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शाह व कैप्टन की रणनीति

शाह व कैप्टन की रणनीति

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)
देश के पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा के चुनाव में क्या इस बार सबसे रोचक नतीजे पंजाब से मिलेंगे? यह सवाल यूं ही नहीं उठ रहा है बल्कि भाजपा के वरिष्ठ नेता और केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने वहां के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ मिलकर इस तरह का चक्रव्यूह रचा है जिससे भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनाकर वहां उभर सकती है। पंजाब में शिरोमणि अकाली दल के साथ मिलकर भाजपा ने सरकार बनायी थी। शिरोमणि अकाली दल ने भाजपा को एक उपेक्षित सहयोगी दल ही समझा। इस बार के चुनावी परिवेश में कांग्रेस विभाजित हो चुकी है और जिस गुट के पास में सत्ता है, उसके सीएम और प्रदेश अध्यक्ष ही आपस में लड़ रहे हैं। मुख्य विपक्षी दल आम आदमी पार्टी (आप) है लेकिन सभी का ध्यान कांग्रेस छोड़कर आए पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और उनके साथी सुखदेव सिंह पर है। ढींढसा अच्छा जनाधार रखते हैं। इनके सहारे ही भाजपा पहली बार 117 सदस्यीय विधानसभा वाले राज्य पंजाब में 65 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। कैप्टन अमरिंदर सिंह की पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस को 37 सीटों पर चुनाव लडाने और उनके
साथी सुखदेव सिंह ढींढसा को 15 सीटों पर प्रत्याशी उतारने की रणनीति भाजपा के चाणक्य की है। कैप्टन ने सिद्धू को हराने की प्रतिज्ञा पहले ही कर ली है।
पंजाब में बीजेपी, पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पंजाब लोक कांग्रेस और सुखदेव सिंह ढींढसा की पार्टी के साथ सीटों के बंटवारे का ऐलान हो गया। समझौते के तहत पंजाब में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर 65 सीटों पर लड़ेगी। अमरिंदर की पार्टी 37 सीटों पर लड़ेगी और 15 सीटों पर ढींढसा की पार्टी मैदान में उतरेगी। पंजाब में 20 फरवरी को सभी 117 सीटों पर वोट डाले जाएंगे और 10 मार्च को नतीजे आएंगे।
अमरिंदर सिंह की पार्टी ने एक दिन पहले ही उम्मीदवारों का ऐलान किया है। ढींढसा की पार्टी शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 22 सीटों पर अपनी पार्टी के उम्मीदवारों का ऐलान किया है। इस लिस्ट में भारतीय हॉकी टीम के पूर्व खिलाड़ी अजीत पाल सिंह का नाम भी शामिल है। कैप्टन खुद पटियाला शहर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। अमरिंदर ने सीटों पर नामों की घोषणा करते हुए कहा था, हमने अच्छे उम्मीदवारों को उनके जीतने की संभावनाओं के आधार पर मैदान में उतारा है। साथ ही विभिन्न समुदायों और धर्मों के प्रतिनिधित्व का भी ध्यान रखा है। पंजाब लोक कांग्रेस को जो 37 सीटें मिली हैं, उसमें 26 सीटें मालवा क्षेत्र से आती हैं, जहां कैप्टन के परिवार का काफी प्रभाव माना जाता है। यह रीजन पहले के पटियाला की शाही रियासत के तहत आता है।
इसी क्षेत्र से कैप्टन अमरिंदर सिंह ने वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के लिए बड़ी बढ़त हासिल की थी, इसमें उनके कृषि सुधारों का बड़ा योगदान था। हालांकि कैप्टन के समर्थकों का कहना है कि इस बार पूर्व मुख्यमंत्री कृषि कानूनों की वापसी के जरिये जनता का समर्थन हासिल करेंगे। पंजाब के पूर्व सीएम ने कहा है कि उनकी पार्टी के प्रत्याशियों का मजबूत राजनीतिक जनाधार और विश्वास है। उनकी स्थानीय इलाकों में जबरदस्त पकड़ भी है। हालांकि इस लिस्ट में सिर्फ एक महिला प्रत्याशी फरजाना आलम खान का नाम शामिल है, जो