रामदयालू टेंट सिटी में पहली सोमवारी को शिवभक्ति और संस्कृति का अद्भुत संगम

- बिहार सरकार के पर्यटन, कला-संस्कृति और युवा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में भव्य सांस्कृतिक संध्या का आयोजन
मुजफ्फरपुर, 14 जुलाई 2025 (दिव्य रश्मि संवाददाता)।
श्रावण मास की पहली सोमवारी के पावन अवसर पर रामदयालू महाविद्यालय स्थित टेंट सिटी में पर्यटन विभाग, बिहार सरकार एवं कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में एक सांस्कृतिक संध्या का भव्य आयोजन किया गया। यह आयोजन शिवभक्तों की आस्था, लोक-संस्कृति की गरिमा और कलाकारों की सृजनशीलता का अनुपम संगम रहा।
कार्यक्रम की शुरुआत जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारी सुश्री सुष्मिता झा के स्वागत भाषण से हुई। उन्होंने कहा कि यह आयोजन श्रद्धा और संस्कृति को जोड़ने का एक सुंदर माध्यम है। इसके उपरांत उप समाहर्ता जूली पांडे ने प्रेरक उद्बोधन दिया। उन्होंने कहा, “आज की यह सांस्कृतिक संध्या न केवल कलाकारों के मनोबल को ऊंचाई देगी, बल्कि शिवभक्तों के भीतर नवीन ऊर्जा और भक्ति का संचार भी करेगी।”
ए.डी.एम. डॉ. अर्चना ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए आयोजन की सराहना की और इसे जनमानस की सांस्कृतिक चेतना को जागृत करने वाला बताया।
भक्ति और संगीत की त्रिवेणी बनी सांझ
कार्यक्रम में पहली प्रस्तुति पटना से आईं सुप्रसिद्ध लोकगायिका नीतू कुमारी ‘नवगीत’ द्वारा दी गई। उन्होंने गणेश वंदना से संध्या की शुरुआत की और फिर भक्ति भाव से ओतप्रोत शिव गीतों की मनमोहक प्रस्तुति दी। उनके साथ सविता राज ने “शिव प्यारे हैं सुंदर भी हैं” गीत गाकर उपस्थित श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। नीतू नवगीत ने "छोटी सी पार्वती" पर आधारित एक भक्ति गीत भी प्रस्तुत किया, जिसने दर्शकों को भावविभोर कर दिया।
कार्यक्रम का संचालन भी सधे स्वर और सहज भाव से सविता राज ने किया।
संगत कलाकारों में ढोलक पर धनंजय कुमार, पैड पर प्रिंस कुमार, कीबोर्ड पर मनीष कुमार ने कुशल संगति की।
मैथिली-भोजपुरी लोकगायिका मोनी झा ने बांधा समां
दूसरी प्रस्तुति में जानी-मानी लोकगायिका मोनी झा ने पारंपरिक भजनों की सशक्त प्रस्तुति दी। उनकी मधुर आवाज़ और आत्मीय भाव ने उपस्थित श्रोताओं को भक्ति रस में सराबोर कर दिया। उन्होंने “भोला के देखे ल बेकल भोले जीयरा” गीत के माध्यम से शिवभक्ति को जीवंत कर दिया।
संगत में कीबोर्ड पर शैलेंद्र सुमन, तबला पर सुबोध कुमार, और पैड पर राजेश कुमार ने शानदार साथ निभाया।
शास्त्रीय नृत्य में रचा सौंदर्य और साधना का समन्वय
तीसरी प्रस्तुति में जाने-माने शास्त्रीय नर्तक राहुल रजक ने अपनी विशिष्ट शैली और गहराई से सजी नृत्य प्रस्तुति देकर दर्शकों को भारतीय शास्त्रीय नृत्य की गरिमा से परिचित कराया। उनकी प्रस्तुति में शिव-तत्व की सौंदर्यता और साधना का अद्वितीय समावेश देखने को मिला।
कार्यक्रम संचालन और व्यवस्था
पूरे कार्यक्रम का सुंदर संचालन गोपाल फलक ने किया। मंच की गरिमा, समय की सजगता और प्रस्तुतियों की सुंदरता को उन्होंने अपने सधे हुए अंदाज़ से बेहतरीन दिशा दी।
आयोजन का प्रभाव
यह सांस्कृतिक संध्या न केवल मनोरंजन का माध्यम बनी, बल्कि श्रद्धा, भक्ति और भारतीय लोक-संस्कृति को पुनर्स्थापित करने का सशक्त प्रयास भी रही। श्रद्धालु शिवभक्तों की भारी उपस्थिति और कलाकारों की समर्पित प्रस्तुति ने इस संध्या को अविस्मरणीय बना दिया।
रिपोर्ट: दिव्य रश्मि न्यूज़ ब्यूरो, मुजफ्फरपुर
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