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राजनेताओं के सपने में भगवान कृष्ण

राजनेताओं के सपने में भगवान कृष्ण

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)
उत्तर प्रदेश मे आजकल नेताओं को सपने देखने की आदत पड़ गयी है। ये सपने भी कई स्तर के हैं। प्रदेश में विधानसभा के चुनाव होने हैं तो कितनों को यह सपना दिखाई पड़ता है कि उनको फलां क्षेत्र से विधानसभा का टिकट मिल गया है तो इसके विपरीत कितने ही विधायक यह सपना देखकर रात में ही जग जाते हैं कि उनका टिकट इस बार काट दिया गया है। वे सबेरे-सबेरे नहा धोकर किसी मंदिर या ज्योतिषी के पास पहुंच जाते हैं और अपने भविष्य के बारे में आश्वस्त होना चाहते हैं। इस बीच नेताओं के दो सपने ज्यादा चर्चा में हैं। एक सपना भाजपा के सांसद हरनाथ सिंह ने देखा है। सांसद हरनाथ ने बताया कि उनके सपने में भगवान कृष्ण आकर कहने लगे कि मथुरा से योगी आदित्यनाथ को विधानसभा का चुनाव लड़ाइए। योगी आदित्यनाथ विधान परिषद के सदस्य हैं। हालांकि उन्हांेने कहा है कि पार्टी उनको जहां से भी विधानसभा चुनाव लड़ने का निर्देश देगी, वे वहीं से चुनाव लड़ेंगे। मथुरा के बारे में उन्हांेने कोई जवाब नहीं दिया। हालांकि मथुरा और आगरा में विकास योजनाओं का शिलान्यास धड़ाधड़ हो रहा है।

इसी प्रकार का सपना समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी देखने लगे हैं। उन्हांेने हालांकि अब तक इस सपने को छुपाया था लेकिन जब भाजपा सांसद हरनाथ ने अपना सपना बताया तो सपा प्रमुख ने भी रहस्योद्घाटन कर दिया। अखिलेश यादव ने बताया कि लार्ड श्रीकृष्ण (भगवान श्रीकृष्ण) प्रत्येक रात उनके सपने में आते हैं और कल भी आये थे। सपने में आकर भगवान कृष्ण कहते हैं कि समाजवादी सरकार बनने जा रही है। हालांकि उन्हांेने यह नहीं बताया कि मथुरा से चुनाव लड़ेंगे। इतना जरूर कहा कि हमारी पार्टी जहां से कहेगी, वहीं से चुनाव लड़ेंगे। बहरहाल, भगवान कृष्ण सबसे बड़े करिश्माई राजनेता भी थे। उन्हांेने कर्ण के कंधे पर हाथ रखा और भीष्म पितामह को प्रणाम भी किया। इतना ही नहीं दुर्योधन भी जब पहली बार माता गंधारी के सामने निर्वस्त्र होकर जा रहा था, तब वह भी श्रीकृष्ण जी की बातों में उलझ गया था। उसका समूचा शरीर बज्र का हो जाता तो भीम की औकात नहीं थी कि गदा युद्ध में पराजित कर पाते। इसलिए योगीराज कृष्ण को समझना इतना आसान नहीं है। रही बात नेताओं की तो उनकी अपनी आंखें हैं, उनके अपने सपने हैं। चाहे जिस तरह से देखें। चुनाव होने तक इस तरह के तमाशे जनता भी देखकर मजा लेगी।

