प्रसिद्ध आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. विवेकानंद मिश्र को किया गया सम्मानित

- चिकित्सा और समाज सेवा में अद्वितीय योगदान हेतु वरिष्ठ नेता कपिल देव प्रसाद सिंह ने किया अभिनंदन
पटना, 3 जुलाई 2025।
प्रसिद्ध आयुर्वेद चिकित्सक, समाजसेवी एवं सनातन संस्कृति के प्रचार-प्रसार में अग्रणी भूमिका निभाने वाले डॉ. विवेकानंद मिश्र को आज उनके आवास डॉ. विवेकानंद पथ पर बिहार प्रदेश कर्मचारी संघ सह महागठबंधन के वरिष्ठ नेता श्री कपिल देव प्रसाद सिंह द्वारा सम्मानित किया गया। इस अवसर पर श्री सिंह ने उन्हें अंगवस्त्र पहनाकर, गले में माला डालकर और साधुवाद ज्ञापित करते हुए उनका अभिनंदन किया।
सम्मान ग्रहण करते हुए डॉ. मिश्र ने कपिल देव बाबू के प्रति आभार प्रकट किया और उनके दीर्घायु एवं स्वस्थ जीवन की कामना की। उन्होंने कहा कि यह सम्मान केवल उनका नहीं, बल्कि उन सभी मरीजों और सामाजिक सहयोगियों का है, जो सेवा को धर्म मानते हैं और आयुर्वेद जैसे शाश्वत चिकित्सा पद्धति पर विश्वास रखते हैं।
इस अवसर पर श्री कपिल देव प्रसाद सिंह ने कहा—
“डॉ. विवेकानंद मिश्र हमारे समाज के लिए गौरव हैं। आज जब चिकित्सा सेवा का व्यवसायीकरण हो चुका है, तब भी डॉ. मिश्र सेवा को ही सर्वोच्च धर्म मानकर गरीबों, जरूरतमंदों और असहायों के लिए संजीवनी बनकर कार्य कर रहे हैं। उनके व्यक्तित्व से हम सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा कि—
“वर्तमान आर्थिक युग में अधिकांश डॉक्टरों का उद्देश्य केवल धन अर्जन रह गया है, लेकिन डॉ. मिश्र इसके अपवाद हैं। वे न केवल एक निपुण वैद्य हैं, बल्कि एक संवेदनशील समाजसेवी भी हैं, जो रोगियों की पीड़ा को अपनी पीड़ा समझकर इलाज करते हैं।”
डॉ. विवेकानंद मिश्र ने अपने वक्तव्य में समाज में स्वास्थ्य जागरूकता फैलाने, आयुर्वेद की वैज्ञानिकता को जन-जन तक पहुंचाने, और युवा डॉक्टरों को सेवा भावना से ओत-प्रोत करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने यह भी बताया कि आने वाले समय में वे निःशुल्क स्वास्थ्य परामर्श शिविरों की श्रृंखला चलाने वाले हैं ताकि ग्रामीण क्षेत्रों के वंचित वर्ग तक चिकित्सा सुविधा पहुँच सके।
उपस्थित गणमान्यजनों की उपस्थिति रही विशेष
इस सम्मान समारोह में शहर एवं आसपास के क्षेत्र से कई गणमान्य जन, डॉक्टर, साहित्यकार एवं समाजसेवी उपस्थित थे, जिन्होंने डॉ. मिश्र के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर अपने विचार साझा किए।
उपस्थित प्रमुख व्यक्तित्वों में शामिल थे:
- डॉ. राजेंद्र प्रसाद मिश्र,डॉ. गीता विश्वकर्मा, डॉ. सुरेंद्र कुमार, अद्यतन भारत के संपादक रवि भूषण पाठक, डॉ. भोला पांडेय, साहित्यकार कविता राऊत, सामाजिक कार्यकर्ता सुनीता देवी, पं. निशीकांत मिश्र,श्री अनंत अच्युत मराठे, श्रीमती अर्चना बनर्जी, श्रीमती नीलम पासवान, श्रीमती किरण पाठक आदि। इन सभी ने डॉ. मिश्र के सामाजिक योगदानों, निःस्वार्थ सेवा भावना और सरल व्यक्तित्व को याद करते हुए उनके साथ बिताए संस्मरणों को साझा किया। कई वक्ताओं ने यह भी बताया कि कैसे डॉ. मिश्र की सलाह और चिकित्सा से असाध्य रोगों से जूझते लोगों को नया जीवन मिला।
सामाजिक योगदान हेतु पूर्व में भी सम्मानित
उल्लेखनीय है कि डॉ. विवेकानंद मिश्र को चिकित्सा क्षेत्र के साथ-साथ समाज सेवा में उनके विशिष्ट योगदान हेतु कई राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय संगठनों द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। उन्होंने विभिन्न सामाजिक संस्थाओं से जुड़कर स्वास्थ्य जागरूकता, शिक्षा, पर्यावरण संरक्षण एवं सनातन संस्कृति के संरक्षण हेतु उल्लेखनीय कार्य किए हैं।
डॉ. विवेकानंद मिश्र न केवल एक प्रखर आयुर्वेदाचार्य हैं, बल्कि सेवा, साधना और समर्पण के प्रतीक भी हैं। उनके द्वारा किए जा रहे कार्य आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। आज जब समाज को सेवा भाव और निःस्वार्थता की सबसे अधिक आवश्यकता है, ऐसे में डॉ. मिश्र जैसे व्यक्तित्वों का सम्मान, समाज की सच्ची सेवा है।
— रिपोर्ट: दिव्य रश्मि न्यूज़ ब्यूरो, पटना
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