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साहित्य सम्मेलन में आरम्भ होगी 'कथयामि कथा' ऋंखला, 'मैं और मेरी कविता' शीर्षक से एकल काव्य-पाठ भी

साहित्य सम्मेलन में आरम्भ होगी 'कथयामि कथा' ऋंखला, 'मैं और मेरी कविता' शीर्षक से एकल काव्य-पाठ भी

पटना, ३१ मई। बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन जून माह से 'कथयामि कथा' शीर्षक से एकल कथा पाठ तथा 'मैं और मेरी कविता' शीर्षक से एकल काव्य-पाठ की दो ऋंखलाएँ आरंभ करने जा रहा है। ऋंखला की अलग-अलग कड़ियों में अलग-अलग कथाकार और कविगण, प्रबुद्ध श्रोताओं और समालोचकों के समक्ष अपनी रचनाओं का पाठ करेंगे। पूर्व से निर्धारित समालोचकगण पाठ के तत्काल बाद अपनी समालोचना प्रस्तुत करेंगे।

यह जानकारी देते हुए सम्मेलन अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने बताया है कि इन दोनों ऋंखलाओं का उद्देश्य रचनात्मक-साहित्य में सृजनरत हिन्दी-सेवियों को अवसर प्रदान करना तथा उनका सम्यक् मूल्यांकन है। इस माध्यम से सुधी श्रोताओं को एक साथ मनीषी रचनाकारों को सुनने तथा उनकी रचनाओं पर प्रतिक्रियाएँ जानने का भी अवसर प्राप्त होगा। सम्मेलन के साहित्यमंत्री और सुप्रसिद्ध साहित्यकार भगवती प्रसाद द्विवेदी को पूरी योजना को कार्यान्वित करने का दायित्व सौंपा गया है। सम्मेलन के प्रधानमंत्री डा शिववंश पाण्डेय तथा सम्मेलन के उपाध्यक्षगण उनको वांछित परामर्श प्रदान करेंगे।

डा सुलभ ने बताया है कि इस हेतु कथाकारों एवं कवियों और कवयित्रियों की सूची तैयार की जा रही है। इच्छुक साहित्यकार अपना नाम संपर्क संख्या के साथ सम्मेलन-कार्यालय को उपलब्ध करा सकते हैं। इन ऋंखलाओं की प्रथम कड़ी जून के तीसरे सप्ताह में आ सकती है। कथा-पाठ और काव्य-पाठ अलग-अलग दिनों में रखे जाएँगे।
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