विदेश से निवेश लाएंगे यूपी के मंत्री

विदेश से निवेश लाएंगे यूपी के मंत्री

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान फीचर सेवा)
योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश को अर्थव्यवस्था में भी देश का सबसे बड़ा राज्य बनाना चाहते हैं। आबादी के लिहाज से यूपी सबसे बड़ा राज्य है लेकिन आर्थिक विकास कुछ राज्यों से कम हैं। पहले तो इसे बीमारू प्रदेश ही कहा जाता था और विदेश तो दूर देश के ही उद्योगपति यहां अपना उद्यम लगाना पसंद नहीं करते थे। जाहिर है कि कोई भी निवेशक जोखिम वाले स्थान पर निवेश करना नहीं चाहेगा। अब यूपी में देश और विदेश दोनों ही जगहों से निवेश आ रहा है। योगी आदित्यनाथ ने 2017 में प्रदेश की सत्ता संभालने के साथ ही इस दिशा में ध्यान दिया है। उद्यमियों के अनुकूल वातावरण बनाया गया। इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन भव्य स्तर पर हुआ और निवेश भी आने लगा। प्रदेश की अर्थ व्यवस्था को एक ट्रिलियन डालर तक पहुंचाने का लक्ष्य है, इसलिए मुख्यमंत्री ने अपने मंत्रियों को इन्वेस्टर्स समिट से पहले विदेश दौरे पर भेजा है। इनमें डिप्टी सीएम बृजेश पाठक भी शामिल हैं। उत्तर प्रदेश की ग्लोबल ब्राडिंग करने के साथ विदेशी निवेशकों को यूपी में निवेश के लिए प्रेरित किया जाएगा। निश्चित रूप से यह अभिनव प्रयोग है और विपक्षी दल इसकी आलोचना भी करेंगे लेकिन निवेश आने पर प्रदेश में आर्थिक विकास होगा और युवाओं को रोजगार मिलेगा तब आलोचकों के मुंह भी बंद हो जाएंगे। कनाडा, अर्जेन्टीना, मैक्सिको और लासएंजिल्स जैसे देशों को अभी लक्ष्य पर रखा गया है। दो दर्जन से अधिक देशों की पहली पसंद उत्तर प्रदेश है। यूपी को हाल ही पचास हजार करोड़ का निवेश मिला है।

यूपी की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने और प्रदेश में रोजगार के अवसरों को सृजित करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार जुटे हुए हैं। इसके लिए उन्होंने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के जरिए यूपी में विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने की योजना बनायी है। इसी के तहत कई मंत्रियों का विदेश दौरा शुरू किया गया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद भी यूपी की ग्लोबल ब्रांडिंग के लिए कई देशों का दौरा कर वहां के उद्योगपतियों से मुलाकात करेंगे। सात दिसम्बर को जिन मंत्रियों के दौरे शुरू हुए हैं उनमें डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद समेत अन्य का नाम शामिल है। डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ब्राजील, अर्जेंटीना और मैक्सिको के दौरे पर जा रहे हैं, जबकि विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना कनाडा और लॉस एंजिल्स के दौरे पर रहेंगे। पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद सुरेश खन्ना, मंत्री नंद गोपाल नंदी और धर्मपाल भी विदेश दौरे पर गये। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना यूके के लिए वहीं पूर्व मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह और सीएम के चार सलाहकार भी विदेश दौरे पर रहेंगे। फरवरी में होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए विदेशी निवेशकों को आमंत्रित करने और यूपी की वैश्विक स्तर पर ब्रांडिंग के लिए मंत्रियों को विदेश भेजा गया है। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि वे ब्राजील, अर्जेंटीना और मैक्सिको के दौरे पर जा रहे हैं। उधर दूसरे डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाना है। ग्लोबल इन्वेस्टर समिट को ऐतिहासिक बनाने के लिए सरकार काम कर रही है। इसके लिए विदेश दौरे शुरु हो गए हैं।

