योगी नहीं, पूर्वांचल की पीठ पर हाथ

योगी नहीं, पूर्वांचल की पीठ पर हाथ

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)
बीते साल के अंतिम महीने में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कंधे पर हाथ रखा था, तब पूर्वांचल के भाग्य भी जाग गये थे। प्रधानमंत्री पूर्वांचल की लोकसभा सीट वाराणसी का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। काशी में विकास कार्यों की झड़ी लग गयी। कुशीनगर में एयरपोर्ट बन रहा है तो गोरखपुर में खाद कारखाना शुरू हो गया। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे तो जैसे पूर्वांचल का विकास मार्ग ही बन गया है। पूर्वांचल कभी पिछड़ेपन का प्रतीक माना जाता था लेकिन अब विकास के मामले में पश्चिमी उत्तर प्रदेश से भी आगे निकल गया है।

उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल की पहचान तेजी से बदल रही है। इसके नाम के साथ लगा पिछड़ेपन का दाग धुल रहा है। आधारभूत संरचनाओं के निर्माण के साथ ही अब इसके औद्योगिक विकास की तस्वीर भी साफ दिखने लगी है। जाहिर है अब रोजगार के व्यापक अवसर पैदा होने की संभावनाएं बलवती हो गयी हैं। यह सब हो रहा है पीएम मोदी और सीएम योगी के डबल इंजन वाली सरकार के द्वारा, जो आजकल पूर्वांचल केन्द्रित विकास परियोजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए देश-दुनिया में सुर्खियां बटोर रही हैं। पूर्वांचल के अहम इलाके गोरखपुर की बात करें, तो वहां नये साल में रोजगार के बड़े अवसर युवाओं का इंतजार कर रहे हैं। अकेले गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण ( गीडा) में हजारों लोगों को रोजगार मिलने की गारंटी है। 300 करोड़ की लागत से गीडा में लग रही अंकुर समूह की सरिया बनाने की एकीकृत फैक्ट्री में अप्रैल महीने से उत्पादन शुरू हो जाने की संभावना है। अकेले इस कारखाने से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रुप से 5 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। फैक्ट्री में दो हजार इम्पलाई स्थाई तौर काम करेंगे और इससे दोगुने लोग अप्रत्यक्ष तरीके से लाभान्वित होंगे।। इसी तरह इंडिया ग्लाइकाल्स लिमिटेड (प्ळस्) में अनाज से एथेनॉल बनाने का काम भी मार्च, 2022 में आरंभ हो जाएगा। साल के पहले महीने से ही किसानों से चावल की खरीदारी शुरू होने वाली है। बाजार दर पर किसानों को इसके पैसे मिलेंगे। करीब 100 करोड़ की लागत से स्थापित हो रहे प्लांट से प्रतिदिन एक लाख लीटर एथेनॉल उत्पादन का लक्ष्य है। फैक्ट्री से करीब 500 लोगों को रोजगार मिलेगा।

गोरखपुर उद्यमियों का पसंदीदा क्षेत्र बनता जा रहा है। यहां 4 सालों में 259 उद्योगपतियों ने कारखाना लगाने के लिए जमीन ली है।1000 करोड़ का निवेश हो चुका है। गीडा में 2017 से अब तक 259 छोटे बड़े उद्योगपतियों ने भीटी रावत औद्योगिक क्षेत्र में अपनी यूनिट लगायी हैं। हालिया निवेश से 5 हजार लोगों को स्थायी रोजगार मिला है।

पूर्वांचल के किसान अपनी उपज को सीधे अंतरराष्ट्रीय बाजार में भेजने लगे हैं। दो साल पहले ही सरकार ने इशानी एग्रो प्रोड्यूसर कंपनी चंदौली के डायरेक्टर किसान अजय सिंह को लाइसेंस प्रदान किया था। इसी

तरह गाजीपुर में शिवांश एग्रो, वाराणसी में जया एग्रो और मिर्जापुर में नवचेतना एग्रो प्रोड्यूसर को लाइसेंस दिया

