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अच्छी खबर: शिक्षकों-छात्रों की शिकायतों का होगा तत्काल समाधान, महिला चालकों को मिलेगा पिंक बस चलाने का प्रशिक्षण

अच्छी खबर: शिक्षकों-छात्रों की शिकायतों का होगा तत्काल समाधान, महिला चालकों को मिलेगा पिंक बस चलाने का प्रशिक्षण

पटना, 7 जुलाई।
बिहार में शिक्षा और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में एक बड़ी पहल की गई है। अब शिक्षकों, छात्रों और अन्य संबंधित पक्षों की शिकायतों का तत्काल समाधान होगा। शिक्षा विभाग ने इसके लिए दो टोल-फ्री नंबर - 14417 और 18003454417 जारी किए हैं, जिन पर कॉल कर अपनी समस्याएं दर्ज कराई जा सकती हैं।

शिक्षा विभाग ने एक सराहनीय कदम उठाते हुए समस्याओं को 6 अलग-अलग श्रेणियों में विभाजित किया है, जिससे शिकायतों का जल्द और उचित समाधान संभव हो सकेगा। विद्यालय की आधारभूत संरचना, शिक्षक स्थानांतरण, छात्रवृत्ति, वेंडर भुगतान, विश्वविद्यालय से संबंधित समस्याएं और भ्रष्टाचार की शिकायतें—अब हर श्रेणी में समाधान की स्पष्ट दिशा तय की गई है।

इसके अतिरिक्त, शिक्षक अपनी शिकायतें ई-शिक्षाकोष पोर्टल के ग्रीवांस मॉड्यूल पर अपने लॉगिन आईडी के माध्यम से सीधे दर्ज कर सकते हैं। इससे पारदर्शिता और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

महिला सशक्तिकरण की ओर कदम: दो हजार महिला चालकों को मिलेगा पिंक बस चलाने का प्रशिक्षण

बिहार राज्य पथ परिवहन निगम (BSRTC) ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राज्य में चलने वाली 80 पिंक बसों के संचालन के लिए 2000 महिला चालकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण तीन चरणों में आयोजित होगा, जिसमें हर चरण में 500 महिला चालकों को 30 दिनों तक आवासीय प्रशिक्षण दिया जाएगा।

प्रशिक्षण केंद्रों में महिलाओं की सुरक्षा और सुविधा का विशेष ध्यान रखा गया है, जिनमें साफ-सुथरे शौचालय, पीने के पानी की व्यवस्था और ऊंची बाउंड्री वॉल शामिल हैं। प्रशिक्षण के अंत में केवल योग्य चालकों को ही प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा।

BSRTC के प्रशासक अतुल कुमार वर्मा ने बताया कि अगस्त के अंत तक ये पिंक बसें बिहार में पहुंच जाएंगी। महिलाओं को स्वरोजगार और सम्मानजनक आजीविका का अवसर देने की दिशा में यह एक ऐतिहासिक कदम होगा।

निश्चित ही ये दोनों पहल बिहार में शिक्षा सुधार और महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक सकारात्मक परिवर्तन की ओर संकेत करती हैं। अब शिक्षक, छात्र और अभिभावक अपनी समस्याओं का समाधान बिना किसी भागदौड़ के प्राप्त कर सकेंगे, वहीं हजारों महिलाओं को मिलेगा आत्मनिर्भरता का सुनहरा अवसर।

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