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स्व. कृष्णचंद्र पाठक जी की पुण्यस्मृति में शोकसभा सम्पन्न: विद्वानों, समाजसेवियों और शिक्षकों ने दी श्रद्धांजलि

स्व. कृष्णचंद्र पाठक जी की पुण्यस्मृति में शोकसभा सम्पन्न: विद्वानों, समाजसेवियों और शिक्षकों ने दी श्रद्धांजलि

शिक्षा, सेवा और संस्कार के प्रतीक रहे स्व. कृष्णचंद्र पाठक जी की पुण्यस्मृति में रविवार को एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन भारतीय राष्ट्रीय ब्राह्मण महासभा एवं कौटिल्य मंच के संयुक्त तत्वावधान में डॉ. विवेकानंद मिश्र के आवास पर सम्पन्न हुआ। सादगी, गरिमा और भावुकता से भरे इस आयोजन में शिक्षा, साहित्य, पत्रकारिता और सामाजिक क्षेत्र से जुड़े अनेक प्रतिष्ठित जनों ने भाग लिया और दिवंगत आत्मा को श्रद्धासुमन अर्पित किए।
सभा की अध्यक्षता करते हुए आचार्य सचिदानंद मिश्र ‘नैकी’ ने कहा, “पाठक जी शिक्षा को केवल आजीविका का माध्यम नहीं, बल्कि जनसेवा का सशक्त साधन मानते थे। उनका जीवन मर्यादा, सेवा और मूल्यों की मिसाल था। उनका निधन समाज के एक वटवृक्ष के छिनने जैसा है।”
सभा के मेजबान और भारतीय राष्ट्रीय ब्राह्मण महासभा एवं कौटिल्य मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. विवेकानंद मिश्र ने कहा, “स्व. पाठक जी केवल शिक्षक नहीं, संस्कारों के मूर्त शिल्पकार थे। उन्होंने गांव के बच्चों में शिक्षा के माध्यम से आत्मबल और आत्मनिर्भरता का बीजारोपण किया। उनके जीवन की सरलता, अनुशासन और करुणा विरले मिलती है।”
आचार्य राधामोहन मिश्र ‘माधव’, जिन्होंने अनेक साहित्यिक-सांस्कृतिक सम्मान प्राप्त किए हैं, ने अपने उद्बोधन में कहा, “उनका जीवन वैदिक ऋषियों की परंपरा का जीवंत रूप था – जहां सेवा, ज्ञान, त्याग और करुणा एक साथ प्रतिष्ठित थे।”
भारतीय जन क्रांति दल (डेमोक्रेटिक) के संस्थापक सचिव डॉ. आर.डी. मिश्रा ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा, “पाठक जी कम बोलते थे, लेकिन उनका जीवन ही वाणी था – सादगी, धैर्य और सेवा का प्रत्यक्ष उदाहरण।”
सभा के दौरान उपस्थित जनसमूह ने दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। कार्यक्रम में गया नगर सहित आसपास के क्षेत्रों से अनेक श्रद्धालु, शिक्षाविद, पत्रकार, अधिवक्ता, सामाजिक कार्यकर्ता और छात्र-छात्राएं शामिल हुए।
उल्लेखनीय उपस्थिति में डॉ. रविंद्र कुमार, गीता देवी, खुशबू कुमारी, रंजू देवी, रणजीत कुमार, सूर्य मणि देवी, डॉ. मृदुल मिश्रा, संदीप कुमार, डॉ. ज्ञानेश भारद्वाज, अधिवक्ता दीपक पाठक, कविता राऊत, रूबाना परवीन, नुसरत, उत्तम पाठक, बृजभूषण मिश्रा, संजीव कुमार मिश्रा, इशरत जमील, संगीता कुमारी, सुनीता देवी, विनय कुमार बरनवाल, अमित बरनवाल, सोनी कुमारी, आनंद कुमार, उमेश कुमार, हरिशंकर पाठक, सुधीर आनंद सहित अनेक प्रमुख चेहरे उपस्थित रहे।
सभा के समापन पर यह भाव गूंज उठा कि स्व. कृष्णचंद्र पाठक जी का जीवन न केवल एक आदर्श शिक्षक का उदाहरण है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का अमिट स्रोत बना रहेगा। उनका योगदान समाज को शिक्षित, संस्कारित और संवेदनशील बनाने की दिशा में सदैव मार्गदर्शन करता रहेगा।
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