मुख्यमंत्री योगी कहते हैं कि बेहतर कानून व्यवस्था हो तो कैसे किसी प्रदेश का कायाकल्प हो सकता है इसका उदाहरण उत्तर प्रदेश बनकर उभरा है। उत्तर प्रदेश विदेशी निवेशकों की पहली पसंद बना है। यूपी में 24 से ज्यादा देशों ने 50 हजार करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया है। अब ऐसी उम्मीद की जा रही है कि अगले ग्लोबल इंवेस्टर समिट-23 (जीआईएस) से प्रदेश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) और बढ़ेगी। इससे प्रदेश में 10 लाख करोड़ रुपए के निवेश का लक्ष्य भी पूरा होने की संभावना है।

सीएम योगी ने उत्तर प्रदेश में औद्योगिक माहौल बनाने के लिए लगातार प्रयास किए हैं। पहले कानून-व्यवस्था को दुरुस्त किया और फिर निवेशकों को भयमुक्त वातावरण का वादा निभाया। औद्योगिक विकास विभाग ने विदेशी निवेश को लेकर बनाई डेडीकेटेड हेल्पडेस्क भी बनाया। इसका परिणाम रहा कि पिछले पांच वर्ष में 12 देशों से 26,371 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव मिले। 39 परियोजनाओं के लिए भूमि आवंटित हुई। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि इन निवेश से 38 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा। उत्तर प्रदेश में निवेश करने वाले प्रमुख निवेशक देशों में सिंगापुर, यूएस, जापान, यूके, कनाडा, जर्मनी और दक्षिण कोरिया की कंपनियां हैं। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट यानी जीआईएस 23 के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से 93 दूतावासों, विदेश मंत्रालयों और इन्वेस्ट इंडिया को पत्र लिखा गया है। विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए सरकार की ओर से विभिन्न नीतियों को अपग्रेड किया जा रहा है। साथ ही कुछ नई नीतियां भी लाई जा रही हैं। इसके लिए सरकार की ओर से पूरी तैयारी की जा रही है। इससे प्रदेश में 10 लाख करोड़ रुपए के निवेश का लक्ष्य भी पूरा होगा।

योगी आदित्यनाथ ने गत दिनों बिजनौर की एक सभा में कहा था कि उत्तर प्रदेश में कोई निवेशक नहीं आना नहीं चाहता था, लेकिन अब प्रदेश में कोई दंगा नहीं होता। कानून-व्यवस्था चुस्त की गई है और इसके लिए लगातार हमारी पुलिस काम कर रही है। इसी का परिणाम है कि प्रदेश में निवेश के लिए निवेशक आ रहे हैं, रोजगार का सृजन हो रहा है, जो उत्तर प्रदेश के बदलते स्वरूप के बारे में बता रहा है। योगी सरकार ग्लोबल यूपी इन्वेस्टर्स समिट-2023 के माध्यम से प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 10 खरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रही है। यूपी सरकार के अनुसार, अगले साल यानी 2023 में 10 से 12 फरवरी तक यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन होना है। इसमें 13 देशों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए 13 देशों के औद्यौगिक मंत्रियों/सचिवों को निमंत्रण भेजा है। इसके अतिरिक्त सभी केंद्रीय मंत्रियों को भी न्योता भेजा गया है। जिन देशों के औद्योगिक विकास मंत्रियों को निमंत्रण भेजा गया है, उनमें संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), जापान, जर्मनी, थाईलैंड, मेक्सिको, साउथ अफ्रीका, ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, नीदरलैंड, बेल्जियम, कनाडा एवं अर्जेंटीना शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश में हवाई अड्डों, सड़क और रेल नेटवर्क के साथ राज्य की अर्थव्यवस्था के तमाम मजबूत पहलुओं को सामने रखा। यूपी को 1 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने की इस मुहिम के लिए योगी सरकार अमेरिका, सिंगापुर समेत कई देशों में रोड शो भी आयोजित करने जा रही है।
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