Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

क्षमा

क्षमा

कर क्षमा और माॅंग क्षमा ,
सज्जन शोभे सदा क्षमा ।
क्षमाविहीन सज्जन कहाॅं ,
क्षमाहीन को जैसे यक्ष्मा ।।
भूल चुक जो हुई मुझसे ,
कर दे मुझको तू भी क्षमा ।
हुई मेरे प्रति किसी की भूल ,
कर रहा मैं भी उसे क्षमा ।।
दे दो क्षमा और ले लो क्षमा ,
क्षमायाचना शुभ दिन है ।
कर ले आदान प्रदान क्षमा ,
प्रेम प्रगाढ़ न क्षमा बिन है ।।
दुर्जन शोभता क्षमा नहीं ,
दुर्जन होता काठ समान ।
काठ ज्यों झुक सके नहीं ,
दुर्जन भुजंग एक अरमान ।।
जिसे मिला संस्कार नहीं ,
जिसने समझा प्यार नहीं ।
प्यार दरार में फर्क न जिसे ,
प्यार कहीं व दरार कहीं ।।
क्षमा से प्यार कम न होता ,
क्षमा से प्यार नम न होता ।
क्षमा प्यार का प्रतीक यारों ,
क्षमा से प्रेम बेदम न होता ।।
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना
अरुण दिव्यांश
छपरा ( सारण )बिहार ।
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews #Divya Rashmi News, #दिव्य रश्मि न्यूज़ https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