अकाली दल की पूर्व विधायक हैं और पूर्व पुलिस प्रमुख इजहार आलम खान की पत्नी हैं। वो मालवा क्षेत्र की मालेरकोटला सीट से चुनाव मैदान में उतरेंगी। अमरिंदर सिंह पहले ही साफ कर चुके हैं कि वो पटियाला शहर सीट से चुनाव लड़ेंगे, जो लंबे समय से उनका गढ़ रहा है। गौरतलब है कि करीब 40 साल कांग्रेस में रहे अमरिंदर सिंह ने पंजाब के मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने की कवायद के बाद कांग्रेस छोड़ दी थी। उन्होंने कृषि कानूनों की वापसी को लेकर केंद्र सरकार से संपर्क साधा था। गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात भी की थी। कृषि कानूनों की वापसी के बाद अमरिंदर सिंह ने बीजेपी के साथ पंजाब चुनाव में जाने की घोषणा की थी। इससे पंजाब में चुनावी मुकाबला बेहद दिलचस्प हो गया है, आम आदमी पार्टी के अलावा, अकाली दल-बसपा का गठबंधन, कांग्रेस, बीजेपी-पंजाब लोक कांग्रेस के गठजोड़ के अलावा किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल की पार्टी भी चुनावी समर में उतरी है।
विधानसभा चुनावों में कोरोनावायरस महामारी के चलते चुनाव आयोग ने रैलियों और जनसभा को लेकर गाइडलाइंस जारी की हैं लेकिन एक के बाद एक ऐसी खबरें आ रही हैं, जहां पर चुनावी कार्यक्रमों के लिए कोविड नियमों का उल्लंघन के आरोप लग रहे हैं। चुनाव आयोग ने पंजाब चुनावों में प्रचार के लिए नोटिस भेजा है। पंजाब के संगरूर में आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार भगवंत मान पर प्रचार के दौरान कोरोना नियम के उल्लंघन का आरोप लगा है, जिसके चलते चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस भेजा है। पंजाब में आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री उम्मीदवार भगवंत मान मुख्यमंत्री उम्मीदवार बनने और धुरी से उम्मीदवार घोषित होने के बाद पहली बार अपने निर्वाचन क्षेत्र धुरी पहुंचे थे। धुरी सीट संगरूर जिले में आती है। दरअसल, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर में आठ जनवरी को चुनाव की तारीखों की घोषणा करते हुए निर्वाचन आयोग ने 15 जनवरी तक रैलियों, रोड शो और बाइक रैलियों तथा इसी तरह के प्रचार कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी। आयोग ने 15 जनवरी को प्रतिबंध को 22 जनवरी तक बढ़ा दिया था। शनिवार को इसे बढ़ाकर 31 जनवरी कर दिया गया। पंजाब में चुनाव की तारीखें रविदास जयंती की यात्रा के चलते बदली गई हैं। यहां 117 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव अब 14 फरवरी के बजाय 20 फरवरी को एक चरण में हो रहे हैं। संशोधित कार्यक्रम के मुताबिक नामांकन की अंतिम तारीख 1 फरवरी होगी। नामांकन पत्रों की जांच 2 फरवरी को की
जाएगी और 4 फरवरी तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। मतों की गणना सभी पांचों चुनावी राज्यों में 10 मार्च को होनी है। पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिद्धू ने आम आदमी पार्टी के पंजाब में मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करने की पूरी कवायद पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ये पूरी तरह एक फर्जीवाड़ा था। सिद्धू ने कहा, अरविंद केजरीवाल ने आप के मुख्यमंत्री पद का चेहरा तय करने के लिए जनता की राय मांगी थी और इसके लिए एक नंबर जारी किया था। दावा किया कि उसे 21 लाख मैसेज और कॉल मिली हैं। लेकिन अगर ये नंबर 24 घंटे भी काम करे तो एक दिन में 5 हजार से ज्यादा मैसेज या कॉल नहीं आ सकते। यह लोगों को बेवकूफ बनाने की एक चाल थी। इस प्रकार कांगे्रस भी आप से ही उलझी है तो भाजपा के लिए मैदान साफ है। (हिफी)
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