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नादार अगर दिल है तो

नादार अगर दिल है तो

डॉ. मेधाव्रत शर्मा, डी•लिट•
(पूर्व यू.प्रोफेसर)
नादार अगर दिल है तो हाथ मिलाने से क्या होगा।
जहर जिगर में हो तो बात बनाने से क्या होगा।
मानिंदे यिन-यांग खल्क में दिल-दिमाग का है रिश्ता,
जुदा हो गए जब दोनों, रोने-गाने से क्या होगा ।
प्रेम-पंथ से बढ़कर कोई धर्म नहीं मानव का ,
मिस्मारे नफ्रत बस्ती में ढोल बजाने से क्या होगा।
बागबान ने ही गुलशन जालिम के जिम्मे लगा दिया,
तिनका-तिनका हुआ चमन,अब पछताने से क्या होगा।
कंकरीट के जंगल में है शहर-शहर तब्दील हुआ,
घर का ही जब पता नहीं,छप्पर छाने से क्या होगा।
तानाशाही को लाने पर आमादा हो, लानत है ;
कंठी-तिलक और राम का नाम भुनाने से क्या होगा।
(नादार =कंगाल; यिन-यांग =in Chinese philosophy 'Yin ' represents the dark,not active,female principle of the universe whereas 'Yang 'stands for bright active male principle of the universe. )
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