Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

युद्ध विराम

युद्ध विराम:-मनोज कुमार मिश्र

भारत और पाकिस्तान के मध्य युद्ध विराम की घोषणा हो गयी है। शनिवार की शाम 5 बजे के बाद दोनो पक्ष कोई हमला नहीं करेंगे। इस फैसले से दोनों देशों ने सहमति जताई है। मध्यस्थता अमेरिका ने की। संधि का प्रस्ताव पाकिस्तान के डीजीएमओ ने 3.30 मिनट पर दिया जिसे भारत के डीजीएमओ ने स्वीकार कर लिया। युद्ध की विभीषिका ने दोनों पक्षो को जन हानि और धन हानि में धकेला अतः उसका अंत होना एक सुखद समाचार है। पर यह संधि विराम भारत की शर्तों पर हुआ है। सिंधु नदी जल समझौते पर भारत को कोई दबाव नहीं दिया गया और भारत अपने निर्णय पर काबिज है। भारत ने यह भी कहा है कि आगे से भारत में कोई भी आतंकवादी हमला भारत पर होना युद्ध की घोषणा माना जाएगा और भारत युद्ध की भाषा मे ही उसका जबाब देगा। दरअसल पाकिस्तान के डीजीएमओ भारतीय डीजीएमओ से पिछले 2 दिन से बात करना चाह रहे थे पर भारत जबाब नहीं दे रहा था। हमारा प्राथमिक उद्देश्य पाकिस्तान की सामरिक क्षमता को पंगु करना था जो हमने उसके 12 एयर बेस को तहस नहस करके किया। हमने उसके 17 JF17 युद्धक विमान, एक 10C और 1 F16 मार गिराए। उसके दो AWACS को नष्ट कर दिया उसकी पूरी हवाई मारक क्षमता को नष्ट कर दिया। तुर्की और चीन से मिले जिन ड्रोन पर पाकिस्तान इतराता था उनकी दुर्गति भारत के एयर राइफल ने कर दी। मिसाइलों को हमारे S400 एयर डिफेंस सिस्टम ने रोक दिया और हमारे नागास्त्र और छोटी दूरी के मिसाईलों ने पाकिस्तान पर कहर बरपा दिया। ऐसा अनुमान है कि इस युद्ध मे पाकिस्तान के करीब 3400 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए और 100 के करीब नागरिक भी अपनी जान गंवा बैठे। ये सभी अपुष्ट आंकड़े हैं। भारत मे भी 17 लोग अपनी जान गंवा बैठे इसके अलावा 7 सैनिक भी वीरगति को प्राप्त हुए। जिन परमाणु बमों पर पाकिस्तान को इतना नाज़ था उसके कहीं दर्शन इस युद्ध के दौरान नहीं हुए। एक राजनीतिक बात - जो राजनीतिक दल हमेशा यह डर बनाये रखते थे कि पाकिस्तान से अगर युद्ध होगा तो भारत के मुसलमान विद्रोह कर देंगे और यहां गृह युद्ध छिड़ सकता है उनका मुंह भी अब मुंह दिखाने लायक नहीं रहा। ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। अमित शाह जी का स्पष्ट निर्देश इस मामले में बहुत सहायक रहा। अब जब युद्ध रुक गया है तो अगले दिनों के नैरेटिव के लिए तैयार हो जाइए - मोदी ने आखिर क्यों सरेंडर कर दिया। लेकिन कहनेवालों को क्या पता है कि भारत ने इस युद्ध के दौरान ही दुनिया के 4थी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने का गौरव प्राप्त किया। भारत ने जापान को पछाड़ते हुए यह स्थान हासिल किया। अगर युद्ध ज्यादा दिन चलता तो हमारा यह स्थान शायद बरकरार नहीं रह पाता। अब जब शांति हो गई है तो भारत 3सरी बड़ी अर्थव्यवस्था होने पर ध्यान केंद्रित कर सकता है। इस युद्ध से एक बात और साबित हुई कि भारत का विपक्ष कभी नहीं चाहता कि भारत सशक्त बने। आज जो राफेल, S400 और देसी मिसाइल हमारी ढाल बनकर खड़े हुए उन सबका विरोध देश की तमाम विपक्षी पार्टियां करती रही थीं। याद कीजिये चौकीदार चोर है और भारत में मेक इन इंडिया के विरोध को।
मोदी के फैसलों ने एक पुनः बताया कि भारत समग्र रूप से शक्तिशाली बन चुका है। यह युद्ध उसी बात की पुष्टि करता है।
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews #Divya Rashmi News, #दिव्य रश्मि न्यूज़ https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