उत्तर प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि उनकी पार्टी यूपी विधानसभा चुनाव में जहां से कहेगी, वहां से चुनाव लड़ लेंगे। अखिलेश ने कहा, ‘भगवान श्रीकृष्ण मेरे भी सपने में आते हैं और कल भी आए थे। रोज आते हैं और कहते हैं कि समाजवादी सरकार बनने जा रही है। हमारी पार्टी जहां से कहेगी वहां से हम चुनाव लड़ेंगे।’ अखिलेश यादव ने इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तंज कसा। उन्होंने कहा, ‘अगर बेटा परीक्षा में पास ना हो रहा है तो कई बार मां, बाप, चाचा भी जाते हैं नकल कराकर पास कराने, ऐसे भी बाबा मुख्यमंत्री फेल हो गए हैं।’ वहीं, सीएम योगी आदित्यनाथ को मथुरा से चुनाव लड़ाने की बीजेपी सांसद हरनाथ सिंह की मांग पर सपा अध्यक्ष ने कहा, ‘जब बाबा मुख्यमंत्री चुनाव लड़ने जाएंगे, तब उस क्षेत्र के लोग पूछेंगे कि रोजगार क्यों नहीं मिला? किसान की आय दोगुनी कब होगी पूछेंगे, व्यापारी भी यही सवाल पूछेंगे।’ अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा के लंबे-लंबे भाषणों में किसानों की बात नहीं होती। भाजपा की नजर वोट पर है तभी कृषि कानून वापस लिये। इसके साथ ही उन्होंने अपना ऐलान दोहराते हुए कहा कि किसान आंदोलन में मारे गए किसानों को 25-25 लाख की मदद की जाएगी। सरकार बनने पर एक स्मारक भी बनवाया जाएगा। सपा सुप्रीमो ने साथ ही कहा कि जिस दिन से नए साल पर 300 यूनिट फ्री बिजली का फैसला लिया, नए साल पर भाजपा को सबसे ज्यादा करेंट लगा। भाजपा वाले पूछ रहे हैं कि बिजली कहां से मिलेगी? मुख्यमंत्री ने अगर अच्छा काम किया होता तो बिजली की कमी नहीं होती। हमारे अनुपयोगी मुख्यमंत्री अगर ध्यान देते तो पॉवरप्लांट जल्दी तैयार हो जाते। जब 300 यूनिट फ्री देने का वादा किया है तो उसके पीछे तमाम योजनाएं हैं जो पूरी की जाएंगी।

बहरहाल, विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी पूरी तरह से तैयारियों में जुट चुकी है। एक ओर जहां पीएम मोदी, अमित शाह और सीएम योगी समेत पार्टी के दिग्गज नेता ताबड़तोड़ रैलियां कर भाजपा के पक्ष में हवा बना रहे हैं, वहीं दूसरी ओर भगवा पार्टी की टीम जमीन पर उतर चुकी है और टिकट बंटवारे से पहले लोगों की राय ले रही है। दरअसल, चुनाव की तारीख का ऐलान कभी भी हो सकता है, ऐसे में भाजपा भी टिकट को लेकर अब अपने निर्णायक स्टेज में पहुंच चुकी है। भाजपा टिकट बंटवारे से पहले हर विधानसभा क्षेत्र में सर्वे करा रही है। मकसद है कि पार्टी कार्यकर्ताओं की राय को आलाकमान से अवगत कराना और फिर टिकट बंटवारे में उन तथ्यों को ध्यान में रखना जो सर्वे से सामने आएंगे। इस प्रकार भारतीय जनता पार्टी में टिकटों को लेकर महामंथन शुरू हो गया है। अब इसके लिए विधानसभा क्षेत्रों में फाइनल सर्वे किए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दिल्ली और मध्य प्रदेश भाजपा की टीम आ चुकी है और यहां करीब एक सप्ताह तक अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में जाकर सर्वे करेगी। सर्वे के बाद जो यह टीम रिपोर्ट तैयार करेगी, उसे पार्टी नेतृत्व को सौंप दी जाएगी। माना जा रहा है कि दिल्ली और एमपी भाजपा की यह टीम पश्चिमी यूपी की करीब 71 सीटों पर यह सर्वे कर रही है। प्रदेशस्तरीय नेता को एक-एक मंडल की जिम्मेदारी दी गई है। वहीं तीन-तीन पदाधिकारियों को एक-एक विधानसभा क्षेत्र में लगाया गया है। टीम फाइनल सर्वे का काम शुरू कर चुकी है। मेरठ मंडल की जिम्मेदारी दिल्ली भाजपा के प्रदेशस्तरीय पदाधिकारी को दी गई है। माना जा रहा है कि भाजपा पदाधिकारियों की यह टीम इस मंडल के सभी जिलों का दौरा कर रही है और वह आम वोटर से लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं से मिल रही है और उनकी राय जान रही है। भगवान कृष्ण की नगरी मथुरा, जिसको लेकर सपने में भगवान कृष्ण चुनाव लड़ने का निमंत्रण दे रहे हैं, वहां के इस राजनीतिक खानदान की सियासत भी बदलाव की साक्षी रही है। कुंवर मानवेन्द्र सिंह कांग्रेसी थे। वे यहां से तीन बार सांसद रहे। एक बार तो उन्होंने चैधरी चरण सिंह की पत्नी और अजित सिंह की मां गायत्री देवी को भी हराया था लेकिन, राजनीतिक चैसर की चाल देखिये कि उनके भाई अजित सिंह की पार्टी राष्ट्रीय लोकदल का झण्डा थामे हुए हैं। मानवेन्द्र सिंह के छोटे भाई नरेन्द्र सिंह 2019 का चुनाव रालोद से लड़ चुके हैं। अभी रालोद में बने हुए हैं। भाजपा की हेमामालिनी मथुरा से सांसद हैं। (हिफी)
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