Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

जीवन एक पहेली है

जीवन एक पहेली है

जीवन एक पहेली है ,
खुशियों की सहेली है ।
ईर्ष्या द्वेष कलह रोग ,
एक जीवन बहेली है ‌।।
जबतक जीवन जवान ,
बहुत ही खेल खेली है ।
लोभ लाभ चक्कर में ,
कितना कष्ट झेली है ।।
जवानी जीवन पहिया ,
जिस दिशा ढल जाए ।
बिन इंजन है ये जवानी ,
जिस रूप में पल जाए ।।
जीवन जीते जन जन ,
जीवन जीता कहाॅं कोई ।
जीवन मरण यश अपयश ,
ईश्वर चाहे सो ही होई ।।
जीवन होता है जाल में ,
देख मौत जालिम होए ।
काल अवस्था देखे नहीं ,
जीव जीवन पल में खोए ।।
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना
अरुण दिव्यांश
डुमरी अड्डा
छपरा ( सारण )बिहार ।
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews #Divya Rashmi News, #दिव्य रश्मि न्यूज़ https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