे महिला मंडल, युवक मंडल।
राष्ट्रीय NGOs – जो पूरे देश में कार्य करते हैं, जैसे सेव द चिल्ड्रन इंडिया।
अंतरराष्ट्रीय NGOs – जैसे रेड क्रॉस, ऑक्सफैम, ग्रीनपीस आदि।
धार्मिक या आध्यात्मिक NGOs – जैसे इस्कॉन, रामकृष्ण मिशन, आर्ट ऑफ लिविंग।
एनजीओ कैसे बनाएं?
एनजीओ बनाने के तीन मुख्य कानूनी ढांचे हैं:
सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1860 के तहत।
ट्रस्ट एक्ट, 1882 के तहत।
कंपनी एक्ट, 2013 (सेक्शन 8 कंपनी) के तहत।
एनजीओ रजिस्ट्रेशन के लिए जरूरी दस्तावेज:
नाम प्रस्ताव
उद्देश्यों का विवरण
पते का प्रमाण
सदस्यों की सूची
पहचान पत्र (आधार/पैन)
हस्ताक्षर
एनजीओ कैसे काम करता है?
एनजीओ में प्रबंधन समिति/बोर्ड होता है जो नीतियां और कार्यक्रम तय करता है।
ये संगठन अपने उद्देश्यों के अनुसार प्रोजेक्ट डिजाइन करते हैं।
वे सरकार, कॉरपोरेट (CSR), अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों या जनसहयोग से फंड प्राप्त करते हैं।
फंड का उपयोग समाजसेवी योजनाओं और जरूरतमंदों के हित में किया जाता है।
पारदर्शिता के लिए आडिट रिपोर्ट, सालाना रिपोर्ट और सोशल मीडिया प्रचार भी करते हैं।
एनजीओ का समाज में योगदान:
सरकारी योजनाओं का सहयोगी – एनजीओ सरकार के साथ मिलकर कार्य करते हैं, जैसे टीकाकरण अभियान।
प्रेरक परिवर्तन का माध्यम – शिक्षा, स्वच्छता, पर्यावरण जैसे क्षेत्रों में बदलाव लाते हैं।
जन-जागरूकता का केंद्र – बाल विवाह, दहेज, नशा, लैंगिक समानता जैसे मुद्दों पर अभियान।
रोजगार सृजन – युवाओं को प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वरोजगार हेतु तैयार करना।
चुनौतियाँ:
वित्तीय संकट
सरकारी मान्यता एवं अनुपालन की जटिलताएं
पारदर्शिता की कमी
कुछ फर्जी एनजीओ द्वारा छवि खराब होना
ग्रामीण क्षेत्रों में पहुँच की कठिनाई
निष्कर्ष:
एनजीओ हमारे समाज की रीढ़ हैं, जो बिना लाभ की भावना के लोगों की सेवा में लगे रहते हैं। आज देश को ऐसे संगठनों की सबसे अधिक आवश्यकता है जो मानवीय मूल्यों को बढ़ावा दें, न्याय की आवाज़ बनें और उन वर्गों तक पहुंचें जो अब भी विकास की मुख्यधारा से दूर हैं।
यदि देश में सामाजिक परिवर्तन लाना है, तो हर व्यक्ति को या तो एक जिम्मेदार नागरिक बनकर या एक सक्रिय स्वयंसेवक बनकर एनजीओ के माध्यम से समाज के उत्थान में भाग लेना चाहिए।
“एक एनजीओ सिर्फ एक संगठन नहीं, बल्कि समाज परिवर्तन की एक चुपचाप चलती क्रांति है।”
1: NGO का आधारभूत ढांचा
NGO पंजीकरण के प्रकार:
ट्रस्ट (Trust Act)
सोसाइटी (Societies Registration Act)
कंपनी (Section 8 Company, Companies Act)
किन दस्तावेजों की ज़रूरत होती है?
संस्थापक सदस्यों की ID/पते की प्रति
संविधान / ट्रस्ट डीड / MOA & AOA
रजिस्ट्रेशन प्रमाणपत्र
2: महत्वपूर्ण पंजीकरण और मान्यता
क्रम पंजीकरण पोर्टल / प्रक्रिया
2 12A (Tax Exemption) incometax.gov.in (e-filing)
3 80G (Donor Tax Benefit) incometax.gov.in (e-filing)
4 CSR Form 1 MCA Portal
5 FCRA (विदेशी फंड के लिए) fcraonline.nic.in
3: सलाहकार से जुड़ने से पहले ध्यान दें
सलाहकार का पिछला अनुभव जांचें
उनसे पुराने क्लाइंट्स की सूची माँगे
किसी भी बड़े पैकेज से बचें
सरकारी प्रक्रिया को स्वयं समझें
4: NGO में ठगी से बचने के उपाय
फर्जी CSR फंडिंग का प्रलोभन — कोई कंपनी सीधे पैसा नहीं देती, उसे CSR पोर्टल पर रिपोर्ट करना होता है
₹10-20 लाख के फंड का वादा — पहले स्वीकृति पत्र माँगें
MOA या रिपोर्ट खुद देखें — ब्लैंक कागज़ पर साइन न करें
क्लाइंट बनने से पहले फीस की पूरी बात क्लियर करें
5: फंडिंग कैसे प्राप्त करें
CSR कंपनियों को स्वयं प्रपोजल भेजें
राज्य और केंद्र की योजनाओं पर फोकस करें
Local MLA/MP Fund, District Collector Grant
विश्वसनीय ऑनलाइन पोर्टल्स:
6: NGO के लिए जरूरी सॉफ्टवेयर/टूल्स
नाम कार्य
Tally/Zoho Books लेखा जोखा (Accounts)
Canva पोस्टर, रिपोर्ट डिजाइन
Google Forms सर्वे/फीडबैक
MS Word/Excel रिपोर्टिंग
7: दस्तावेजों की मासिक / वार्षिक चेकलिस्ट
बैठक की मिनट्स (Minutes of Meeting)
लेखा-जोखा (Ledger)
मासिक प्रगति रिपोर्ट (Activity Report)
वार्षिक रिपोर्ट
ऑडिट रिपोर्ट
रिटर्न फाइलिंग (ITR, Form 10B, etc.)
8: सही मार्गदर्शन कहाँ से लें?
NITI Aayog
राज्य समाज कल्याण विभाग
जिलाधिकारी कार्यालय
वकील या चार्टर्ड अकाउंटेंट (जो NPO में अनुभव रखते हों)
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