विपक्षी दलों के लोक लुभावन चुनावी घोषणाओं को प्रभावित कर सकता है आम बजट:-वेद प्रकाश तिवारी, देवरिया ब्यूरो

विपक्षी दलों के लोक लुभावन चुनावी घोषणाओं को प्रभावित कर सकता है आम बजट:-वेद प्रकाश तिवारी, देवरिया ब्यूरो

उत्तर प्रदेश विधानसभा के पहले चरण का चुनाव 10 फरवरी को होना है । 31 जनवरी को आम बजट जाने की संभावना है । ऐसी स्थिति में बसपा, कांग्रेस ,सपा जो मुख्य विपक्षी पार्टियां हैं वे अपनी चुनावी मेनिफेस्टो में आम बजट को देखते हुए कुछ जोड़ घटाव कर सकती हैं । केंद्र के बजट का अंदाजा लगाने के बाद ही चुनाव घोषणा पत्रों को अंतिम रूप देने की संभावना है । सभी राजनीतिक दल जातीय समीकरण के आधार पर सत्ता हथियाने में जुट गए हैं चुनावी विश्लेषक ऐसा मानते हैं की भारतीय जनता पार्टी से टूटकर कुछ लोग सपा में गए सपा से भी कुछ लोग टूटकर भाजपा में आ रहे हैं । इस तरह से दलबदलूओ के इधर उधर जाने से चुनाव प्रभावित होने की स्थिति में सरकार ऐसा आम बजट लाना चाहेगी जो पूरी बाजी पलट दे । हालात ऐसे भी बन सकते हैं कि इस वर्ष का आम बजट विपक्षी राजनीतिक दलों के सारे मैनिफेस्टो पर पानी फेर दे । भारतीय जनता पार्टी भी अपनी घोषणा पत्र जारी करने से पहले केंद्रीय बजट का इंतजार कर रही है । प्रदेश सरकार ने विपक्षी दलों के कई वादों की ताकत कम करने से जुड़ी घोषणाएं जरूर की है । नलकूप से सिंचाई के लिए किसानों की बिजली का बिल भुगतान आधा कर दिया गया है फील्ड में कई सम वर्गों में कार्यरत संविदा कर्मियों के मानदेय बढ़ाए गए हैं निराश्रित महिलाओं दिव्यांगों व बुजुर्गों की पेंशन राशि 500 से बढ़ाकर 1000 की जा चुकी है आठ लाख से अधिक पंचायत प्रतिनिधियों के मानदेय में वृद्धि की गई है । असंगठित श्रमिकों को ₹1000 की दो किस्ते देने का ऐलान किया गया है । करीब ढाई करोड़ को पहली किस्त भेजी जा चुकी है । सरकार लोकप्रिय योजनाओं के लिए अधिक बजट का आवंटन कर सकती है प्रधानमंत्री की बजट पूर्व घोषणाओं के लिए आवंटन हो सकता है इनमें यदि राज्य विशेष से जुड़े प्रोजेक्ट होंगे तो उसका भी सीधा लाभ संबंधित राज्य पाएंगे ग्रामीण सेक्टर खासतौर से आवास व पेंशन जैसी योजनाओं पर फोकस हो सकता है किसानों के लिए ₹6000 वार्षिक राशि में वृद्धि की संभावना हो सकती है ।
वैसे समाजवादी पार्टी अपने घोषणापत्र के पहले लाने से पहले अपने मुख्य द्वारा कुछ घोषणाएं की गई । जिसमें पुरानी कर्मचारियों के पेंशन बहाल करने, 300 यूनिट मुफ्त बिजली, मुफ्त सिंचाई की व्यवस्था देने, गरीब छात्रों के लिए विदेश से पढ़ाई का इंतजाम करने, 15 दिन में गन्ना मूल्य का भुगतान सभी फसलों पर एमएसपी ,सत्ता में आने पर जातिगत गणना ,छात्रों को लैपटॉप देना जैसी घोषणाएं पहले ही कर चुकी है वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस महिलाओं को टिकट में 40% आरक्षण, नौकरियों में महिलाओं को 40% नियुक्ति, महिलाओं को फ्री बस सेवा टैक्स में छूट ,12वीं पास छात्राओं को स्मार्टफोन, स्नातक को स्कूटी, पुलिस में 25% नौकरियां महिलाओं को,और किसानों की कर्ज माफी जैसे लोकलुभावन घोषणाएं कर चुकी है । अब देखना है कि सरकार कैसा बजट पेश करती है और इससे इन विपक्षी दलों की घोषणाओं के इतर आम जनमानस को कितना फायदा पहुंचाती है ।
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