सुलझेगी असम की गुत्थी

सुलझेगी असम की गुत्थी

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)

  • अगली बार होगी देश की ई-जनगणना-शाह
  • नार्थ-ईस्ट के कई क्षेत्रों से हटाया अफ्स्पा: मोदी

पूर्वोत्तर भारत के सभी राज्य संवेदनशील हैं। इनमें बांग्लादेश की सीमा से ज्यादा जुड़े असम की प्रमुख रूप से दो समस्याएं हैं। इनके चलते इस राज्य का समुचित विकास भी नहीं हो रहा है। लम्बे अर्से तक कांग्रेस के शासन में रहे असम पर अब भाजपा राज कर रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह के प्रयास से राज्य की दोनों प्रमुख समस्याएं सुलझती हुई प्रतीत हो रही हैं। यहां पर सन् 1971 में बांग्लादेश मुक्ति के दौरान तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान से ज्यादा लोग आकर बस गये थे। इनके चलते वहां के मूल निवासियों को महसूस हो रहा है कि उनका अधिकार छिन गया। राजीव गांधी ने समझौता कराकर राजनीतिक हल तो निकाल लिया था लेकिन समस्या की जड़ बनी हुई है। पिछले दिनों केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह असम के दौरे पर गये और वहां का नागरिकता रजिस्टर पुख्ता करने की बात कही। इससे पूर्व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (अफ्स्पा) को लेकर कहा था कि बीते 8 सालों के दौरान असम में स्थायी शांति और बेहतर कानून-व्यवस्था होने के कारण इस विशेषाधिकार वाले कानून को पूर्वोत्तर के कई क्षेत्रों से हटा दिया गया है। गृहमंत्री अमित शाह ने भी कहा है कि असम से बहुत जल्द अफ्स्पा को हटा दिया जाएगा। इस प्रकार असम की गुत्थी सुलझती हुई प्रतीत हो रही है लेकिन इस बीच उल्फा जैसे पृथकतावादी गुटों से सावधान भी रहना होगा। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पिछले दिनों असम में बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि अगली बार देश में ई-जनगणना कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि यह एकदम सटीक होगी और अगले 25 साल के लिए देश की विकास योजनाओं को आधार मुहैया कराएगी। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि देश में जनगणना प्रक्रिया के डिजिटल होने से अगली जनगणना कवायद के दौरान 100 फीसदी सटीक गणना की उम्मीद की जा सकती है। उन्होंने कहा, अगली जनगणना ई-मोड के जरिये कराई जाएगी, जिससे 100 फीसदी सटीक गणना होगी और इसके आधार पर अगले 25 साल के लिए देश के विकास की योजनाएं बनाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि कमियों का निपटारा कैसे करेंगे इस पर बहुत चर्चा होती है और इनके निपटारे के लिए प्लानिंग भी ठीक होनी चाहिए। यह सब तभी हो सकता है जब जनगणना ठीक हो। सटीक जनगणना ही बता सकती है कि कौन कैसा जीवन बिता रहा है। अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनगणना को बहुत महत्व देने का फैसला किया है। गृह मंत्रालय ने तय किया है आधुनिक से आधुनिक तकनीक के अधिकार पर जनगणना को बहुआयामी बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि जनगणना को केवल जनसंख्या का ही नहीं बल्कि विकास का आधार बनाया जाना चाहिए।

