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शहीद किशोर कुणाल को श्रद्धांजलि: सशस्त्र सीमा बल और नागरिकों ने किया वीर सपूत को नमन

शहीद किशोर कुणाल को श्रद्धांजलि: सशस्त्र सीमा बल और नागरिकों ने किया वीर सपूत को नमन

पटना, 26 जुलाई 2025
किशोर कुणाल पार्क, कंकड़बाग, पटना आज देशभक्ति, वीरता और भावनाओं का अद्वितीय संगम बना, जब सशस्त्र सीमा बल (SSB) के बलकर्मियों, वरिष्ठ अधिकारियों और स्थानीय नागरिकों ने शहीद सहायक कमांडेंट किशोर कुणाल को उनकी 15वीं पुण्यतिथि पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।

पटना जिला के निवासी, शहीद किशोर कुणाल ने 26 जुलाई 2010 को असम के बोंगाईगांव स्थित पानबाड़ी क्षेत्र में पेट्रोलिंग के दौरान एन.डी.एफ.बी. के उग्रवादियों से मुठभेड़ में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था। देश के इस वीर सपूत की स्मृति में आयोजित इस कार्यक्रम में सीमान्त मुख्यालय, सशस्त्र सीमा बल, पटना एवं 40वीं वाहिनी SSB के अधिकारियों एवं जवानों के साथ आम नागरिकों ने भी हिस्सा लिया।
श्रद्धांजलि समारोह में स्मृति परेड द्वारा शहीद को सलामी दी गई, जिसमें बलकर्मियों ने अनुशासन और सम्मान के प्रतीक के रूप में कदमताल करते हुए राष्ट्र को उनके योगदान की याद दिलाई। इस दौरान शहीद किशोर कुणाल के माता-पिता एवं परिजन की उपस्थिति ने पूरे माहौल को भावुक बना दिया। उन्होंने अपने वीर पुत्र की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उसे नमन किया, जिसे देख वहां उपस्थित कई लोगों की आंखें नम हो गईं।
पराक्रम पदक से हुआ सम्मान

बल मुख्यालय, सशस्त्र सीमा बल, नई दिल्ली द्वारा शहीद किशोर कुणाल को उनकी अद्वितीय वीरता और बलिदान के लिए मरणोपरांत “पराक्रम पदक” से सम्मानित किया गया। यह पदक श्री निशीत कुमार उज्ज्वल, भा.पु.से., महानिरीक्षक, सीमान्त मुख्यालय SSB पटना द्वारा शहीद के माता-पिता को सौंपा गया।

श्री उज्ज्वल ने इस अवसर पर बलकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा, “शहीद किशोर कुणाल जैसे जांबाज अधिकारी हमारी प्रेरणा हैं। उनका जीवन और बलिदान देश सेवा का सर्वोच्च उदाहरण है।” उन्होंने शहीद के परिजनों से संवाद कर उनके धैर्य और साहस की सराहना की तथा परिवार की खुशहाली की कामना की।
पौधारोपण के साथ दी गई हरित श्रद्धांजलि

कार्यक्रम के अंत में, शहीद की स्मृति को चिरस्थायी बनाने हेतु श्री निशीत कुमार उज्ज्वल एवं शहीद के माता-पिता द्वारा पार्क परिसर में पौधारोपण किया गया। यह हरित पहल एक संदेश था कि शहीदों की स्मृति को न केवल श्रद्धा से बल्कि प्रकृति के संरक्षण द्वारा भी जिंदा रखा जाए।

शहीद किशोर कुणाल की शौर्यगाथा आज भी हर भारतवासी के हृदय में जीवित है। उनका बलिदान और मातृभूमि के प्रति निष्ठा आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देती रहेगी। इस श्रद्धांजलि समारोह ने न केवल उनके योगदान को स्मरण किया, बल्कि देशभक्ति और कर्तव्यपरायणता की भावना को भी जन-जन तक पहुँचाया। 

जय हिंद!
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