सोशल मीडिया पर,अंग प्रदर्शन सीमा पार
विस्मृत सौम्य मधुर पुरवाई,कदम पाश्चात्य संस्कृति ओर ।
परिवर्तित जीवन शैली चर्या,
स्वतंत्रता पटल स्वच्छंद भोर ।
तज पारंपरिक वेशभूषा श्रृंगार,
सर्वत्र अर्द्ध नग्न वसन बहार ।
सोशल मीडिया पर,अंग प्रदर्शन सीमा पार ।।
सनातन धर्म अंतर सुलेख,
नारी उत्तम चरित्र अधिकारी ।
शील मर्यादा सौम्यता प्रतिमूर्ति,
शुद्ध सात्विक व्यक्तित्व धारी ।
पर पश्चिम चकाचौंध प्रभाव,
नारी उन्मुख भोग पथ विहार ।
सोशल मीडिया पर,अंग प्रदर्शन सीमा पार ।।
माना रहन सहन पोषक बिंदु,
हर व्यक्ति स्वतंत्र अधिकार ।
हस्तक्षेप द्विज जीवन शैली,
निजता हनन षडयंत्र साकार ।
पर भान घ्यान राष्ट्र धरा गौरव,
सदा प्रयास संभ्रांत व्यवहार ।
सोशल मीडिया पर,अंग प्रदर्शन सीमा पार ।।
आंगिक चेष्टाएं अवर्णनीय,
शब्द प्रयुक्ति वनिता अपमान ।
अति प्रदर्शन लैंगिक उभार,
रील्स अंतर द्वि अर्थी गान ।
राष्ट्र उज्ज्वल भविष्य हित,
संस्कृति संरक्षित प्रस्तुति आधार ।
सोशल मीडिया पर, अंग प्रदर्शन सीमा पार ।।
कुमार महेंद्र
(स्वरचित मौलिक रचना)
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