36,372 किमी से अधिक ग्रामीण सड़कों का हुआ कायाकल्प, पूर्वी चंपारण में सर्वाधिक.jpg)
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- बिहार ग्रामीण पथ अनुरक्षण नीति 2018 की बदौलत ग्रामीण सड़कों की बदली तस्वीर
- पूर्वी चंपारण में सर्वाधिक 2363.31 किमी सड़कों की हुई मरम्मति
- इसके बाद पश्चिम चंपारण और फिर मुजफ्फरपुर में बनाई गईं सड़कें
पटना, 14 जुलाई।
राज्य में ग्रामीण सड़कों की तस्वीर लगातार बदल रही है। बिहार ग्रामीण पथ अनुरक्षण नीति 2018 के लागू होने के बाद ग्रामीण सड़कों की मरम्मति का काम पूरे राज्य में तेज गति से हो रहा है। अब तक ग्रामीण कार्य विभाग ने 40 हजार 250 किलोमीटर सड़कों की मरम्मत और अनुरक्षण की प्रशासनिक स्वीकृति दी है, जिसमें से 36 हजार 372 किलोमीटर से अधिक सड़कों का अनुरक्षण किया जा चुका है।
इस योजना के तहत अब तक 16 हजार 166 ग्रामीण सड़कों को दुरुस्त करने की मंजूरी दी गई है, जिनकी कुल लंबाई 40 हजार 250 किलोमीटर से अधिक है। इसपर 18,963 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए जा रहे हैं। इनमें से 15 हजार 342 सड़कों की प्रारंभिक मरम्मत पूरी हो चुकी है, जिनकी कुल लंबाई 36 हजार 855 किलोमीटर से अधिक है।
जिलावार प्रदर्शन (लंबाई के आधार पर)
बिहार ग्रामीण पथ अनुरक्षण नीति 2018 के तहत पूर्वी चंपारण में सर्वाधिक 2363 किलोमीटर से अधिक सड़कों के अनुरक्षण का कार्य पूरा हो चुका है। वहीं, दूसरे पायदान पर पश्चिम चंपारण है, जहां अबतक 1979 किलोमीटर से अधिक सड़कों का अनुरक्षण पूर्ण हो चुका है। इसके बाद मुजफ्फरपुर में 1626.65 किलोमीटर, सारण में 1560.84 किलोमीटर, समस्तीपुर में 1389.73 किलोमीटर, रोहतास में 1358.90 किलोमीटर, गया में 1358.69 किलोमीटर, वैशाली में 1346.46 किलोमीटर, पटना में 1327.37 किलोमीटर, मधुबनी में 1223.01 किलोमीटर सड़कों का अनुरक्षण हो चुका है।
1. पूर्वी चंपारण : 2363.31 किमी
2. पश्चिम चंपारण : 1979.41 किमी
3. मुजफ्फरपुर : 1626.65 किमी
4. सारण : 1560.84 किमी
5. समस्तीपुर : 1389.73 किमी
6. रोहतास : 1358.90 किमी
7. गया : 1358.69 किमी
8. वैशाली : 1346.46 किमी
9. पटना : 1327.37 किलोमीटर
10. मधुबनी : 1223.01 किमी
ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री श्री अशोक चौधरी ने कहा कि बिहार ग्रामीण पथ अनुरक्षण नीति 2018 के तहत राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क नेटवर्क को मजबूती देने के हमारे संकल्प ने ठोस रूप लिया है। यह सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि ग्रामीण सशक्तिकरण का माध्यम है। 36 हजार किलोमीटर से अधिक सड़कों का अनुरक्षण इस बात का प्रमाण है कि हम गांव-गांव तक विकास की रोशनी पहुंचाने के लिए पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रहे हैं। यह नीति गांवों को शहरों से जोड़ने का सेतु बन चुकी है।
*बेहतर कनेक्टिविटी से विकास को बढ़ावा*राज्य में ग्रामीण सड़कों के बेहतर होने से अब प्रदेश के किसी भी कोने से आवागमन आसान हुआ है। शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और व्यापार के क्षेत्र में गति आयी है। गांव के किसान अब अपनी उपज को आसानी के साथ मंडियों तक पहुंचा रहे हैं। उम्मीद है कि जल्द ही शेष सड़कों का भी काम तेजी से पूरा हो जाएगा ताकि राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को और भी मजबूती मिले।
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