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आम

आम

आम की है शान निराली, फलों का राजा कहलाता,
कच्चा हो या हो पक्का, यह सबके मन को भाता।
बचपन में तो बागों में जा, खूब तोडकर खाते थे,
पचपन में भी आम हमें, सबसे ज्यादा ललचाता।।


हैं आम की किस्म अनेकों, जानें किसको कौन सी भाये,
देशी आम डाल से तोड़ूँ, या चौसा लंगडा मुझको भाये।
बच्चों को तो आम दशहरी, चौसा भी अच्छा लगता,
दूध आम का शेक चाहो तो, सफेदा ही उसमें भाये।


जामुन जैसे छोटे आम, कुछ फजली और खजली आम,
लंगडा मालदा और दशहरी, हाफूज एलफंजों से आम।
कुछ गोला और कोला आम, अचार डालना देशी आम,
तोते जैसे रंग रूप के, खट्टे मीठे लगते तोता परी आम।


कभी आम से रोटी खाना, हल्का उस पर नमक लगाना,
कभी आम का डाल अचार, चटनी संग रोटी को खाना।
छोटी देशी अम्बियांओं को, सिरके में कुछ दिन रखकर,
बनाना आम की लौंजी, स्वाद स्वाद में उसको चखना।

अ कीर्ति वर्द्धन
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