केवीआईसी अध्यक्ष श्री मनोज कुमार का बिहार का एक दिवसीय दौरा।
- केंद्रीय पूनी संयंत्र, हाजीपुर के नवीनीकरण कार्य की समीक्षा।
- बोधगया में प्रस्तावित खादी अनुभव सह ज्ञान केंद्र की महत्वाकांक्षी योजना की भी समीक्षा।
- राज्य कार्यालय, पटना में 100 से अधिक खादी संस्थाओं के साथ "खादी संवाद"।
- पीएमईजीपी, खादी विकास योजना व ग्रामोद्योग योजना की प्रगति की समीक्षा।

- खादी को वैश्विक पहचान दिलाने में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना।
- अध्यक्ष केवीआईसी ने बताया कि पिछले 11 वर्षों में खादी कारीगरों की पारिश्रमिक में 275% की बढ़ोतरी की गई।
- बिहार में वर्ष 2024-25 में 102 खादी संस्थाओं के बजट के माध्यम से 9004 कारीगरों को रोजगार मिला है ।
- बिहार में पिछले 11 वर्षों में पीएमईजीपी के अतंर्गत 36,129 नयी इकाइयों की स्थापना से अनुमानित 2,78,957 रोजगार तथा 1041.11 करोड़ रुपये की मार्जिन मनी सब्सिडी का वितरण।
- केवीआईसी अध्यक्ष ने कहा– खादी केवल वस्त्र नहीं, यह आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक बन चुकी है। यह परिवर्तन संभव हुआ है प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व के कारण।
खादी और ग्रामोद्योग आयोग, सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई), भारत सरकार के अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने सोमवार को बिहार का एक दिवसीय दौरा किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि, "खादी केवल वस्त्र नहीं, यह आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक बन चुकी है। यह परिवर्तन संभव हुआ है प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व के कारण। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में खादी का पुनर्जागरण हुआ है।" अध्यक्ष केवीआईसी का यह दौरा राज्य में खादी और ग्रामोद्योग की योजनाओं की समीक्षा एवं भविष्य की रणनीति तय करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण रहा।
पटना आगमन के पश्चात श्री मनोज कुमार ने हाजीपुर के औद्योगिक क्षेत्र में स्थित केंद्रीय पूनी संयंत्र का दौरा किया। उन्होंने संयंत्र की नवीनीकरण की स्थिति और गुणवत्ता नियंत्रण के मुद्दों पर विस्तार से समीक्षा की। अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए कि खादी की गुणवत्ता और उपलब्धता में सुधार के लिए आधुनिक तकनीक और कार्य संस्कृति को अपनाया जाए।
अध्यक्ष केवीआईसी ने बोधगया में प्रस्तावित खादी अनुभव सह ज्ञान केन्द्र (Khadi Experiential and Knowledge Centre) स्थापित करने की योजना की भी समीक्षा की। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि केंद्रीय एमएसएमई मंत्री श्री जीतन राम माझी और केंद्रीय एमएसएमई राज्य मंत्री सुश्री शोभा करंदलाजे के मार्गदर्शन में स्थापित होनेवाला यह केंद्र न केवल पर्यटकों के लिए खादी को जानने और खरीदने का मंच होगा, बल्कि स्थानीय कारीगरों को भी सीधा लाभ देगा। उन्होंने कहा कि, "बोधगया जैसे अंतरराष्ट्रीय स्थल पर खादी का केंद्र स्थापित कर हम भारत की सांस्कृतिक विरासत और स्वदेशी आत्मा को वैश्विक मंच दे सकते हैं। यह प्रस्तावित प्रोजेक्ट इसी दिशा में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप केवीआईसी की पहल है।"
इस अवसर पर केवीआईसी के राज्य कार्यालय, पटना में राज्य की 100 से अधिक खादी संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ "खादी संवाद" का आयोजन हुआ। संवाद के दौरान खादी विकास योजना, ग्रामोद्योग विकास योजना तथा पीएमईजीपी के अंतर्गत हुई प्रगति, चुनौतियां एवं सुझावों पर विस्तृत चर्चा की गई। अध्यक्ष महोदय ने सभी संस्थाओं से कहा कि, "प्रधानमंत्री जी का स्पष्ट संदेश है कि ग्रामीण भारत की आत्मनिर्भरता में खादी की केंद्रीय भूमिका होनी चाहिए। हमें इस संकल्प को सिद्धि में बदलना है।" उन्होंने आगे कहा कि राज्य कार्यालय, पटना के अंतर्गत यहां के 28 जिलों में 102 खादी संस्थाएं कार्यरत हैं जिनके माध्यम से 9004 कारीगरों को रोजगार मिल रहा है। उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के अंतर्गत पिछले 11 वर्षों में बिहार में 36,129 नयी इकाइयों की स्थापना हुई है जिसके जरिए यहां पर अनुमानित 2,78,957 लोगों को रोजगार मिल रहा है। इन इकाइयों की स्थापना के लिए भारत सरकार ने 1041.11 करोड़ रुपये की मार्जिन मनी सब्सिडी वितरित की है। ग्रामोद्योग विकास योजना के अंतर्गत बिहार में अभी तक लगभग 17 हजार से अधिक मशीन और टूलकिट का वितरण किया गया है।
अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने यह भी बताया कि ‘टीम केवीआईसी’ के अथक प्रयासों से केवीआईसी ने वित्त वर्ष 2024-25 में उत्पादन, बिक्री और रोजगार सृजन में नया रिकॉर्ड कायम किया है। पहली बार खादी और ग्रामोद्योग का वार्षिक कारोबार 1.70 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंचा है । बीते 11 वर्षों में बिक्री में 447%, उत्पादन में 347%, और रोजगार सृजन में 49% की ऐतिहासिक वृद्धि दर्ज की गई है। ग्रामोद्योग विकास योजना के तहत अब तक 288,245 मशीनें, टूलकिट और उपकरण वितरित किए जा चुके हैं, जिससे ग्रामीण युवाओं और महिलाओं को बड़े पैमाने पर स्वरोजगार के अवसर मिले हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 11 वर्षों में खादी कारीगरों के पारिश्रमिक में 275% और सिर्फ पिछले तीन वर्षों में 100% की बढ़ोतरी की गई है, जो 4 रुपये प्रति गुंडी से बढ़कर अब 15 रुपये प्रति गुंडी हो गई है।
इस अवसर पर राज्य कार्यालय पटना के अधिकारी कर्मचारी और खादी संस्थाओं के प्रतिनिधि कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
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