श्री शाह ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक जनगणना के जरिए डेमोग्राफिक चेंज की तस्वीर हमारे सामने आएंगी साथ ही भाषा और सांस्कृतिक स्थिति पर सही जानकारी हासिल होगी। अमित शाह ने कहा कि विकास का खाका खींचना बिना अच्छी जनगणना के मुमकिन नहीं है। इससे पहले की सरकारों ने जनगणना को बहुत हल्के में लिया था। उन्होंने कहा कि जनगणना कई मायनों में अहम है, असम जैसे राज्य के लिए यह और भी जरूरी है जो कि आबादी के लिहाज से संवेदनशील है।कोविड-19 महामारी के चलते जनगणना प्रक्रिया में देरी हुई है। उन्होंने कहा कि हमने इसके अंदर जन्म और मृत्यु रजिस्टर भी जोड़ने का काम किया है। इससे जैसे ही बच्चा 18 साल का होता है मतदाता सूची में आ जाएगा। मृत्यु के डाटा इससे डायरेक्ट ही मतदाता सूची से बाहर हो जाएगा। 2024 तक हर जन्म और मृत्यु का रजिस्ट्रेशन होगा, ऐसा लक्ष्य तय किया गया है। अमित शाह ने असम के अमिनगांव में जनगणना भवन का उद्घाटन किया। इसके मौके पर मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला भी उनके साथ मौजूद थे।

इससे पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम के दीफू में रैली को संबोधित करते हुए कहा था मुझे जब-जब आपके बीच आने का मौका मिला है, आपका भरपूर प्यार, आपका अपनापन देखकर ऐसा लगता है कि जैसे ईश्वर का आशीर्वाद मिल रहा है। इतनी बड़ी संख्या में आप लोग यहां आए हैं, वो भी अपनी परंपरागत वेशभूषा में आए हैं, इसके लिए मैं आपका हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। उन्होंने कहा कि ये सुखद संयोग है कि आज जब देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, तब हम इस धरती के महान सपूत लचित बोरफुकान की 400वीं जन्मजयंती भी मना रहे हैं। उनका जीवन राष्ट्रभक्ति और राष्ट्रशक्ति की प्रेरणा है। कार्बी आंगलोंग से देश के इस महान नायक को मैं नमन करता हूं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था भाजपा की डबल इंजन की सरकार जहां भी हो, वहां सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास और सबका प्रयास की भावना से काम करते हैं। आज ये संकल्प कार्बी आंगलोंग की धरती पर फिर से सशक्त हुआ है। आज जो शिलान्यास के कार्यक्रम हुए हैं, ये सिर्फ किसी इमारत का शिलान्यास नहीं है, ये यहां नौजवानों के उज्ज्वल भविष्य का शिलान्यास है। उच्च शिक्षा के लिए अब यहीं पर उचित व्यवस्था होने से अब गरीब से गरीब व्यक्ति भी अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा दे पाएगा। पीएम मोदी ने कहा, असम की स्थायी शांति और तेज विकास के लिए जो समझौता हुआ था उसको जमीन पर उतारने का काम आज तेज गति से चल रहा है। हथियार छोड़कर जो साथी राष्ट्र निर्माण के लिए लौटे हैं, उसके पुनर्वास के लिए भी बेहतर काम किया जा रहा है। आप सभी ने बीते दशकों में एक लंबा समय बहुत मुश्किलों से गुजारा है लेकिन 2014 के बाद नार्थ ईस्ट में मुश्किलें लगातार कम हो रही हैं, लोगों का विकास हो रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज पूरा देश ये देख रहा है कि बीते सालों में हिंसा, अराजकता और अविश्वास की दशकों पुरानी समस्याओं का कैसे समाधान किया जा रहा है। पहले जब इस क्षेत्र की चर्चा होती थी, तो कभी बम और कभी गोली की आवाज सुनाई देती थी लेकिन आज तालियां गूंज रही हैं। उन्होंने कहा, नॉर्थ ईस्ट में सरकार और समाज के सामूहिक प्रयासों से जैसे-जैसे शांति लौट रही है, वैसे-वैसे पुराने नियमों में भी बदलाव किया जा रहा है। लेकिन बीते 8 सालों के दौरान स्थाई शांति और बेहतर कानून व्यवस्था लागू होने के कारण हमने अफ्स्पा को नॉर्थ ईस्ट के कई क्षेत्रों से हटा दिया है। उन्होंने कहा कि सबका साथ, सबका विकास की भावना के साथ आज सीमा से जुड़े मामलों का समाधान खोजा जा रहा है। असम और मेघालय के बीच बनी सहमति दूसरे मामलों को भी प्रोत्साहित करेगी।
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