गया था। चंदौली के प्रसिद्ध काला नमक चावल 80 मीट्रिक टन और 532 मीट्रिक टन क्षेत्रीय चावल जून-दिसंबर, 2020 में कतर निर्यात किये गये।

पूर्वांचल क्षेत्र सब्जियों के निर्यात हब के रूप में उभर रहा है। कोविड -19 महामारी के बावजूद ताजी हरी सब्जियों की बड़ी खेप पूर्वांचल से खाड़ी देशों में भेजी गई। विस्तार में जाएं तो इस साल अक्टूबर में प्रयागराज, भदोही और वाराणसी से दो मीट्रिक टन सब्जियों को विमान से दुबई और शारजाह भेजा गया था। खाद्य उत्पाद निर्यात प्राधिकार के प्रभारी सीबी सिंह बताते हैं कि पिछले साल वाराणसी से केवल अप्रैल में तीन मीट्रिक टन और जून में एक मीट्रिक टन से अधिक लंगड़ा आम लंदन भेजा गया था। अब उन्हें अपनी उपज को सुरक्षित रखने के लिए बड़े-बड़े

कोल्ड स्टोरेज के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। आईएआरआई पूसा ने सोलर एनर्जी से चलने वाले छोटे-छोटे कोल्ड स्टोरेज गांव-गांव में बनाने की तैयारी की है, जिसे पूसा सनफ्रिज नाम दिया गया है। इसका खर्च

बहुत कम होगा और छोटे किसानों के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है।

पीएम मोदी और सीएम योगी के कार्यकाल की एक बड़ी विशेषता है कि विकास योजनाएं समय सीमा में पूरी हो रही हैं। उदाहरण स्वरुप जुलाई 2018 में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास पीएम मोदी ने किया था। 19 महीने कोरोना काल के बावजूद समय सीमा के भीतर इसके निर्माण में सफलता मिली है। श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का मसला भी ऐसा ही है। नरेंद्र मोदी ने मंदिर के विस्तारीकरण और पुनरोद्धार के लिये 8 मार्च, 2019 को विश्वनाथ मंदिर कॉरीडोर का शिलान्यास किया था और 13 दिसम्बर, 2021 को उसका लोकार्पण भी कर दिया। मतलब कि जिस योजना का योगी-मोदी शिलान्यास कर रहे हैं, उसका उदघाटन-लोकार्पण भी कर रहे हैं। इससे विकास के प्रति उनके समर्पण और संकल्पशक्ति का आभास मिलता है। आम जनता में इसका बेहद सकारात्मक संदेश जा रहा है कि यह सरकार जो कहती है, वो कर के दिखा देती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा श्रीकाशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण किए जाने के साथ ही पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों में एक नई उम्मीद जगी हैं। उनका मानना है कि लोकार्पण के बाद देश भर के पर्यटकों की नजरें काशी पर आकर टिक गईं हैं। ऐसे में काशी के हस्तशिल्प के उत्पाद का सेक्टर भी उड़ान भरेगा। शिवाला घाट स्थित राजगुरु मठ के पीठाधीश्वर स्वामी अनंतानंद सरस्वती कहते हैं- काशी विश्वनाथ धाम देखने के लिए देश के कोने-कोने से पर्यटक आने लगे हैं। नये स्वरुप में बाबा धाम का नया कलेवर देखने की छटपटाहट लोगों में बढ़ गई है। बाबा विश्वनाथ के दर्शन पूजन और भ्रमण को लेकर पर्यटकों की आवाजाही बढ़ी है। खिड़किया घाट का भव्य रूप भी पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है। काशी के प्राचीन मठ-मंदिरों के प्रति भी दुनिया का नजरिया बदला हैपीएम मोदी बार बार कहते रहे हैं कि एक्सप्रेस-वे से पूर्वी यूपी की आर्थिक रीढ़ मजबूत होगी। सूबे की अर्थव्यवस्था तेजी के साथ आगे बढ़ेगी। नौजवानों को रोजगार और नौकरी मिलेगी। सीएम योगी कहते हैं कि पूर्वी उत्तरप्रदेश में विकास-रोजगार की संभावनाओं को आगे बढ़ाने का काम निरंतर किया जा रहा है। (हिफी)
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